युद्ध और पिज़्ज़ा: क्या पेंटागन की भूख भविष्य के टकरावों की भविष्यवाणी करती है?

इजरायल-ईरान संघर्ष के बाद पेंटागन पिज्जा सिद्धांत फिर से सामने आया: क्या पिज्जा युद्ध की भविष्यवाणी कर सकता है?

पिज़्ज़ा = युद्ध?

युद्ध और पिज़्ज़ा: क्या पेंटागन की भूख भविष्य के टकरावों की भविष्यवाणी करती है?

13 जून 2025 की शाम जब तेहरान के ऊपर मिसाइलें चमक रही थीं, उस समय सोशल मीडिया पर साज़िश-थ्योरी गढ़ने वाले लोग किसी गुप्त खुफिया रिपोर्ट या लीक दस्तावेज़ों की बात नहीं कर रहे थे  बल्कि वो चर्चा कर रहे थे पिज़्ज़ा की। खास तौर पर, पेंटागन के पास मौजूद पिज़्ज़ा दुकानों में अचानक बढ़े ऑर्डर की, जो ठीक उस समय हुए जब इज़रायल ने ईरान पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले शुरू किए। इस रहस्यमयी पैटर्न को कहा जाता है: “पेंटागन पिज़्ज़ा थ्योरी”। यह विचार एक बार फिर चर्चा में है, और कुछ लोग इसे एक ऐसा संकेत मान रहे हैं जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।

पेंटागन पिज़्ज़ा थ्योरी क्या है?

इस थ्योरी की जड़ें शीत युद्ध के दौर से जुड़ी हैं। 1990 के दशक में वॉशिंगटन क्षेत्र में डोमिनोज़ के फ्रेंचाइज़ी मालिक फ्रैंक मिक्स ने इसे लोकप्रिय बनाया था।इस विचार के अनुसार, अमेरिका के रक्षा मुख्यालय (पेंटागन) के पास पिज़्ज़ा ऑर्डर में अचानक हुई तेज़ वृद्धि अक्सर किसी बड़े वैश्विक घटनाक्रम से ठीक पहले होती है। मिक्स ने देखा था कि 1990 में कुवैत पर इराक के हमले, 1991 के ऑपरेशन डेज़र्ट स्टॉर्म और 1998 में बिल क्लिंटन के खिलाफ महाभियोग सुनवाई से पहले पिज़्ज़ा डिलीवरी में असामान्य बढ़ोतरी हुई थी। शीत युद्ध के दौरान, कहा जाता है कि सोवियत एजेंटों ने अमेरिकी पिज़्ज़ा गतिविधियों पर नज़र रखी थी, जिसे उन्होंने “Pizzint” (Pizza Intelligence) नाम दिया था।

थ्योरी फिर से चर्चा में क्यों है ?

13 जून 2025 को, सोशल मीडिया अकाउंट @PenPizzaReport ने एक पोस्ट में दिखाया कि शाम 6:59 बजे ET के आसपास अर्लिंग्टन, वर्जीनिया की कई पिज़्ज़ा दुकानों- जैसे We, The Pizza, District Pizza Palace, Domino’s और Extreme Pizza-में ग्राहकों की गतिविधि में अचानक तेज़ी आई। 7:10 बजे के करीब यह गतिविधि अचानक गिर गई-ठीक उसी समय जब इज़रायल ने ईरान पर मिसाइल हमले शुरू किए। पोस्ट में दावा किया गया कि “पेंटागन के पास लगभग सभी पिज़्ज़ा आउटलेट्स में असामान्य हलचल देखी गई”, और इसके साथ Google Maps की “busyness” ग्राफ भी साझा किए गए, जिसके करीब एक घंटे बाद, ईरानी मीडिया ने तेहरान में विस्फोटों की खबर दी। सुबह तक पुष्टि हो चुकी थी कि इज़रायल ने ईरानी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया और रिपोर्टों के अनुसार हुसैन सलामी और जनरल मोहम्मद बागेरी जैसे वरिष्ठ कमांडरों की मौत  हुई।

संदेह और व्यंग्य

हालांकि यह थ्योरी मनोरंजक है, पेंटागन ने स्पष्ट रूप से किसी भी गुप्त ऑपरेशन और पिज़्ज़ा ऑर्डर के बीच संबंध को नकार दिया है। एक प्रवक्ता ने मज़ाक में कहा कि परिसर में पिज़्ज़ा के अलावा सुशी और डोनट्स भी उपलब्ध हैं। इसके बावजूद, सोशल मीडिया पर लोग इस थ्योरी पर मज़ेदार टिप्पणियाँ करने से नहीं रुके रहे:”पेंटागन के अंदर एक गुप्त डोमिनोज़ खोल देना चाहिए!”,”लगता है इन दुकानों में कोई तो हलचल ज़रूर होती है!” यहाँ तक कि CNN के पूर्व पेंटागन संवाददाता वोल्फ ब्लिट्जर ने 1990 में मज़ाक में कहा था: “पत्रकारों के लिए सबसे ज़रूरी संकेत: पिज़्ज़ा पर नज़र रखें।”

इत्तेफ़ाक या चेतावनी?

वैज्ञानिक रूप से इस थ्योरी को साबित करने का कोई तरीका नहीं है, लेकिन फिर भी यह विचार लोकप्रिय बना हुआ है-ठीक वैसे ही जैसे बाबा वांगा या नास्त्रेदमस के नाम किसी आपदा के बाद लिए जाते हैं। Pentagon Pizza Index, एक ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म, रीयल टाइम में गूगल मैप्स ट्रैफिक और ऑर्डर वॉल्यूम ट्रैक करने का दावा करता है। हालांकि यह किसी आधिकारिक एजेंसी से जुड़ा नहीं है, फिर भी इसके समर्थकों का मानना है कि यह एक अनोखा लेकिन प्रभावी चेतावनी संकेत हो सकता है। चाहे यह एक मज़ाकिया इत्तेफ़ाक हो या नज़रअंदाज़ किया गया पैटर्न, पेंटागन पिज़्ज़ा थ्योरी वैश्विक राजनीति के बीच एक दिलचस्प सांस्कृतिक चर्चा बन चुकी है।

जहां दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे हाईटेक टूल्स पर निर्भर होती जा रही है, वहीं कुछ लोगों के लिए संकट की भविष्यवाणी का सबसे भरोसेमंद तरीका हो सकता है: पेपरॉनी पिज़्ज़ा का ऑर्डर।  एक यूज़र ने मज़ाकिया तौर पर टिप्पणी करते हुए कहा- “AI को भूल जाइए, बस पिज़्ज़ा पर नज़र रखिए।”

 

Exit mobile version