जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले में आतंकियों ने कम-से-कम 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी थी जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत जवाबी कार्रवाई की। भारत ने कई आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई करते हुए उन्हें ध्वस्त कर दिया था। इस कार्रवाई में भारतीय वायुसेना ने बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के ठिकाने को भी निशाना बनाया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब जैश-ए-मोहम्मद ने बहावलपुर स्थित अपने मदरसे जामिया मस्जिद सुब्हान अल्लाह में एक बार फिर से गतिविधियां शुरू कर दी हैं।
अब जैश ने सोशल मीडिया पर ऐलान किया है कि उसके कैंपस में बना स्विमिंग पूल छात्रों के लिए दोबारा खोल दिया गया है। इस कदम को यह संकेत माना जा रहा है कि मदरसे में पढ़ने वाले लगभग 600 छात्रों की गतिविधियां सामान्य रूप से फिर से शुरू हो गई हैं। इस स्विमिंग पूल का इस्तेमाल पहले जैश के आतंकी भी करते रहे हैं, जो कश्मीर जैसे क्षेत्रों में ऑपरेशन पर जाने से पहले कुछ दिन बहावलपुर रुकते थे। प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 के पुलवामा हमले में शामिल चार आतंकियों मोहम्मद उमर फारूक, तल्हा राशिद अल्वी, मोहम्मद इस्माइल अल्वी और राशिद बिल्ला ने इसी स्विमिंग पूल में तस्वीरें खिंचवाई थीं, जो अब भारतीय एजेंसियों के पास मौजूद हैं।
भारतीय खुफिया अधिकारियों का मानना है कि यह केवल एक स्विमिंग पूल खोलने का मामला नहीं है, बल्कि यह बहावलपुर के गरीब बच्चों को आकर्षित करने की रणनीति है, जिन्हें जैश आतंकी कैडर बनाता है। यह भी स्पष्ट संकेत है कि पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की जैश जैसे आतंकी संगठनों पर नकेल कसने की कोई मंशा नहीं है, भले ही भारत और पाकिस्तान के बीच मई में चार दिन तक सैन्य टकराव चला हो।
जैश प्रमुख मसूद अजहर भी हाल के हफ्तों में फिर से सक्रिय हो गया है। उसने अयोध्या के राम मंदिर को निशाना बनाने की धमकियां दी हैं और अपने मारे गए रिश्तेदारों के लिए खुद अंतिम संस्कार का खर्च उठाने की बातें भी सार्वजनिक की हैं। संगठन ने पाकिस्तान के कई हिस्सों में रैलियां आयोजित की हैं लेकिन मीडिया कवरेज से बचने के निर्देश भी अपने कार्यकर्ताओं को दिए हैं। 9 जून को जैश ने अपने कैडर को सभी गतिविधियों के वीडियो बनाना बंद करने का आदेश दिया, इसे ‘धार्मिक नियमों के खिलाफ’ बताया गया।
यह भी सामने आया है कि 18 एकड़ में फैले इस परिसर की ज़मीन जैश सरगना मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ राशिद अल्वी ने 2019 में करीब 70-80 लाख भारतीय रुपयों में खरीदी थी, जहां 12,000 छात्रों के लिए हॉस्टल, खेल सुविधाएं और नमाज़ की जगहें बनाई जा रही थीं। भले ही जैश पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठन हो और अब्दुल रऊफ पर अमेरिका की पाबंदियां हों, लेकिन पाकिस्तान में न तो उस पर कोई केस चला और न ही चीन ने उसे संयुक्त राष्ट्र में आतंकवादी घोषित करने की कोशिशों को मंजूर किया।