सीएम ममता बनर्जी के शासनकाल में पश्चिम बंगाल में महिलाओं के प्रति अत्याचार की घटनाओं में चिंताजनक बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। एक बार फिर कोलकाता के कस्बाई इलाके में स्थित एक प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज में एक छात्रा से गैंगरेप की घटना ने लोगों के आक्रोश को और भड़का दिया है। इसने यहां पर ठीक 11 महीने पहले आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए गैंगरेप के मामले की याद ताजा कर दी है।
बीजेपी ने किया प्रतिरोध का आह्वान
कोलकाता पुलिस ने मामले के तीनों आरोपितों को गिरफ्तार भी कर लिया है। खास बात यह कि आरोपियों में सत्ताधारी टीएमसी का एक नेता भी शामिल है। इसको लेकर बीजेपी ने प्रदेश की सत्ताधारी टीएमसी के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रतिरोध का आह्वान किया है। बीजेपी ने मतदाताओं से आगामी चुनाव में मौजूदा सरकार को उखाड़ फेंकने का आग्रह भी किया है। पार्टी ने टीएमसी को दंड से मुक्ति का माहौल बनाने के लिए दोषी ठहराया है।
बीजेपी नेता ने किया पोस्ट
भाजपा नेता अमित मालवीय ने गैंगरेप की इस घटना को भयानक बताया है। उन्होंने दावा किया कि रिपोर्ट में टीएमसी की संलिप्तता की ओर भी इशारा किया गया है। मालवीय ने एक्स पर पोस्ट किया, “बंगाल में बलात्कार एक नियमित त्रासदी बन गई है। आरजी कर का खौफ अभी भी कम नहीं हुआ है, और फिर भी ऐसे जघन्य अपराध जारी हैं। ममता बनर्जी ने बंगाल की महिलाओं को निराश किया है। बदलाव का समय आ गया है।”
कोलकाता में कॉलेज परिसर में ही हुआ गैंगरेप
जानकारी हो कि पिछले 25 जून की रात को साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज की एक छात्रा के साथ संस्थान के अंदर ही शाम 7:30 से 8:50 बजे के बीच कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया। एफआईआर के अनुसार, आरोपियों में अस्थायी कर्मचारी के रूप में कार्यरत पूर्व छात्र मनोजीत मिश्रा (31) के साथ दो अन्य जैब अहमद (19) और प्रमित मुखोपाध्याय (20) शामिल हैं, जो कॉलेज से जुड़े हैं। पीड़िता ने 27 जून को औपचारिक शिकायत दर्ज कराई और कस्बा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने तीनों आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं, जो अब चल रही जांच का हिस्सा हैं। आरोपियों को अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया और उन्हें एक जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल नोयना चटर्जी ने संस्थान के साथ मनोजीत के पहले से जुड़े होने की पुष्टि की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शासी निकाय को तुरंत सूचित कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि हम दोषियों के लिए कड़ी से कड़ी सजा चाहते हैं। इधर, पीड़िता की कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में मेडिकल जांच कराई गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस मामले में गवाहों से पूछताछ की गई और उनके बयान दर्ज किए गए। घटनास्थल का दौरा कर फोरेंसिक जांच के लिए उसे सुरक्षित कर लिया गया है।
बीजेपी का बड़ा आरोप
इस मामले में बीजेपी नेता अमित मालवीय ने मुख्य आरोपी को टीएमसी के शीर्ष अधिकारियों से जोड़ा। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि कस्बा सामूहिक बलात्कार मामले के मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा का तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से सीधा संबंध है। एक्स पर एक पोस्ट में, मालवीय ने लिखा: “घृणित! कस्बा में एक कॉलेज छात्रा के साथ क्रूर सामूहिक बलात्कार के मुख्य आरोपियों में से एक मनोजीत मिश्रा का टीएमसी में सबसे शक्तिशाली लोगों से सीधा संबंध है: सांसद अभिषेक बनर्जी, पार्षद कजरी बनर्जी (ममता बनर्जी की भाभी) और राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य से भी उसके संबंध हैं।
