दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. शमा मोहम्मद की ओर से दायर मानहानि याचिका की सुनवाई के दौरान उनकी वकील द्वारा तैयारी न करने पर नाराज़गी जताते हुए ₹5,000 का जुर्माना लगाया है। यह राशि भाजपा नेता संजू वर्मा को अदा की जाएगी, जो इस केस में प्रतिवादी हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति पुरुषेन्द्र कुमार कौरव ने 8 जुलाई को पारित किया। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि वादी पक्ष के वकील ने मामले की तैयारी नहीं की और इससे कार्यवाही में बाधा उत्पन्न हुई। अदालत ने निर्देश दिया कि अगली सुनवाई से पहले यह राशि प्रतिवादी यानी संजू वर्मा को को अदा की जाए।
कांग्रेस नेता डॉ. शमा मोहम्मद ने संजू वर्मा के खिलाफ एक टीवी डिबेट शो में दिए गए कथित अपमानजनक बयानों को लेकर मानहानि का केस दायर किया था। इससे पहले 1 नवंबर 2024 को हाईकोर्ट ने संजू वर्मा के सोशल मीडिया पोस्ट्स को हटाने का निर्देश देते हुए उनके बयानों को ‘अपमानजनक’ बताया था। वहीं, संजू वर्मा की ओर से अधिवक्ताओं की टीम ने सीपीसी के आदेश VII नियम 10 और 11 के तहत मुकदमा खारिज करने के लिए आवेदन दायर किया, जिन पर दिसंबर 2024 में नोटिस जारी किया गया था।
मई 2025 में अदालत ने डॉ. शमा मोहम्मद की वकील को अंतिम अवसर देते हुए इन आवेदनों पर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे और सुनवाई 8 जुलाई को तय की थी। कोर्ट में जब यह मामला सुनवाई के लिए बुलाया गया, तो वादी की वकील ने कहा कि यह केस तो 22 अगस्त 2025 को रजिस्ट्रार के सामने लगा है, जबकि कोर्ट पहले ही निर्देश दे चुका था कि यह मामला सीधे कोर्ट में लंबित अर्ज़ियों की सुनवाई के लिए पेश किया जाएगा। इस पर कोर्ट ने नाराज़गी जताई और कहा कि ऐसी तारीख का कोई मतलब नहीं है। वादी की वकील ने गलती मानते हुए माफ़ी मांगी और कहा कि गलतफहमी के कारण वह केस की तैयारी नहीं कर सकीं। कोर्ट ने अब इस मामले की सुनवाई 6 अगस्त 2025 तक टाल दी है और वादी की वकील को लापरवाही के लिए प्रतिवादी नंबर 1 को 5,000 रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया है।