‘पीएम मोदी का विरोध, हिंदुओं पर निशाना’: कौन हैं न्यूयॉर्क के मेयर बनने जा रहे ज़ोहरान ममदानी?

ममदानी ने ना केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'युद्ध अपराधी' कहा बल्कि उनकी तुलना इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से करते हुए दोनों पर मानवाधिकार उल्लंघनों का आरोप भी लगाया था

भारतीय मूल के 33 वर्षीय नेता ज़ोहरान ममदानी न्यूयॉर्क शहर के मेयर पद की दौड़ में सबसे आगे निकल आए हैं। ममदानी ने डेमोक्रेटिक मेयरल प्राइमरी में पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो को पछाड़कर कर बड़ा उलटफेर किया है। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, ममदानी को 43.5% वोट मिले जबकि कुओमो 36.3% पर सिमट गए हैं। ज़ोहरान ममदानी अपने तीखे और विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने ना केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘युद्ध अपराधी’ कहा बल्कि उनकी तुलना इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से करते हुए दोनों पर मानवाधिकार उल्लंघनों का आरोप भी लगाया था।

2002 के गुजरात दंगों के बारे में उनकी विवादास्पद टिप्पणियों और भाजपा का समर्थन करने वाले भारतीय मूल के राजनेताओं की खुली आलोचना के बाद भारतीय-अमेरिकियों में भारी गुस्सा था। जब उन्होंने प्राइमरी में कुओमो को पछाड़ दिया है तो एक बड़ा सवाल सामने खड़ा है कि क्या एक ऐसा नेता, जो भारत और इज़रायल जैसे अमेरिका के घनिष्ठ साझेदारों पर खुलकर कठोर विचार रखता है, वाकई न्यूयॉर्क जैसे विविधतापूर्ण और बहुसांस्कृतिक शहर का जिम्मेदार प्रतिनिधित्व कर सकता है?

कौन हैं ज़ोहरान ममदानी?

ज़ोहरान ममदानी का जन्म 18 अक्टूबर 1991 को युगांडा की राजधानी कंपाला में हुआ। अपने बचपन के शुरुआती साल उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन में बिताए और फिर महज सात साल की उम्र में वे अपने परिवार के साथ न्यूयॉर्क शहर आ गए। ज़ोहरान एक बहुसांस्कृतिक पृष्ठभूमि से आते हैं और उनके पिता प्रोफेसर महमूद ममदानी एक प्रसिद्ध शिक्षाविद् हैं जो उत्तर-औपनिवेशिक राजनीति और अफ्रीकी इतिहास में विशेषज्ञता रखते हैं। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय सहित कई अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में अध्यापन किया है। ज़ोहरान की मां चर्चित भारतीय फिल्म निर्माता मीरा नायर हैं, जिनकी सलाम बॉम्बे और मॉनसून वेडिंग जैसी फिल्में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराही गई हैं।

शैक्षिक पृष्ठभूमि की बात करें तो ममदानी ने न्यूयॉर्क के प्रतिष्ठित ब्रोंक्स हाई स्कूल ऑफ़ साइंस से पढ़ाई की और उसके बाद बोडोइन कॉलेज से अफ़्रीकाना स्टडीज़ में स्नातक की डिग्री हासिल की। राजनीति में सक्रिय होने से पहले उन्होंने अपराध रोकथाम परामर्शदाता के रूप में काम किया। इसके अलावा वे एक समय ‘Mr. Cardamom’ नाम से संगीत जगत में भी सक्रिय थे

पीएम मोदी और हिंदू विरोधी रहा है इतिहास

न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली के सदस्य ज़ोहरान ममदानी अपने विवादास्पद बयानों और भारत विरोधी रुख के कारण अक्सर चर्चा में रहते हैं। उन पर भारत के खिलाफ प्रचार करने और हिंदू समुदाय को निशाना बनाने के आरोप लगते रहे हैं। खासकर हिंदूफोबिया को लेकर उनकी टिप्पणियां और गतिविधियां लगातार आलोचना के घेरे में रही हैं। साल 2020 में उन्होंने राम मंदिर निर्माण के विरोध में न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर एक प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। इस दौरान उन्होंने खुले मंच से कहा, “मैं आज भाजपा सरकार और बाबरी मस्जिद के विध्वंस के खिलाफ यहां हूं, जो अब उसी स्थान पर मंदिर बनवा रही है।” इस बयान ने न केवल भारत में बल्कि प्रवासी भारतीय समुदाय में भी आक्रोश पैदा किया।

