एअर इंडिया क्रैश रिपोर्ट पर ‘फर्जी न्यूज़’ से Boeing को बचा रहा BBC?

रिपोर्ट में यह कहा गया है कि इस फ्लाइट को सह-पायलट (Co-Pilot) उड़ा रहा था जबकि मुख्य पायलट की भूमिका निरीक्षण और निगरानी की थी

पिछले महीने अहमदाबाद में क्रैश हुई एअर इंडिया फ्लाइट AI171 की शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। इस रिपोर्ट में हादसे से जुड़े कई सवालों के जवाब मिलने की उम्मीद थी लेकिन इसके उलट रिपोर्ट के बाद कई सवाल ही खड़े हो गए हैं। भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) द्वारा जारी की गई इस 15 पन्नों की रिपोर्ट की सबसे अहम बात है कि विमान के दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच यानि वो स्विच जो फ्यूल के इंजन में जाने का निर्धारण करते हैं, विमान के टेक ऑफ होते ही कट-ऑफ पोज़िशन में चले गए थे।

रिपोर्ट में क्या कहा गया है?

इस रिपोर्ट में कहा गया है, “कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछता सुनाई देता है कि उसने विमान क्यों बंद किया। दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा नहीं किया।” हालांकि, रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि इनमें कौन-सी आवाज़ किस पायलट की है। वहीं, रिपोर्ट में यह कहा गया है कि इस फ्लाइट को सह-पायलट (Co-Pilot) उड़ा रहा था जबकि मुख्य पायलट की भूमिका निरीक्षण और निगरानी की थी।

एयरपोर्ट की CCTV फुटेज में दिखा कि टेक-ऑफ के तुरंत बाद प्लेन में Ram Air Turbine (RAT) एक्टिव हो गया। कोई पक्षी टकराने की घटना नहीं दिखी, लेकिन विमान ऊंचाई पकड़ने से पहले ही गिरने लगा। रिकॉर्डिंग से पता चला कि दोनों इंजनों की गति न्यूनतम से नीचे गिर गई थी, जिससे RAT ने हाइड्रोलिक पावर देना शुरू किया। 08:08:52 UTC पर इंजन 1 और 08:08:56 UTC पर इंजन 2 में दोबारा ईंधन देना शुरू हुआ जिससे FADEC सिस्टम ने दोनों इंजनों को फिर से चालू करने की कोशिश की। इंजन 1 कुछ हद तक रिकवर हुआ लेकिन इंजन 2 की रफ्तार नहीं बढ़ सकी। 08:09:05 पर पायलट ने ‘MAYDAY’ कॉल दी लेकिन जवाब देने से पहले ही प्लेन एयरपोर्ट की दीवार पार कर क्रैश हो गया।

BBC की रिपोर्टिंग पर सवाल

जैसी ही यह शुरुआती जांच रिपोर्टिंग सामने आई ब्रिटिश संस्था BBC ने अपने चिर-परिचित अंदाज में बोइंग (Boeing) को बचाना शुरू कर दिया। इस रिपोर्ट में कई तरह के सवाल ज़रूर है लेकिन इतना साफ है कि इसमें किसी को भी अभी तक क्लीन चिट नहीं दी गई है लेकिन BBC ने खुद से ही क्लीन चिट देनी शुरू कर दी है। दरअसल, BBC ने यूट्यूब पर एक वीडियो के टाइटल में लिखा, “ब्रेकिंग एअर इंडिया दुर्घटना: पायलट ने इंजन का ईंधन बंद कर दिया – विमान में कोई खराबी नहीं” यानी BBC ने खुद तय कर दिया है कि विमान में कोई खराबी नहीं थी।

जैसे ही BBC की यह ‘फर्जी रिपोर्टिंग’ सामने आई लोगों ने BBC को घेरना शुरू कर दिया। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में वरिष्ठ सलाहकार कंचन गुप्ता ने भी इस पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने X पर एक पोस्ट में लिखा, “एक वजह है किBBC को अक्सर ‘फेक न्यूज फैक्ट्री’ और उसके पत्रकारों को ‘झूठी खबरें फैलाने वाले’ कहा जाता है। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की शुरुआती रिपोर्ट में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि पायलट्स ने खुद ड्रीमलाइनर के इंजनों का फ्यूल सप्लाई बंद किया। बल्कि, रिपोर्ट में तो यह संभावना जताई गई है कि शायद फ्यूल सप्लाई का स्विच खुद ही खराब हो गया हो।”

वॉल स्ट्रीट जर्नल पर भी उठे सवाल

इसके अलावा भी कई लोगों ने BBC पर सवाल उठाए हैं। बात सिर्फ बिर्टिश संस्था BBC की ही नहीं है बल्कि अमेरिकी अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ पर भी सवाल उठाए गए हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने यह रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने से पहले ही इसकी जानकारी अपने एक आर्टिकल में शेयर कर दी थी जिस पर इंडियन एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन (ALPA) ने गंभीर सवाल उठाए हैं।

ALPA का कहना है कि एअर इंडिया क्रैश की जांच को इस तरह मोड़ा जा रहा है जैसे पायलट दोषी हों। ALPA के अध्यक्ष सैम थॉमस ने कहा कि कहा कि विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने पायलटों को अंधेरे में रखते हुए प्रारंभिक रिपोर्ट मीडिया के साथ साझा की थी। एसोसिएशन ने पूछा कि इतनी संवेदनशील जानकारी मीडिया तक कैसे पहुंची है। ALPA ने कहा, “इतना महत्वपूर्ण दस्तावेज बिना किसी जिम्मेदार हस्ताक्षर के मीडिया को दिया जाना चिंता का विषय है। इसलिए हम जांच में पारदर्शिता के लिए भी शामिल किए जाने की मांग करते हैं, भले ही पर्यवेक्षक की भूमिका में हो।”

गौर करने वाली बात यह भी है कि इस जांच में अमेरिका और ब्रिटिश अधिकारी भी शामिल थे। दरअसल, इस हादसे की जानकारी अमेरिका की राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) को भेजी गई थी क्योंकि विमान अमेरिका में डिजाइन और बनाया गया था। हादसे में मरने वालों में ब्रिटेन, पुर्तगाल और कनाडा के लोग भी थे, इसलिए उनकी जांच एजेंसियों AAIB-यूके, GPIAAF-पुर्तगाल और TSB-कनाडा को भी हादसे की सूचना दी गई।

NTSB ने इस जांच में मदद के लिए बोइंग (विमान बनाने वाली कंपनी), GE (इंजन बनाने वाली कंपनी) और अमेरिका की सरकारी विमानन सुरक्षा संस्था FAA से विशेषज्ञों को बुलाया। इन विशेषज्ञों की टीम 15 जून 2025 को अहमदाबाद पहुंची। इसके अलावा, ब्रिटेन की जांच टीम भी भारत आई और AAIB के डायरेक्टर जनरल के साथ मिलकर हादसे के स्थल का दौरा किया था। जिन दो देशों की टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंची वहीं की मीडिया एजेंसियों पर ही सवाल उठे हैं तो कड़ियों को जोड़ने पर साफ नज़र आता है कि वॉल स्ट्रीट का जानकारी कहां से मिली होगी या किसके फायदे के लिए ब्रिटिश संस्था BBC फर्जी न्यूज़ चल रही थी।

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