ऑफिस वर्कर्स के लिए क्यों जरूरी है ‘वाई-ब्रेक’? जानें इसके फायदे

‘वाई-ब्रेक’ एक तरह का योग ब्रेक है, जिसमें कर्मचारी अपनी सीट पर बैठकर ही योग कर सकते हैं

'वाई ब्रेक' की खास मूवमेंट से पॉश्चर सही हो सकता है

'वाई ब्रेक' की खास मूवमेंट से पॉश्चर सही हो सकता है

क्या आप भी ऑफिस में लंबी शिफ्ट करने के बाद कई शारीरिक समस्याओं का सामना करते हैं? जैसे- गर्दन, कंधे, पीठ, पैर आदि दर्द और तनाव या चिंता। अगर ऐसी समस्याएं आपके ऊपर हावी हैं तो फिर ‘वाई-ब्रेक’ आपके लिए बेहद जरूरी है।

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में ऑफिस में लंबे समय तक बैठकर काम करने से कर्मचारियों को शारीरिक और मानसिक थकान का सामना करना पड़ता है। इससे तनाव, कमर दर्द और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं तेजी से बढ़ती जा रही हैं। इसे देखते हुए भारत सरकार का आयुष मंत्रालय ‘वाई-ब्रेक’ के बारे में जागरूक करता है, जो ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक वरदान की तरह हो सकता है। यह छोटा, लेकिन प्रभावी योगा प्रोग्राम कर्मचारियों को स्वस्थ और तनाव मुक्त रखने में मदद करता है।

‘वाई-ब्रेक’ एक तरह का योग ब्रेक है, जिसमें कर्मचारी अपनी सीट पर बैठकर ही योग कर सकते हैं। यह ब्रेक छोटी अवधि के लिए होता है, लेकिन इससे बड़े फायदे मिलते हैं। ‘वाई-ब्रेक’ की सबसे बड़ी खास बात यही है कि इसके लिए कर्मचारियों को कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि ऑफिस में अपनी सीट पर बैठकर ही वे इस अभ्यास को कर सकते हैं। इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करने से पॉश्चर सही होता है।

दरअसल, दिनभर एक ही स्थिति में बैठे रहने से हमारे पॉश्चर पर बुरा असर पड़ता है। इसके कारण कमर, गर्दन, पीठ और पैर के साथ घुटनों में दर्द की समस्या होने का खतरा रहता है। ऐसे में ‘वाई ब्रेक’ की खास मूवमेंट से पॉश्चर सही हो सकता है। यही नहीं, ऑफिस में दिनभर बैठे रहने और खाने के बाद भी न टहलने से शरीर में चर्बी बढ़ने लगती है, जो शरीर में मोटापा बढ़ने का कारण है। वाई-ब्रेक के जरिए शरीर में चर्बी बढ़ने से रोकने में मदद मिलती है।

‘वाई-ब्रेक’ मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। यह तनाव और चिंता जैसी समस्याओं को कम करने में मदद करता है, जिससे कर्मचारी तरोताजा होकर काम कर सकते हैं। ‘वाई-ब्रेक’ में साधारण तौर पर कुछ सरल योगासन, प्राणायाम और ध्यान शामिल हैं, जो शरीर और मन को फ्रेश करते हैं

इसमें शामिल कुछ आसन, जैसे ताड़ासन (खड़े होकर शरीर को खींचना), कटिचक्रासन (कमर को घुमाना) और ग्रीवा संचालन (गर्दन की हल्की स्ट्रेचिंग)। इन्हें करने की विधि के बारे में आयुष मंत्रालय ने विस्तार से जानकारी भी दी है। जैसे की कर्मचारी कुर्सी पर बैठकर अपनी पीठ को सीधा रखें और उंगलियों को घुटनों पर रखें। फिर, अपने पेट को अंदर खींचे और फिर बाहर की ओर ढीला करें। अपनी गर्दन को धीरे-धीरे दाईं और बाईं तरफ घुमाएं। अपने पैरों को एक दूसरे के ऊपर रखें और फिर उन्हें फैलाएं। इसके बाद गहरी सांस लें। इनकी पूरी डिटेल्स आयुष मंत्रालय ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर भी दी हुई है।

इसके अलावा नाड़ी शोधन प्राणायाम और ध्यान से शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है। इनकी लगातार प्रैक्टिस शरीर में रक्त संचार को बेहतर करती है। ये प्रैक्टिस मांसपेशियों की जकड़न को कम करती है और तनाव को दूर करने में भी मदद करती हैं। ‘वाई-ब्रेक’ से कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ती है, एकाग्रता में सुधार होता है और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।

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