समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की संसद भवन के पास स्थित मस्जिद में पार्टी नेताओं के साथ बैठक का बीजेपी ने विरोध शुरू कर दिया है। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा का आरोप है कि अखिलेश यादव ने मस्जिद को सपा कार्यालय बना दिया है। जानकारी हो कि इस बैठक में मस्जिद के इमाम मोहिबुल्लाह नदवी भी बैठे थे, जो इस मस्जिद में इमाम हैं। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने 25 जुलाई को इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की भी घोषणा की है।
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने तस्वीर शेयर करते हुए कहा है कि संसद भवन की मस्जिद में समाजवादी पार्टी की बैठक अखिलेश यादव की मौजूदगी में हुई. उन्होंने कहा, तस्वीर में देख सकते हैं कि कई सपा सांसद उनके साथ मौजूद हैं। तस्वीर में रामपुर के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी भी मौजूद हैं, जो इस मस्जिद में इमाम हैं। इसको लेकर बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने कहा है कि 25 जुलाई को जुमे की नमाज के बाद इसी मस्जिद में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता अखिलेश यादव और उनके सांसद द्वारा की बैठक का विरोध करेंगे।
मस्जिद इबादत की जगह, राजनीति की नहीं: मौलाना
इधर, संसद मार्ग स्थित मस्जिद में सपा नेताओं की बैठक पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि खुदा की इबादत करने की जगह मस्जिद है, न कि सियायत के लिए। मस्जिद का इस्लाम में महत्वपूर्ण स्थान है। मुसलमान पांच वक्त की नमाज मस्जिद में ही पढ़ने के लिए जाते हैं। जब वह मस्जिद पहुंचता है तो दुनियादारी को छोड़कर खुदा की इबादत में लग जाता है। इसके बाद एक मुसलमान के लिए दुनिया की राजनीतिक बातों का कोई महत्व नहीं रह जाता और न ही इसका अधिकार इस्लाम ने दिया है।
बैठक मस्जिद की पवित्रता और गरिमा के खिलाफ
मौलाना ने पत्रकारों को एक तस्वीर दिखाते हुए कहा कि नई दिल्ली में संसद मार्ग स्थित मस्जिद के इमाम रामपुर के सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी हैं। तस्वीर में मौलाना नदवी मस्जिद के बीचोंबीच सहन में बैठे हुए हैं। वह समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों संग बैठक कर रहे हैं। तस्वीर में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, आजमगढ़ से संसद धर्मेंद्र यादव, संभल के संसद जियाउर्रहमान बर्क और दो महिलाएं भी बैठी देखी जा सकती हैं। मस्जिद में सपा की बैठक करना निहायत ही खतरनाक बात है। ये मस्जिद की पाकीज़गी (पवित्रता) और गरिमा के खिलाफ है। मस्जिद में राजनीतिक बातें, राजनीतिक दलों की बैठकें और राजनीतिक भाषण मुस्लिम कौम बर्दाश्त नहीं कर सकती।
माफी मांगें अखिलेश: शादाब शम्स
अखिलेश यादव की इस बैठक को लेकर उत्तराखंड वक्फ बोर्ड भी ने विरोध जताया है। बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने इसे मुसलमानों की भावनाओं को आहत करने वाला बताया है। उन्होंने इसके लिए अखिलेश यादव से माफी मांगने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि मस्जिद आस्था का केंद्र होती है। यहां नमाज पढ़ी जाती है, न कि सियासी चर्चाएं होती हैं। उन्होंने कहा कि मस्जिद में राजनीतिक बैठक करके अखिलेश यादव ने मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।