अमेरिका में इज़रायली दूतावास के कर्मियों की हत्या पर भारत ने क्या कहा?

हत्या के मामले में एलियास रोड्रिगेज़ नामक एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है

अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में प्रतिष्ठित कैपिटल यहूदी संग्रहालय के सामने इज़रायली दूतावास के 2 कर्मचारियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। वॉशिंगटन डीसी के पुलिस चीफ के मुताबिक, जिन संदिग्धों ने गोलीबारी की है वे ‘फिलिस्तीन को आज़ाद करो’ और ‘फ्री-फ्री पैलिस्टाइन’ के नारे लगा रहे थे, जिसके बाद उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। हत्या के मामले में एलियास रोड्रिगेज़ नामक एक संदिग्ध को हिरासत में भी लिया गया है। मेट्रोपॉलिटन पुलिस की प्रमुख पामेला स्मिथ ने हिरासत में लिए गए संदिग्ध के बारे में बताया कि गोलीबारी करने के बाद वह संग्रहालय के अंदर गया और यहां उसे सुरक्षाकर्मियों ने रोक लिया था। वहीं, दुनिया भर के कई नेताओं ने इन हत्याओं पर शोक जताया है जिनमें भारत भी शामिल है।

भारत ने क्या कहा?

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। जयशंकर ने ‘X’ पर एक पोस्ट में लिखा, “वॉशिंगटन डीसी में इज़रायली राजनयिकों की हत्या की कठोरतम शब्दों में निंदा करता हूं, हमारी भावनाएं और दुआएं उनके परिवार और साथियों के साथ हैं।” जयशंकर ने कहा है कि इस घटना के अपराधियों को इंसाफ के कठघरे में लाया जाना चाहिए। इस पोस्ट में जयशंकर ने इज़रायल के विदेश मंत्री गिदोन सार (Gideon Sa’ar) को भी टैग किया है। सार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जयशंकर का धन्यवाद दिया और उन्हें अच्छा दोस्त बताया है।

क्या बोले ट्रंप और नेतन्याहू?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन हत्याओं को यहूदी-विरोधी भावना से भरी बताया है। ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर लिखा, “डीसी में हुई ये हत्याएं बहुत ही भयावह और स्पष्ट रूप से यहूदी-विरोधी भावना पर आधारित हैं। अब यह सब समाप्त होना ही चाहिए! नफरत और कट्टरपंथ के लिए अमेरिका में कोई जगह नहीं है। पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना।”

वहीं, इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका में हमले में मारे गए लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा है, “”हम देख रहे हैं कि यहूदी विरोध और इज़राइल के खिलाफ फैलाई जा रही झूठी बातें कितनी खतरनाक साबित हो रही हैं। इन झूठे आरोपों की वजह से लोग मारे जा रहे हैं। हमें इन झूठों और नफरत का मजबूती से सामना करना होगा।”

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