जयराम रमेश के सफेद झूठ: मोदी-ट्रंप की चर्चा को बताया भ्रामक; मोबाइल स्क्रीन में पकड़ी गई चोरी

कांग्रेस नेता जयराम रमेश के सफेद झूठ की चोरी अब पकड़ी गई है। उन्होंने अमेरिका के पुराने बयान को हाल में हुई पीएम मोदी और ट्रंप की चर्चा से जोड़कर भ्रामक बताया था। आइये जानें पूरा मामला क्या है?

Congress Leader Jairam Ramesh On PM Modi Donald Trump

Congress Leader Jairam Ramesh On PM Modi Donald Trump

सियासत की बिसात पर कांग्रेस नेताओं का झूठ का पुलिंदा एक बार फिर खुल गया है। राहुल गांधी तो अक्सर अपने बयानों को लेकर घिरते नजर आते ही रहते हैं। हालांकि, इस बार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने झूठ का बहीखाता ही खोल दिया। ऐसा लगता है मानो कांग्रेस और भ्रम फैलाना एक दूसरे के पर्याय बन गए हैं। राहुल गांधी जहां हर मुद्दे पर मौसमी चिंता जताकर गायब हो जाते है। ठीक उसी तरह उनके नेता जयराम रमेश ने अपनी ढपली अपना राग बजाते हुए तथ्यों को तोड़-मरोड़कर आधे अधूरे सच के साथ भ्रम फैलाने में माहिर हो गए हैं। हालांकि, उन्होंने इस बार ऐसा सफेद झूठ बोला है कि WhatsApp यूनिवर्सिटी भी उनके सामने फेल हो गई है।

जयराम रमेश ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातचीत को लेकर एक पुरानी प्रेस विज्ञप्ति का गलत संदर्भ देकर भ्रम फैलाने की कोशिश की है। उनके इस कृत्य ने उन्हें सोशल मीडिया पर उपहास का पात्र बना दिया है। ऐसा लगता है मानो सत्य के नाम पर भ्रम परोसना उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। आइये जानें आखिर क्या है पूरा मामला और पूरी सच?

जयराम रमेश का भ्रामक बयान

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा कि असीम मुनीर ने आग लगाने का जो बयान दिया था उसका सीधा संबंध 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले से है। आज इसी व्यक्ति को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ भोजन करने का विशेष निमंत्रण मिला है। हमारा प्रतिनिधिमंडल तो केवल उप राष्ट्रपति से मिल सकता था लेकिन असीम मुनीर राष्ट्रपति से मिले हैं।

इतना ही नहीं जयराम रमेश ने व्हाइट हाउस की विज्ञप्ति दिखाते हुए कहा कि कि प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच 35 मिनट तक फोन पर बात हुई। राष्ट्रपति ट्रंप ने बातचीत के बारे में जो कहा और हमें जो कहा गया उसमें जमीन आसमान का फर्क है। प्रधानमंत्री मोदी आप एक सर्वदलीय बैठक क्यों नहीं बुलाते है? आप विपक्ष को क्यों नहीं बुलाते हैं? आप सर्वदलीय बैठक में कहिए कि डोनाल्ड ट्रंप क्या बात हुई?

आखिर सच क्या है?

दरअसल जयराम रमेश न्यूज एजेंसी से बात करते हुए एक विज्ञप्ति दिखा रहे हैं। अपने फोन में उन्होंने व्हाइट हाउस की वेबसाइट खोली है। जहां एक विज्ञपति पब्लिश की गई है। इसका टाइटल ‘राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत के प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत का विवरण’ है। इसमें बताया गया है कि डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक सार्थक बातचीत की। इसमें इंडो-पैसिफिक, मध्य पूर्व और यूरोप में सुरक्षा सहित कई क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की गई है। ट्रंप ने व्यापार संबंधों की दिशा में आगे बढ़ने के महत्व पर जोर दिया। इस विज्ञप्ति में क्वाड समेत और कई बातों का जिक्र है।

व्हाइट हाउस की वेबसाइट में छपी विज्ञप्ति एक दम सही है। हालांकि, जयराम रमेश ने इसे विदेश सचिव विक्रम मिसरी के बयान से जोड़ते हुए बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि व्हाइट हाउस का बयान और विक्रम मिसरी का बयान कतई मेल नहीं खाता है। बात भी एक दम सही है बयान तो मेल नहीं खाता है। क्योंकि, विक्रम मिसरी ने नए संवाद की बात की है। वहीं व्हाइट हाउस की विज्ञप्ति जनवरी 2025 में हुई बातचीत के बारे में है। वेबसाइट पर साफ अक्षरों में 27 जनवरी 2025 की तारीख डली है। इतना ही नहीं कोई डिजिटल जानकार हो तो URL से भी जान जाए की मामला कब का है।

