ब्रिटिश F-35B जेट ने केरल को कहा अलविदा, 38 दिन की मेहमानी हुई खत्म

यह हाई-टेक सैन्य विमान जून में एक आपातकालीन स्थिति में केरल में लैंड हुआ था

तिरुअनंतपुर में खड़ा ब्रिटिश फाइटर जेट

तिरुअनंतपुर में खड़ा ब्रिटिश फाइटर जेट

करीब एक महीने तक तकनीकी खराबी के चलते केरल के तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर खड़ा रहा ब्रिटेन का अत्याधुनिक F-35B लाइटनिंग-II स्टील्थ फाइटर जेट आखिरकार अब वापस उड़ान भर गया है। यह हाई-टेक सैन्य विमान जून में एक आपातकालीन स्थिति में केरल में लैंड हुआ था, जिसके बाद से यह न केवल सुरक्षा और मरम्मत का विषय बना रहा बल्कि सोशल मीडिया और मीडिया जगत में भी व्यापक चर्चा का केंद्र बन गया था।

इमरजेंसी में पहुंचा था केरल

ब्रिटिश नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर HMS Prince of Wales से जुड़ा यह F-35B लड़ाकू विमान 14 जून को अरब सागर में एक सैन्य मिशन के बाद लौटते समय तकनीकी संकट में आ गया था। खराब मौसम और ईंधन की गंभीर कमी के चलते पायलट को तत्काल आपातकालीन लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू करनी पड़ी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इसके बाद पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू की और सबसे नजदीकी हवाई पट्टी, यानी केरल के तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर उतरने का फैसला लिया।

गंभीर तकनीकी खराबी और मरम्मत का मसला

आपात लैंडिंग के बाद विमान की तकनीकी जांच में इसके हाइड्रोलिक सिस्टम में गंभीर खराबी पाई गई। यह खराबी विमान के लैंडिंग गियर, ब्रेक और स्टीयरिंग जैसे महत्वपूर्ण नियंत्रण तंत्रों को प्रभावित कर रही थी, जिसके चलते जेट को तत्काल उड़ान के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था

शुरुआती प्रयासों के तहत, एयरक्राफ्ट कैरियर से भेजी गई एक सीमित तकनीकी टीम ने स्थल पर ही विमान की मरम्मत की कोशिश की, लेकिन अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी। चूंकि F-35B की तकनीक अत्यधिक संवेदनशील और गोपनीय मानी जाती है, ब्रिटिश अधिकारियों ने इसे स्थानांतरित करने या किसी बाहरी एजेंसी को सौंपने से परहेज़ किया। इसी कारण विमान को तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे के एक सुरक्षित और अलग-थलग पार्किंग क्षेत्र में रखा गया, जहां उसकी चौबीसों घंटे निगरानी की जिम्मेदारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को सौंपी गई।

6 जुलाई को ब्रिटेन ने एक 25 सदस्यीय विशेष तकनीकी दल को तैनात किया, जो रॉयल एयर फोर्स (RAF) के एक परिवहन विमान के माध्यम से तिरुवनंतपुरम पहुंचा। यह दल अपने साथ उन्नत उपकरणों और आवश्यक स्पेयर पार्ट्स को लेकर आया था, ताकि विमान की जटिल मरम्मत प्रक्रियाएं पूरी की जा सकें। भारतीय अधिकारियों के सहयोग से विमान को एक सुरक्षित हैंगर में स्थानांतरित किया गया, जिससे मानसून की बारिश से सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और मरम्मत का कार्य बिना बाधा के संपन्न हो।

सोशल मीडिया पर चर्चा और मीम्स की बाढ़

भारत में हाई-टेक फाइटर जेट की लंबे समय तक मौजूदगी ने सोशल मीडिया पर भी खासा ध्यान खींचा। प्लेटफॉर्म्स पर मीम्स, चुटकुले और व्यंग्यात्मक पोस्ट की भरमार देखी गई, जिनमें से कई ने जेट को ‘केरल में छुट्टियां मनाते मेहमान’ के रूप में दिखाया। इस वायरल ट्रेंड का लाभ केरल पर्यटन विभाग ने भी उठाया, जिसने हल्के-फुल्के अंदाज़ में पोस्ट करते हुए लिखा कि अब F-35 जेट ‘मानसून का आनंद ले रहा है’।