ज़ोहरान ममदानी ने स्वयं स्वीकार किया था कि यह विरोध प्रदर्शन खालिस्तानी समर्थकों के साथ मिलकर किया गया था। यह तथ्य उनके विरोधियों द्वारा बार-बार उठाया जाता है, क्योंकि इस प्रकार की भागीदारी भारतीय संप्रभुता के खिलाफ हैं विदेश नीति के दृष्टिकोण में भी ममदानी कट्टरपंथी माने जाते हैं। उन्होंने अमेरिका द्वारा ईरान पर किए गए हवाई हमलों की तीखी आलोचना की थी। उनका मानना है कि अमेरिका को विदेशी युद्धों में उलझने की बजाय अपने संसाधनों को शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सामाजिक कल्याण में लगाना चाहिए

ममदानी ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी तीखा हमला बोला है। उन्होंने मोदी को ‘युद्ध अपराधी’ बताया और उनकी तुलना इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से की। साथ ही, 2002 के गुजरात दंगों को लेकर सीधे-सीधे उन्हें जिम्मेदार ठहराया। इतना ही नहीं, ममदानी ने न्यूयॉर्क में रहने वाले उन भारतीय मूल के नेताओं की भी खुली आलोचना की है, जो भारतीय जनता पार्टी या प्रधानमंत्री मोदी के समर्थक माने जाते हैं। उनके इस रुख ने न्यूयॉर्क जैसे विविधतापूर्ण शहर में कई समुदायों के बीच टकराव की भावना को जन्म दिया है और उनकी राजनीतिक छवि को लेकर मतभेद और तीखे हो गए हैं।

यहूदी विरोधी होने का है आरोप

ममदानी की राजनीतिक यात्रा विवादों से अछूती नहीं रही है। वे खुले तौर पर इज़रायली सरकार की आलोचना करते रहे हैं और फिलिस्तीनी अधिकारों के लिए आवाज़ उठाते रहे हैं, जिसमें ‘नदी से समुद्र तक’ का नारा भी शामिल है। इस पर कई यहूदी संगठनों और इज़रायल समर्थक समूहों ने तीखी आलोचना की है, जिनमें से कुछ ने उन पर यहूदी-विरोधी होने का आरोप लगाया है।

क्या हैं चुनौतियां?

जैसे-जैसे आम चुनाव करीब आते जा रहे हैं, ज़ोहरान ममदानी की राजनीतिक दृष्टि को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। उनकी विचारधारा सामाजिक न्याय और जनकल्याण पर आधारित है, जिसमें सार्वभौमिक बाल देखभाल, मुफ्त सार्वजनिक परिवहन और खाद्य सुरक्षा जैसी योजनाएं शामिल हैं। हालांकि, इन महत्वाकांक्षी प्रस्तावों को लागू करने के लिए उन्हें राज्य सरकार का समर्थन चाहिए जो कि न्यूयॉर्क की वर्तमान गवर्नर कैथी होचुल और अन्य नीतिगत विरोधियों के कारण आसान नहीं होगा।

इसके अलावा, प्रशासनिक स्तर पर ममदानी के पास कार्यकारी अनुभव की कमी भी एक बड़ी चुनौती है। न्यूयॉर्क जैसे विशाल और विविधतापूर्ण शहर को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए नीति निर्माण के साथ-साथ ज़मीनी क्रियान्वयन में दक्षता की आवश्यकता होती है, एक ऐसा पहलू जिसमें ममदानी की राजनीतिक यात्रा अब तक सीमित रही है।

लेकिन इन सबके बीच सबसे तीखा और बहस का विषय बनने वाला सवाल यह है कि क्या एक ऐसा नेता, जो भारत और इज़राइल जैसे अमेरिका के प्रमुख सहयोगी देशों के खिलाफ खुले तौर पर आलोचनात्मक और विभाजनकारी बयान देता है, न्यूयॉर्क जैसे बहुसांस्कृतिक और वैश्विक महत्व के शहर का संतुलित और समावेशी प्रतिनिधित्व कर सकता है? यह सवाल न सिर्फ प्रवासी भारतीय या यहूदी समुदाय, बल्कि व्यापक अमेरिकी राजनीतिक सोच के केंद्र में आ खड़ा हुआ है।

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