अमित मालवीय ने दिया जवाब

कांग्रेस नेता पर बीजेपी IT सेल के प्रमुख अमित मालवीय करारा हमला किया है। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि ठीक बिल्कुल राहुल गांधी की तरह जयराम रमेश जन्मजात झूठे हैं। अब वे एक और झूठ फैला रहे हैं। वो दावा कर रहे हैं कि विदेश सचिव विक्रम मिसरी का बयान अमेरिकी बयान से मेल नहीं खाता है। जबकि वे नाटकीय ढंग से अपना फोन इधर-उधर लहरा रहे हैं। क्योंकि, यहां एक पेंच है। वह जिस बयान का हवाला दे रहे हैं वह जनवरी 2025 का है। अभी हुई बात के बारे में तो अमेरिका की ओर से कोई आधिकारिक बयान ही नहीं आया है।

अमित मालवीय ने कहा कि कांग्रेस और उसकी ट्रोल सेना इस तथ्य को बिल्कुल भी पचा नहीं पा रही है कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत को किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की न तो आवश्यकता है और न ही वह इसे स्वीकार करता है। पाकिस्तान के साथ तनाव कम करने का काम डीजीएमओ के माध्यम से हुआ वो भी पाकिस्तान के अनुरोध पर ऐसा हुआ है। कांग्रेस को अपनी तुच्छ कहानियों को बढ़ावा देने के लिए भारत की दृढ़ और सैद्धांतिक विदेश नीति को बदनाम करना बंद करना चाहिए।

विक्रम मिसरी ने क्या बताया?

पीएम मोदी G7 समिट के लिए कनाडा पहुंचे थे। इस दौरान इनकी राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात होनी थी। हालांकि, ऐसा हो नहीं पाया। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच फोन पर करीब 35 मिनट तक बातचीत हुई। ट्रंप ने पीएम मोदी से कनाडा से वापसी के दौरान अमेरिका आने का निमंत्रण दिया। हालांकि, पहले से तय कार्यक्रम के कारण पीएम मोदी ने अमेरिका पहुंचने पर असमर्थता जताई। उन्होंने ट्रंप को क्वाड के दौरान भारत आने का निमंत्रण दिया। दोनों नेताओं के बीच पाकिस्तान, POK और आतंकवाद को लेकर भी बात हुई। इस दौरान प्रधानमंत्री ने किसी तीसरे पक्ष की भूमिका को नकार दिया।

इस पूरी बातचीत को लेकर भारत की ओर से आधिकारिक बयान जारी किया गया। इसके लिए विदेश सचिव विक्रम मिसरी सामने आए और उन्होंने बताया कि ट्रंप से बात करते हुए भारत ने किसी भी तरह की मध्यस्थता से इनकार किया है। मिसरी ने बताया कि राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री द्वारा विस्तार में बताई गई बातों को समझा और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के प्रति समर्थन व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने ये भी कहा कि भारत अब आतंकवाद को प्रॉक्सी वॉर नहीं, युद्ध के रूप में ही देखता है और भारत का ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है। जयराम रमेश इसी ताजा बयान को जनवरी 2025 को आए अमेरिका के बयान से मेल कर रहे हैं।

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खिसियानी बिल्ली हो गई है कांग्रेस

जयराम रमेश, राहुल गांधी समेत पूरी कांग्रेस एक झूठ को छुपाने के लिए सौ झूठ बोलने की आदी हो चुकी है। पुरानी बातों को नई घटनाओं से जोड़कर तिल का ताड़ बनाने की कोशिश उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता और हतासा को सबके सामने ला देती है। यह दिखाता है कि कांग्रेस आज भी उसी लीक पर चल रही है जहां तथ्यों से ज्यादा काल्पनिक कहानियों पर जोर दिया जाता है। अमित मालवीय ने सटीक जवाब देकर साफ कर दिया कि भारत की विदेश नीति दृढ़ है और उसका डंका विश्व मंच पर बज रहा है। कांग्रेस इसी आसानी से हजम नहीं कर पा रही है। उसे चाहिए कि खिसियानी बिल्ली की तरह खंभा नोचने की जगह देश के हित में बात करे। झूठ फैलाएगी तो देश की जनता उसका पोस्टमार्टम करना अच्छे से जानती है।

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