गुजरात में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए सरगर्मी जोरों पर है। इसी बीच शुक्रवार को गुजरात से एक प्रतिनिधिमंंडल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल में एक भी मुसलमान नहीं था। इसके बाद से ही कांग्रेस में घमासान मचा है। गुजरात कांग्रेस मुसलमान नेताओं में इसको लेकर गहरी नाराजगी देखी जा रही है। नेताओं के बयान सामने आने लगे हैं, तो बीजेपी भी कांग्रेस पर हमलावर हो गयी है।
कांग्रेस नेता ने ही किया खुलासा
इस प्रकरण के बाद कांग्रेस के नेता ही कांग्रेस का पर्दाफास करने में जुटे हुए हैं। गुजरात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हाजी जुमा रायना ने कहा कि इस घटना से कांग्रेस का ‘एम’ वाला पाखंड सामने आ गया है। उन्होंने इसको लेकर पार्टी नेतृत्व पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब गुजरात में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव होना है, तो इसके लिए जो प्रतिनिधिमंडल पार्टी अध्यक्ष और राहुल गांधी से मुलाकात करने गया, उसमें एक भी मुसलमान नेता क्यों नहीं है।
मुसलमानों को वोट बैंक समझ रही कांग्रेस
हाजी जुमा रायना ने कहा कि असल में कांग्रेस मुसलमानों के साथ कैसा व्यवहार करती है, यह सबके सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि गुजरात कांग्रेस के नेताओं ने राहुल गांधी से मुलाकात की, ‘प्रतिनिधिमंडल में एक भी मुसलमान नहीं’, यह कैसी धर्मनिरपेक्षता है। उन्होंने कहा कि वैसे तो राहुल गांधी हर समय मुस्लिम को सबसे आगे रखने की बात करते हैं, लेकिन हकीकत में क्या हो रहा है, यह सबके सामने है। हमें केवल वोट बैंक समझ कर यूज किया जा रहा है। यह हम मुसलमानों के साथ सरासर अन्याय है।
फर्जी धर्मनिरपेक्षता का मुखौटा उतरा
इधर, इस प्रकरण को लेकर बीजेपी भी कांग्रेस पर हमलावर है। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस का धर्मनिरपेक्षता का फर्जी मुखौटा उतर चुका है। जब वोट लेने की बारी आती है तो उन्हें मुसलमान याद आने लगते हैं, लेकिन जब अध्यक्ष बनाने की बात आती है तो डेलिगेशन में एक भी मुसलमान नहीं। शहजाद पूनावाला ने प्रश्न किया कि क्या मुसलमान कांग्रेस के लिए सिर्फ़ वोट बैंक हैं?