पत्नी की अस्थियां बहाकर लौट रहे थे, गुजरात प्लेन क्रैश ने छीन ली ज़िंदगी- अब कौन करेगा अर्जुनभाई का अंतिम संस्कार?

पत्नी की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए अर्जुनभाई अपनी दोनों बेटियों को लंदन में छोड़कर भारत आए थे।

गुजरात के अहमदाबाद के मेघाणी नगर इलाके में हुए एयर इंडिया फ्लाइट AI171 के दर्दनाक हादसे के बाद अब इससे जुड़ी कई हृदय विदारक कहानियां सामने आ रही हैं। कोई नई जिंदगी की शुरुआत करने जा रहा था तो कोई पहली बार विदेश की यात्रा पर था। लेकिन प्लेन क्रैश के बाद कई लोगों की ज़िंदगी अब बस एक कहानी बनकर रह गई है। इन्हीं में एक और मार्मिक कहानी सामने आई है, जिसने हर किसी को भावुक कर दिया है।

यह कहानी है अमरेली जिले के वाडिया गांव निवासी अर्जुनभाई मनुभाई पटोलिया की, जो लंदन में रहते थे। सात दिन पहले उनकी पत्नी भारतीबेन का लंदन में निधन हो गया था। भारतीबेन की अंतिम इच्छा थी कि उनकी अस्थियां उनके पैतृक गांव अमरेली के तालाब और नदी में विसर्जित की जाएं। पत्नी की यह अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए अर्जुनभाई अपनी दोनों बेटियों को लंदन में छोड़कर भारत आए थे

कौन करेगा अर्जुनभाई का अंतिम संस्कार?

अर्जुनभाई ने अमरेली स्थित अपने गांव में परिजनों के साथ पत्नी की अस्थियों का विधिपूर्वक पूजा-पाठ कर विसर्जन किया। इसके बाद वे एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 से लंदन लौट रहे थे। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। फ्लाइट अहमदाबाद से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई और इस भयावह हादसे में अर्जुनभाई की भी मौत हो गई। अब सवाल यह है कि अर्जुनभाई का अंतिम संस्कार कौन करेगा? उनकी दोनों बेटियां (एक 8 और दूसरी 4 वर्ष) अभी लंदन में हैं और माता-पिता दोनों को खो चुकी हैं। यह हादसा उनके लिए एक असहनीय त्रासदी बन गया है। अर्जुनभाई के पिता पहले ही दिवंगत हो चुके हैं और उनकी मां मौजूदा समय में सूरत में रहती हैं।

अर्जुनभाई की मृत्यु की खबर मिलते ही अमरेली जिले में उनके गांव और रिश्तेदारों के घरों में शोक की लहर दौड़ गई है। गांव के लोग इस हृदय विदारक घटना से स्तब्ध हैं और सवाल कर रहे हैं कि इतनी छोटी उम्र में दो मासूम बच्चियां कैसे इस अपार दुख का सामना करेंगी। गुजरात में हुए एअर इंडिया के इस प्लेन क्रैश ने न सिर्फ सैकड़ों जिंदगियां प्रभावित की हैं बल्कि उनके परिवारों को टूटकर रख दिया है। अर्जुनभाई पटोलिया की यह घटना उस पीड़ा का प्रतीक है, जो इस त्रासदी में अनगिनत घरों में पसरी है।

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