क्यों कॉलर ट्यून से हटाई जा रही है अमिताभ बच्चन की आवाज़?

यह कॉलर ट्यून लोगों को साइबर ठगों से सतर्क करने के लिए बनाई गई थी और कॉल के दौरान रिकॉर्डेड संदेश के रूप में सुनाई देती थी।

अमिताभ बच्चन

क्यों कॉलर ट्यून से हटाई जा रही है अमिताभ बच्चन की आवाज़?

सरकार ने हाल ही में उस कॉलर ट्यून को हटा दिया है जिसमें बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन की आवाज़ में साइबर ठगों के प्रति लोगों को जागरूक करने वाला संदेश रिकॉर्ड था। यह कॉलर ट्यून सरकार के एक विशेष अभियान का हिस्सा थी, जिसे साइबर अपराधों से सावधान रहने के लिए शुरू किया गया था। कॉलर ट्यून तब सुनाई देती थी जब कोई व्यक्ति अपने परिचित को फोन करता था और उससे पहले एक रिकॉर्डेड मैसेज प्ले होता था।

अभियान की समाप्ति और कॉलर ट्यून हटाने का फैसला

यह कॉलर ट्यून उसी जागरूकता अभियान का हिस्सा थी, जिसे सरकार ने साइबर ठगों से बचाव के लिए चलाया था। लेकिन अब जब यह अभियान समाप्त हो चुका है, तो सरकार ने इसे भी बंद करने का निर्णय लिया है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि आज से यह कॉलर ट्यून हटा दी गई है और अब यूज़र्स को यह मैसेज सुनने को नहीं मिलेगा।

हालांकि इस कॉलर ट्यून का मकसद लोगों को साइबर क्राइम के प्रति सजग करना था, लेकिन बीते कुछ समय से इसे लेकर कई शिकायतें भी सामने आईं। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस कॉलर ट्यून की आलोचना की, खासकर यह कहा कि आपातकालीन या जरूरी स्थिति में कॉल करने में यह मैसेज सुनना समय की बर्बादी करता है और कॉल लगाने में देरी करता है। इसके कारण कई यूज़र्स असुविधा महसूस कर रहे थे।

अमिताभ बच्चन को भी मिली ट्रोलिंग

इस कॉलर ट्यून को लेकर अमिताभ बच्चन को भी सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया। कई लोगों ने मज़ाक उड़ाया और उन्हें इसके लिए निशाने पर लिया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अमिताभ बच्चन ने कहा था कि “जो कहना है, सरकार से कहो। हमें जो कहा गया, हमने वही किया।” उन्होंने साफ किया कि यह उनकी व्यक्तिगत पहल नहीं थी, बल्कि सरकार के निर्देश पर उन्होंने यह संदेश रिकॉर्ड किया था।

सरकार ने इस कॉलर ट्यून के माध्यम से साइबर ठगों के खिलाफ जनसामान्य को जागरूक करने की कोशिश की थी ताकि वे फर्जी कॉल, ऑनलाइन धोखाधड़ी, फिशिंग लिंक और OTP ठगी जैसी घटनाओं से सावधान रह सकें। लाखों लोगों तक यह संदेश पहुंचा और साइबर क्राइम से जुड़ी जानकारी लोगों के बीच फैली।

जहां यह अभियान समाप्त हो चुका है और कॉलर ट्यून हटा दी गई है, वहीं साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सरकार के प्रयास जारी रहेंगे। भविष्य में संभव है कि इस तरह के अन्य प्रभावी और कम विवादास्पद माध्यमों से लोगों को जागरूक करने के लिए नई पहल की जाए।

इस पूरे मामले में यह स्पष्ट हो गया है कि साइबर सुरक्षा की जागरूकता महत्वपूर्ण है, लेकिन उसके लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तरीकों को भी उपयोगकर्ता की सुविधा और प्रतिक्रियाओं को ध्यान में रखकर तैयार करना आवश्यक है।

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