तुर्की में कांग्रेस के ‘दफ्तर’ की पूरी कहानी क्या है?

पाकिस्तान के समर्थन को लेकर भारत में हो रही है तुर्की के बायकॉट की मांग

ओवरसीज़ कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने इस मामले पर बयान जारी किया है

ओवरसीज़ कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने इस मामले पर बयान जारी किया है

भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष के दौरान तुर्की ने पाकिस्तान को अपना खुला समर्थन दिया था। पाकिस्तान ने भारत पर हमला करने के लिए तुर्की में निर्मित ड्रोन्स का इस्तेमाल किया था और तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने यहां तक कहा था कि पाकिस्तान के लोग भाई की तरह हैं और उनके लिए अल्लाह से दुआ करते हैं। तनाव के बीच तुर्की की एयरफोर्स का सी-130 जेट और तुर्की का युद्धपोत भी कराची पोर्ट पर पहुंचा था। हालांकि, इसे तुर्की ने दोनों देशों के तनाव से इतर बताया लेकिन फिर भी इस पर लगातार शंकाए बनी हुई हैं। भारत में इसके बाद तुर्की के बायकॉट की मांग तेज़ हो गई और कांग्रेस की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तुर्की के बायकॉट को लेकर सवाल किया गया तो कांग्रेस नेता पवन खेड़ा और जयराम रमेश जवाब देने के बजाय एक-दूसरे की तरफ माइक को घुमाते हुए नजर आए। इस बीच कांग्रेस के तुर्की के ‘दफ्तर’ को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं।

‘तुर्की में दफ्तर’ मामले पर कांग्रेस ने दर्ज कराई FIR

कांग्रेस ने ‘तुर्की में दफ्तर’ से जुड़ी रिपब्लिक टीवी की एक खबर को लेकर पत्रकार अर्नब गोस्वामी और बीजेपी की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय के खिलाफ कर्नाटक के बेंगलुरु समेत देश के कई हिस्सों में अलग-अलग केस दर्ज कराए थे

इस खबर में इस्तांबुल कांग्रेस सेंटर की बिल्डिंग को कांग्रेस के तुर्की के दफ्तर के तौर पर दिखाया गया था। मालवीय ने बीते 17 मई को X पर यह क्लिप शेयर कर दी थी जिसे चलते उनके खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।

हालांकि, रिपब्लिक टीवी ने इसे गलती बताते हुए माफी मांगते हुए कहा, “अनजाने में हुई यह त्रुटि लाइव शो समाप्त होने के बाद हुई और इसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर चलाया गया। जैसे ही यह हमारे ध्यान में लाया गया, इसे तुरंत ठीक कर दिया गया। हम ईमानदारी से और बिना शर्त त्रुटि के लिए खेद व्यक्त करते हैं।”

इसके बाद कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बीते गुरुवार को अमित मालवीय और अर्नब गोस्वामी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 20 मई को होनी है।

मालवीय ने फिर पूछा सवाल

अमित मालवीय ने शनिवार (24 मई) को एक बार फिर कांग्रेस के तुर्की के दफ्तर को लेकर सवाल पूछा है। मालवीय ने X पर लिखा, “कांग्रेस ने अभी तक यह नहीं बताया है कि उसने 2019 में तुर्की में अपना कार्यालय क्यों खोला? और ऐसा क्यों किया गया, जब तुर्की ने कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया था?”

2019 में कांग्रेस ने खोला था दफ्तर!

कांग्रेस ने 2019 में तुर्की में अपनी दफ्तर खोला था इसकी जानकारी कई मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है। तुर्की की Anadolu Agency (AA) द्वारा 11 नवंबर 2019 को ‘भारत के मुख्य विपक्षी दल ने तुर्की में कार्यालय खोला’ हेडिंग से एक खबर प्रकाशित की थी। इस खबर में बताया गया, “कांग्रेस के इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (IOC) द्वारा इस्तांबुल स्थित कार्यालय पर जारी बयान में पार्टी सदस्य मोहम्मद यूसुफ खान को तुर्की में IOC की अध्यक्षता के लिए नामित किया गया।” इस खबर में यूसुफ खान के हवाले से कहा गया है, “खान ने अपनी ओर से कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य भारत और तुर्की के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाना होगा, खासतौर पर राजनीति, संस्कृति, व्यापार, पर्यटन, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में।

Anadolu Agency में प्रकाशित खबर

अमित मालवीय ने 12 नवंबर 2019 को एक ट्वीट कर लिखा था, “भारत की मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने तुर्की में कार्यालय खोला है और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एक प्रतिनिधि नियुक्त किया है। यह ठीक उस समय हुआ जब तुर्की ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को अपना समर्थन दिया था?”

कांग्रेस ने विवाद पर क्या कहा?

कांग्रेस के ओवरसीज विभाग (IOC) के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने तुर्की में अपना ऑफिस होने से जुड़े खबरों पर प्रतिक्रिया दी थी। जयराम ने पित्रोदा, “हमें यह जानकारी मिली है कि कुछ राष्ट्रीय मीडिया चैनल जानबूझकर झूठी और भ्रामक खबरें फैला रहे हैं, जिनमें यह दावा किया जा रहा है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का तुर्की (इस्तांबुल) में कोई पंजीकृत कार्यालय या बिल्डिंग है।” उन्होंने कहा, “हम इस तरह की अफवाहों की कड़ी निंदा करते हैं और स्पष्ट रूप से इन बेबुनियाद दावों को खारिज करते हैं। यह खबरें केवल जनता को भ्रमित करने और हमारी पार्टी की छवि को नुकसान पहुँचाने के उद्देश्य से फैलाई जा रही हैं।”

पित्रोदा ने IOC के बारे में कहा है कि जैसे दुनिया की कई बड़ी राजनीतिक पार्टियों के विदेश विभाग होते हैं, वैसे ही हमारी पार्टी का भी एक “ओवरसीज डिपार्टमेंट” है, जिसके प्रतिनिधि 25 से ज़्यादा देशों में मौजूद हैं। इनका मकसद है:

वहीं, उन्होंने तुर्की  के लिए कांग्रेस IOC अध्यक्ष को लेकर कहा कि उनका नाम मोहम्मद यूसुफ़ खान है और वे छात्र जीवन से ही कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं और पूरी निष्ठा के साथ सेवा कर रहे हैं। पित्रोदा ने बताया कि मोहम्मद यूसुफ़ नेशनल गेम्स में फेंसिंग (तलवारबाज़ी) में मेडल जीत चुके हैं और करीब 25 राष्ट्रीय फेंसिंग प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके हैं।

लंबे समय से कांग्रेस तुर्किये को लेकर सवालों के घेरे मे हैं और जयराम-पवन खेड़ा के इस पर साफ प्रतिक्रिया ना देने को लेकर इस विवाद को और बल मिला था। विदेश में दफ्तर या विदेश पार्टी के साथ रिश्ते को लेकर कांग्रेस पर विवाद नया नहीं है। तुर्किये के अलावा कांग्रेस पर चीन के साथ सांठ-गांठ होने के आरोप भी लगते हैं और अक्सर चीन-कांग्रेस के बीच कथित समझौते को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं। ऐसे में जब तुर्किये खुलकर पाकिस्तान का समर्थन कर रहा है तो कांग्रेस को बिना किसी झिझक के खुलकर तुर्की का विरोध करना ही चाहिए। ऐसे में कांग्रेस के मुद्दे को गोल-गोल घुमाने को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

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