लव जिहाद के लिए 1000 मुस्लिम युवकों की फौज, कई राज्यों में नेटवर्क और ISI से लिंक: छांगुर बाबा के काले कारनामों का कच्चा चिट्ठा

जमालुद्दीन की आलीशान कोठी को लगातार 3 दिनों तक बुलडोज़र चलाकर ज़मीदोज़ कर दिया गया है

छांगुर बाबा का लव जिहाद का नेटवर्क कई राज्यों में फैला था

छांगुर बाबा का लव जिहाद का नेटवर्क कई राज्यों में फैला था

उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) द्वारा 5 जुलाई को गिरफ्तार किए गए लव जिहाद और धर्मांतरण के आरोपी छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन के काले कारनामों के कच्चे चिट्ठे हर दिन खुल रहे हैं। 100 करोड़ से अधिक की फंडिंग से धर्मांतरण का रैकेट चला रहे जमालुद्दीन पर सरकार का शिकंजा कसना शुरू हो गया है और उसकी आलीशान कोठी को लगातार 3 दिनों तक बुलडोज़र चलाकर ज़मीदोज़ कर दिया गया है। इस बीच ऐसी कई जानकारियां सामने आईं हैं जो ना सिर्फ हैरान करती हैं बल्कि कई सवाल भी खड़े करती हैं कि किस तरह एक फेरी वाला करोड़ों का मालिक बनकर धर्मांतरण के इस धंधे को चला रहा था। इसमें पुलिस से जुड़े कुछ लोगों के शामिल होने का भी आरोप लगाया गया है। छांगुर बाबा की साज़िश सिर्फ धर्मांतरण तक ही सीमित नहीं थी बल्कि वो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के ज़रिए भारत को तोड़ने के मंसूबे पाले हुआ था।

1000 मुस्लिम युवकों की फौज

छांगुर बाबा ने पिछले तीन वर्षों में खासतौर पर 1000 से ज्यादा मुस्लिम युवकों को ‘लव जिहाद’ के लिए तैयार किया। ये युवक न केवल वैचारिक रूप से प्रशिक्षित किए गए बल्कि उन्हें इस काम के लिए कैश पेमेंट भी दी गई। किसी को नौकरी का लालच देकर, तो किसी को आर्थिक तंगी से उबारने का वादा करके इस नेटवर्क में जोड़ा गया। जो युवा तैयार हो जाते थे, उन्हें बताया जाता था कि हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसा कर धर्मांतरण कराना उनका ‘धार्मिक कर्तव्य’ है।

छांगुर बाबा महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे कई राज्यों में एक सुनियोजित साजिश के तहत धार्मिक पहचान को हथियार बनाकर सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने की कोशिश कर रहा था। पूछताछ में पता चला है कि छांगुर बाबा ने विदेशी फंडिंग के जरिए यह नेटवर्क खड़ा किया था। विदेश से आने वाला पैसा एनजीओ और धार्मिक ट्रस्टों की आड़ में इस्तेमाल किया जाता था जिससे शक करना और भी मुश्किल हो जाता था।

ISI के ज़रिए भारत तोड़ने की साज़िश

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, छांगुर बाबा अब सिर्फ धर्मांतरण तक सीमित नहीं था। वह इस पूरे नेटवर्क का इस्तेमाल पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से सीधा संपर्क साधने के लिए कर रहा था। खुफिया इनपुट्स के मुताबिक, नेपाल की राजधानी काठमांडू स्थित पाकिस्तानी दूतावास में हाल ही में ISI एजेंटों की एक गुप्त बैठक हुई थी। इस बैठक में छांगुर बाबा के नेपाल कनेक्शन के जरिए संपर्क स्थापित करने की योजना बनाई गई। छांगुर बाबा की योजना बेहद शातिर और भयावह थी। वह आर्थिक रूप से कमजोर हिंदू परिवारों की महिलाओं और युवतियों को प्रेमजाल में फंसा कर पहले उनका धर्मांतरण करवाना चाहता था। इसके बाद उन्हें नेपाल ले जाकर निकाह करवाया जाना था लेकिन इनका निकाह किसी आम व्यक्ति से नहीं, बल्कि ISI एजेंटों या स्लीपर सेल से जुड़े लोगों से कराए जाने की योजना थी।

यह धर्मांतरण केवल धार्मिक परिवर्तन का मामला नहीं था। इसका असली मकसद था इन महिलाओं को जासूसी नेटवर्क का हिस्सा बनाना। उन्हें भारत में ISI के लिए ‘सूत्र’ या ‘स्लीपर एजेंट’ की तरह इस्तेमाल किया जाना था। इसके लिए एक कोडवर्ड सिस्टम भी विकसित किया गया था, जिसके जरिए इन महिलाओं को निर्देश दिए जाने थे। नेपाल की सीमा से लगे इलाकों में पहले ही छांगुर बाबा का मजबूत नेटवर्क था। वह नेपाल को एक सेफ हाउस की तरह इस्तेमाल कर रहा था। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI भी लंबे समय से नेपाल के रास्ते भारत में अपने एजेंट भेजने की कोशिश करती रही है। छांगुर बाबा इसी रास्ते को फिर से सक्रिय करने की कोशिश कर रहा था।

कोडवर्ड से धंधा चला रहा था छांगुर बाबा

कथित तौर पर जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा ने एक भयावह और अमानवीय व्यवस्था बनाई थी, जहां हिंदू महिलाओं के धर्मांतरण के काम को ‘प्रोजेक्ट’ का नाम दिया गया था। साथ ही, धर्म परिवर्तन के लिए ‘मिट्टी पलटना’ और ब्रेन वॉश करने के लिए ‘काजल’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए वह अपने आकाओं और गुर्गों के नेटवर्क से गुप्त रूप से संवाद करता था। कोड वर्ड की भाषा में जमालुद्दीन से मुलाक़ात के लिए ‘दर्शन’ या ‘दीदार करना’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों को खाते में विभिन्न देशों से 100 करोड़ की फंडिंग आई थी जिसका इस्तेमाल इस धर्मांतरण के लिए किया जा रहा था।

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