ग्रेटा थनबर्ग को इज़रायली कमांडो ने बीच समंदर में ‘हिरासत’ में लिया, जानें क्या है पूरा मामला?

इज़रायल ने पहले ही इस जहाज में मौजूद लोगों को कार्रवाई के विषय में चेता दिया था

इज़रायली नौसेना ने गाजा की ओर मानवीय सहायता लेकर बढ़ रहे ब्रिटिश ध्वज वाले एक जहाज ‘मैडलीन’ को बीच में ही रोक लिया है। इस जहाज को फ्रीडम फ्लोटिला गठबंधन (एफएफसी) संचालित कर रहा था, जिसमें मशहूर क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग और अन्य 11 मानवाधिकार कार्यकर्ता मौजूद हैं। जहाज़ पर मौजूद लोगों को कथित तौर पर इज़रायल के कमांडो ने हिरासत में ले लिया है। इज़रायल ने पहले ही इस जहाज में मौजूद लोगों को इस कार्रवाई के विषय में चेता दिया था। इनमें यूरोपीय संसद (एमईपी) की सदस्य रीमा हसन भी हैं। कथित तौर पर यह पानी का जहाज गाजा पट्टी पर इज़रायल की लंबे समय से चली आ रही नौसेना की नाकाबंदी को तोड़ने की कोशिश कर रहा था।

रीमा हसन ने क्या कहा?

रीमा हसन ने बताया कि इज़रायली सेना ने रात करीब 2 बजे जहाज को रोका, जब यह अंतरराष्ट्रीय जलसीमा में मौजूद था। रीमा हसन ने ‘एक्स’ पर लिखा, “फ्रीडम फ्लोटिला के क्रू को इज़रायली सेना ने रात करीब 2 बजे अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में गिरफ्तार कर लिया। कार्रवाई होने वाली है, देखते रहिए।” हसन ने एक तस्वीर शेयर की, जिसमें लाइफ जैकेट पहने हुए लोग हाथ ऊपर उठाए बैठे नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर को देखकर लगता है कि उन्हें हिरासत में लिया गया है। एफएफसी ने टेलीग्राम के माध्यम से पुष्टि की है कि मैडलीन के साथ कम्यूनिकेशन टूट गए हैं। इसके साथ ही कार्यकर्ताओं ने इज़रायली बलों पर ‘अपहरण’ का आरोप लगाया है

ग्रेटा थनबर्ग ने क्या कहा?

इस बीच ग्रेटा थनबर्ग ने भी स्वीडिश सरकार से स्वयंसेवकों की रिहाई की अपील करते हुए एक वीडियो पोस्ट किया। ग्रेटा थनबर्ग ने वीडियो मैसेज में कहा, “इज़रायली कब्जे वाले बलों या इजरायल का समर्थन करने वाले बलों ने अंतर्राष्ट्रीय जलक्षेत्र में रोककर, हमारा अपहरण कर लिया। मैं अपने सभी दोस्तों, परिवार और साथियों से आग्रह करती हूं कि वह स्वीडिश सरकार पर मुझे और अन्य लोगों को जल्द से जल्द रिहा करने के लिए दबाव डालें।”

इज़रायल के विदेश मंत्रालय ने ग्रेटा थनबर्ग पर क्या कहा?

सिसिली से रवाना हुए ‘द मैडलीन’ नामक इस जहाज में कथित तौर पर चावल और बेबी फार्मूला समेत मानवीय सहायता सामग्री थी। मिशन का उद्देश्य गाजा में मदद पहुंचाना और 2007 से लागू इज़रायली नौसैनिक नाकाबंदी को चुनौती देना था। इज़रायल के विदेश मंत्रालय ने इसे ‘सेलिब्रिटीज की सेल्फी नौका’ बताते हुए दावा किया कि कार्यकर्ता मीडिया स्टंट कर रहे थे। ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में मंत्रालय ने कहा, “ग्रेटा और अन्य लोगों ने मीडिया का ध्यान खींचने की कोशिश की। पिछले दो हफ्तों में 1200 से ज्यादा सहायता ट्रक इजरायल से गाजा में प्रवेश कर चुके हैं।” मंत्रालय ने कहा, “गाजा पट्टी में सहायता पहुंचाने के तरीके हैं, इसमें इंस्टाग्राम सेल्फी शामिल नहीं है।”

यह घटना हाल के महीनों में एफएफसी के गाजा तक पहुंचने की दूसरी असफल कोशिश है। मई की शुरुआत में इस ग्रुप के जहाज ‘कॉन्शियस’ को माल्टा के पास अंतरराष्ट्रीय जलसीमा में कथित ड्रोन हमले में क्षतिग्रस्त कर दिया गया था, जिसके लिए एफएफसी ने इजरायल को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि, इजरायल सरकार ने उस घटना में शामिल होने की न तो पुष्टि की है और न ही इनकार किया।

तुर्की के विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

तुर्की के विदेश मंत्रालय ने भी इस जहाज को रोके जाने को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है। तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस जहाज में हमारे नागरिक भी सवार थे और जब इसे रोका गया तब यह अंतरराष्ट्रीय पानी में था। तुर्की ने कहा, “यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। नेतन्याहू सरकार का यह कड़ा क़दम समुद्री सुरक्षा और नौवहन की आज़ादी को ख़तरे में डालता है और यह दिखाता है कि इसराइल आतंक फैलाने वाला देश बन चुका है।”

(एजेंसी से इनपुट के साथ)

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