क्यों अहम है 10 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कनाडा दौरा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए कनाडा पहुंच गए हैं। आइये जानें ये दौरा भारत के लिए किन मायनों में खास है।

G 7 Summit PM Modi In Canada

G 7 Summit PM Modi In Canada

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज में लगातार भारत की साख दुनिया में बढ़ रही है। उन्हें अन्य देशों से लगातार आमंत्रण और सम्मान मिल रहा है। इसी क्रम में PM मोदी सोमवार शाम कनाडा के कैलगरी पहुंचे। यहां वो G-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह एक दशक में प्रधानमंत्री मोदी की पहली कनाडा यात्रा है। इस यात्रा का उद्देश्य महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करना, ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर जोर देना और कनाडा के साथ द्विपक्षीय संबंधों को फिर से मजबूत करना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा के पीएम मार्क कार्नी के निमंत्रण पर साइप्रस दौरे के बाद सीधे कनैनिस्किस पहुंचे हैं। यह G-7 शिखर सम्मेलन में उनकी लगातार छठी भागीदारी है। सम्मेलन 16 जून से 17 जून तक चलेगा। पीएम मोदी का ये दौरा कई मायनों में अहम है।

पीएम नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम को एक पोस्ट किया। इसमें उन्होंने कहा कि G-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा के कैलगरी पहुंच गया हूं। शिखर सम्मेलन में अलग-अलग नेताओं से मुलाकात करूंगा और महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार साझा करूंगा। ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर भी जोर दूंगा। बता दें ग्लोबल साउथ शब्द आमतौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों के संदर्भ में इस्तेमाल किया जाता है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बताया कि प्रधानमंत्री ऊर्जा सुरक्षा के भविष्य, विविधीकरण, प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे और निवेश पर G-7 चर्चाओं में भाग लेंगे, ताकि बदलती दुनिया में भारत की पहुंच और सामर्थ्य सुनिश्चित की जा सके।

वैश्विक नेताओं से मुलाकात करेंगे पीएम नरेंद्र मोदी

यह सम्मेलन भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर शुरू किए जाने के एक महीने बाद हो रहा है। ऑपरेशन के तहत 22 अप्रैल के पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया था। ऐसे महत्वपूर्ण समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैश्विक नेताओं से मुलाकात रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

कनाडा-भारत संबंधों में सुधार की उम्मीद

G-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को मार्क कार्नी द्वारा दिया गया आमंत्रण नई कनाडाई सरकार की भारत के साथ संबंधों को सुधारने की मंशा का संकेत है। खालिस्तानी समर्थक अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद दोनों देशों के संबंध सबसे खराब स्थिति में पहुंच गए थे। अर्थशास्त्री कार्नी ने जस्टिन ट्रूडो के शीर्ष पद से हटने के बाद कनाडा के नए प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला है। पिछले कुछ महीनों में भारत और कनाडा के सुरक्षा अधिकारियों ने फिर से संपर्क शुरू किया है और दोनों पक्ष नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति की संभावना पर विचार कर रहे हैं।

कई द्विपक्षीय बैठकें होंगी

प्रधानमंत्री इस सम्मेलन से इतर कई द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। इसमें कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ द्विपक्षीय बैठक भी शामिल है। भारतीय प्रधानमंत्री का 2015 के बाद यह पहला कनाडाई दौरा है जो दोनों देशों के बीच संबंधों को पुनर्जीवित करने के लिए महत्वपूर्ण है।

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G-7 शिखर सम्मेलन की भूमिका

‘ग्रुप ऑफ सेवन’ (G-7) दुनिया की सात अर्थव्यवस्थाओं (फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, इटली और कनाडा तथा यूरोपीय संघ) का एक अनौपचारिक समूह है। इसके सदस्य वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए हर साल G-7 शिखर सम्मेलन में मिलते हैं। विश्व की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल भारत को पिछले कुछ वर्षों से नियमित रूप से G-7 शिखर सम्मेलन के संपर्क सत्र में आमंत्रित किया जाता रहा है।

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