ब्रिटेन ने दिया भारत का धन्यवाद

ब्रिटिश उच्चायोग के आधिकारिक प्रवक्ता ने इस प्रक्रिया में मदद के लिए लोगों का धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा, “14 जून को आपात स्थिति में तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर उतरा ब्रिटेन का F-35B जेट आज यहां से उड़ान भर गया। ब्रिटेन की टीम जो 6 जुलाई से यहां थी, उसने विमान की मरम्मत और सुरक्षा जांच पूरी कर ली है, जिससे यह फिर से उड़ान भर सकता है। ब्रिटेन भारतीय अधिकारियों और हवाई अड्डे के कर्मचारियों के सहयोग के लिए धन्यवाद करता है, जिन्होंने इस पूरी प्रक्रिया में मदद की। हम भारत के साथ अपने रक्षा संबंध और मजबूत करने के लिए उत्सुक हैं।”

मरम्मत पूरी, उड़ान के लिए तैयार

जुलाई के तीसरे सप्ताह तक विमान की सभी तकनीकी समस्याओं का सफलतापूर्वक समाधान कर लिया गया और आवश्यक सुरक्षा जांचों के बाद उसे उड़ान भरने की अनुमति दे दी गई। अब यह F-35B जेट ब्रिटेन लौट गया है। इस पूरे एक महीने के दौरान ब्रिटेन को विमान की पार्किंग और ग्राउंड हैंडलिंग के लिए लगभग 8 लाख रुपये (करीब 9,600 अमेरिकी डॉलर) का खर्च भी उठाना पड़ा। इसके साथ ही, जल्द ही एक अन्य RAF परिवहन विमान भारत आएगा, जो मरम्मत दल और उनके उपकरणों को वापस ले जाएगा।

भारत-UK सहयोग की मिसाल

यह घटना केवल तकनीकी या सैन्य स्तर की घटना नहीं रही, बल्कि इसने भारत और ब्रिटेन के बीच रक्षा सहयोग की मजबूती और गहराई को भी उजागर किया। भारतीय वायुसेना, हवाई अड्डा प्रशासन और कूटनीतिक अधिकारियों ने मिलकर इस संवेदनशील स्थिति का समन्वित और प्रभावी ढंग से प्रबंधन किया। F-35B, विश्व के सबसे आधुनिक लड़ाकू विमानों में से एक है, जिसमें स्टील्थ तकनीक, शॉर्ट टेकऑफ और वर्टिकल लैंडिंग (STOVL) की क्षमता के साथ-साथ अगली पीढ़ी की एवियोनिक्स मौजूद हैं। इस विमान की भारत में इतने दिनों तक उपस्थिति ने रक्षा विशेषज्ञों के साथ-साथ आम जनता में भी गहरी रुचि और उत्सुकता जगाई है।

अब जब यह ब्रिटिश फाइटर जेट भारत की धरती से उड़ान भर चुका है, तो यह सिर्फ एक साधारण इमरजेंसी लैंडिंग की घटना नहीं रह गई है। इसके पीछे एक महीने तक चली तकनीकी चुनौतियों, कूटनीतिक समन्वय और सुरक्षा इंतजामों की लंबी कहानी है, जिसने दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत किया। साथ ही, सोशल मीडिया पर इस घटना ने एक अनोखे डिजिटल संवाद को जन्म दिया, जिसने रक्षा और टेक्नोलॉजी के गंभीर विषय को आम जनता के लिए भी आकर्षक और दिलचस्प बना दिया। ऐसे में यह घटना अब सिर्फ एक तकनीकी हादसे से कहीं अधिक एक यादगार अनुभव और सांस्कृतिक घटना बन गई है।

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