ट्वीट के बाद राजनीति गर्म
इस मामले में बीजेपी नेता अमित मालवीय के ट्वीट ने राज्य में राजनीतिक रूप से गरमागरम बहस की शुरुआत कर दी है। इसमें उन्होंने आरोपियों के कथित राजनीतिक संबंधों की जांच की मांग की है और सत्तारूढ़ पार्टी पर अपराधियों को बचाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि “यह सिर्फ़ एक अपराध नहीं है। यह सबसे बड़ी गलती है। टीएमसी बलात्कारियों और बलात्कारियों के रक्षकों की पार्टी है। हम राजनीतिक सत्ता को इस अपराध को दबाने नहीं देंगे। हम ममता बनर्जी के शासन को न्याय की आवाज़ को दबाने नहीं देंगे। भाजपा पीड़िता के साथ मजबूती से खड़ी है। हम न्याय मिलने तक लगातार लड़ेंगे।”
रेप संस्कृति को करेंगे खत्म : बीजेपी
इधर, गैंगरेप की घटना के बाद बीजेपी ने आक्रामक होने में कोई समय बर्बाद नहीं किया। पार्टी नेताओं ने ममता बनर्जी के नेतृत्व में यौन हिंसा के बढ़ते मामलों का हवाला देते हुए टीएमसी शासन के खिलाफ़ तीखे हमले किए। बीजेपी के एक बयान में चेतावनी दी गई कि “बलात्कार की घटनाएं दैनिक भयावहता बन गई हैं। राज्य मशीनरी अपनी बेटियों को निराश करना जारी रखती है। हम टीएमसी के संरक्षण में पनप रही इस बलात्कार संस्कृति को खत्म करने के लिए जी-जान से लड़ेंगे।”
आरजी कर की घटना से सबक नहीं
यह घटना अगस्त 2024 में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए रेप और मर्डर की घटना के ठीक 11 महीने बाद हुई है। अस्पताल के सेमिनार हॉल के अंदर एक पोस्ट-ग्रेजुएट मेडिकल प्रशिक्षु पर बेरहमी से हमला किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। जानकारी हो कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज से नौ अगस्त की सुबह छात्रा का शव बरामद हुआ था। इसके बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया था।
देशभर के चिकित्सकों ने भी घटना के खिलाफ भारी प्रतिरोध किया था। इस मामले में आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार करने के बाद दोषी पाये जाने के बाद आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई जा चुकी है। जानकारी हो कि आरजी कर में हुए गैंगरेप के बाद राष्ट्रीय आक्रोश के बावजूद, सार्वजनिक संस्थानों पर सुरक्षा के उपाय अब भी भयावह बने हुए हैं। कस्बा की ताजा घटना ने लोगों के जख्मों को फिर से हरा कर दिया है। लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या बंगाल की महिलाएं आज भी सुरक्षित हैं।
रेप के मामलों में चौंकाने वाली वृद्धि
कोलकाता पुलिस स्रोतों और समाचार रिपोर्टों से मिली जानकारी के अनुसार, अगस्त 2024 में आरजी कर की घटना के बाद से पश्चिम बंगाल में 1,800 से अधिक रेप के मामले सामने आए हैं। इनमें से कई मामले नाबालिगों से जुड़े हैं। ऐसी घटनाएं शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों और सरकारी आश्रयों में भी सामने आ रही हैं। मानवाधिकार संगठनों ने बार-बार इस खतरनाक वृद्धि को चिह्नित भी किया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि राज्य की कानून व्यवस्था रसातल में जा रही है। इसके बाद भी प्रशासनिक निष्क्रियता और आरोपियों का राजनीतिक बचाव न्याय में बाधा बन रहा है।
बंगाल की बेटियों को न्याय मिलेगा?
कोलकाता में हुआ क्रूर गैंगरेप अकेला मामला नहीं है। यह ममता बनर्जी के शासन में फैली बड़ी गिरावट का लक्षण है। बार-बार होने वाले अपराध, प्रशासनिक उदासीनता और न्याय के राजनीतिकरण ने बंगाल को खतरनाक मोड़ पर ला खड़ा कर दिया है। बीजेपी ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों के प्रति “शून्य सहिष्णुता” नीति का वादा किया है। जैसे-जैसे 2026 के चुनाव नजदीक आ रहे हैं, यह सवाल बड़ा होता जा रहा है कि क्या बंगाल की बेटियों को न्याय मिलेगा या चुप्पी और क्रूरता का चक्र जारी ही रहेगा?