तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां बाल विवाह के मामलों में गिरफ्तारी से बचने के लिए परिवारों द्वारा लड़कियों के आधार कार्ड में जन्मतिथि बदलने के छह मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पिछले छह महीनों में केलमंगलम ब्लॉक में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं। पूरा मामला इस गंभीर सामाजिक बुराई और उसके बाद उसे छुपाने के लिए गैरकानूनी रास्ते अपनाने की कोशिशों को उजागर करती है।
ऐसे सामने आए मामले
धोखाधड़ी तब सामने आई जब स्वास्थ्य विभाग ने प्रेग्नेंसी एंड इन्फेंट कोहोर्ट मॉनिटरिंग एंड इवैल्यूएशन (PICME) प्रणाली का उपयोग किया। स्वास्थ्य विभाग ने बेट्टामुकिललम, कोप्पाकरई, जक्करी और केलमंगलम ब्लॉक के अन्य क्षेत्रों की छह कम उम्र की विवाहित लड़कियों को गर्भवती पाया। जब उनके आधार कार्ड के विवरण को PICME पोर्टल पर आधार सीडिंग विवरण से मिलाया गया तो जन्म तिथि में हेरफेर का पता चला।
PICME तमिलनाडु सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं को ट्रैक करने के लिए तैनात एक महत्वपूर्ण प्रणाली है। PICME पर पंजीकृत व्यक्तियों को एक आईडी प्रदान की जाती है। इसका उपयोग स्वास्थ्य विभाग गर्भावस्था के सभी पहलुओं को ट्रैक करने के लिए करता है।
चौंकाने वाला मामला
पिछले अक्टूबर में 29 वर्षीय व्यक्ति से शादी करने वाली 14 वर्षीय लड़की मई के अंतिम सप्ताह में नागमंगलम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आई, ताकि वह अपने आधार कार्ड के साथ अपनी गर्भावस्था को पंजीकृत करा सके। स्वास्थ्य अधिकारी ने उसका डाटा पंजीकृत करने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो सका। तब पता चला कि जहां PICME पोर्टल में लड़की की उम्र 14 वर्ष दिखाई गई थी। जबकि, लड़की के पास मौजूद आधार कार्ड में उसकी उम्र 20 वर्ष थी।
- अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक जिले में 545 किशोर गर्भधारण के मामले सामने आए।
- सबसे अधिक मामले शूलागिरी (81), कृष्णागिरी रूरल (72) और केलमंगलम (66) ब्लॉक से आए।
- एक स्वास्थ्यकर्मी को फर्जीवाड़े में संलिप्तता के चलते बेट्टामुगिलालम पंचायत से बर्खास्त किया गया।
पूछताछ करने पर लड़की और उसके पति ने स्वीकार किया कि आदमी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कुछ महीने पहले डेन्कानीकोट्टई के एक ब्राउज़िंग सेंटर में 200 रुपये में आधार कार्ड की जन्मतिथि में छह साल का अंतर कर दिया था। इस मामले को होसुर सरकारी अस्पताल भेजा गया और डेन्कानीकोट्टई ऑल वीमेंस पुलिस स्टेशन को सूचित किया गया।
रैकेट और अधिकारियों की मिलीभगत
कंप्यूटर केंद्रों और फोटो स्टूडियो में 500 रुपये प्रति कार्ड के हिसाब से विवरणों में हेरफेर करके कई फर्जी आधार कार्ड बनाए गए। कुछ मामलों में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी इस अवैध गतिविधि में शामिल पाए गए। रायकोट्टई और डेन्कानीकोट्टई में दो ब्राउज़िंग सेंटर और एक फोटो स्टूडियो भी इसमें शामिल थे।
- 500 रुपये में बन रहे फर्जी आधार कार्ड, कंप्यूटर सेंटर और फोटो स्टूडियो बने अड्डा
- कुछ मामलों में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत का भी संदेह
- दो ब्राउज़िंग सेंटर और एक फोटो स्टूडियो रडार पर
- बेट्टामुगिलालम पंचायत में एक स्वास्थ्यकर्मी को सेवा से हटाया गया
केलमंगलम ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. सी राजेश कुमार ने बताया कि एक टीम ब्राउज़िंग सेंटर और फोटो स्टूडियो की जांच करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि ग्राम स्वास्थ्य नर्सों (VHN) को पहले ही इस मुद्दे पर चेतावनी दी जा चुकी है और उन्हें बाल विवाह के मामलों का समर्थन न करने का निर्देश दिया गया है। कुछ महीने पहले, बेट्टामुकिललम पंचायत में धोखाधड़ी वाली गतिविधि का समर्थन करने के लिए एक स्वास्थ्य कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया था।
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किशोर गर्भावस्था के आंकड़े
कृष्णागिरी जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जी रमेश कुमार ने बताया कि अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक जिले में 545 किशोर गर्भावस्थाएं दर्ज की गईं। सबसे अधिक मामले शूलगिरी (81), कृष्णागिरी ग्रामीण (72) और केलमंगलम (66) में सामने आए। कलेक्टर सी दिनेश ने बताया कि उन्हें एक मामले का विवरण मिला है और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक टीम का गठन किया जाएगा।