साउथ फिल्म इंडस्ट्री के कई बड़े सितारे अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कड़ी निगरानी में आ गए हैं। मनी लॉन्ड्रिंग के एक गंभीर मामले में ईडी ने फिल्म अभिनेता राणा दग्गुबाती, प्रकाश राज, विजय देवरकोंडा और लक्ष्मी मांचू को समन भेजा है और उन्हे पूछताछ के लिए बुलाया है। यह कार्रवाई मुख्य रूप से अवैध सट्टेबाजी ऐप से जुड़े आरोपों के तहत की जा रही है, जिसमें इन कलाकारों के नाम सामने आए हैं। ईडी इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इन सभी कलाकारों से विस्तार से पूछताछ करना चाहती है ताकि पूरे मामले की गहराई से जांच की जा सके।
सट्टेबाजी ऐप्स के प्रमोशन का आरोप
ईडी ने आरोप लगाया है कि ये सितारे ऑनलाइन पॉप-अप विज्ञापनों के माध्यम से अवैध सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म्स का प्रचार कर रहे थे। इस प्रचार से लोगों को ऐसे अवैध सट्टा साइट्स से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया गया, जहां बड़ी मात्रा में गैरकानूनी और अवैध लेनदेन होता रहा है।
ये प्लेटफॉर्म करोड़ों रुपये का अवैध सट्टा चला रहे थे। जब इनमें इन फिल्मी सितारों के नाम सामने आए, तो जांच और भी बड़ी हो गई। ईडी अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन सितारों ने इन गैरकानूनी कामों में किस तरह से हिस्सा लिया।
पूछताछ के लिए तलब किए गए
ईडी ने राणा दग्गुबाती को 23 जुलाई, प्रकाश राज को 30 जुलाई, विजय देवरकोंडा को 6 अगस्त और लक्ष्मी मांचू को 13 अगस्त को हैदराबाद में स्थित अपने कार्यालय में पेश होने का नोटिस जारी किया है। एजेंसी का दावा है कि ये सभी कलाकार कथित तौर पर उन सट्टेबाजी ऐप्स का प्रचार कर रहे थे, जो अवैध तरीके से धन जुटाने में लगे हुए थे।
ईडी ने उन्हें बुलाकर इस पूरे नेटवर्क की विस्तृत जांच करना चाहती है ताकि पता चल सके कि इन सितारों की भूमिका क्या थी और उन्होंने किन-किन तरीकों से इस अवैध कारोबार को बढ़ावा दिया।
प्रमोशन के बदले मिली मोटी रकम
पीटीआई के सूत्रों के अनुसार, ईडी को मिली जानकारी के मुताबिक, इन अवैध सट्टेबाजी ऐप्स के प्रचार के बदले इन सितारों को मोटी रकम भी दी गई थी। बताया गया है कि इन ऐप्स के माध्यम से हजारों करोड़ रुपये का अवैध सट्टा और जुआ खेला गया, जिसका बड़ा हिस्सा गैरकानूनी था। ईडी इस बात की भी जांच कर रही है कि इस अवैध धन के लेन-देन में सितारों का क्या हिस्सा था और उन्होंने कितनी रकम हासिल की। इस मामले में बड़े पैमाने पर पैसों की हेराफेरी हुई है।
मामला कैसे शुरू हुआ?
इस पूरे मामले की शुरूआत मार्च 2025 में तेलंगाना पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक एफआईआर के बाद हुई। यह एफआईआर पीएम फणिंद्र शर्मा नामक एक व्यवसायी ने की थी। उन्होंने इसे कानून का उल्लंघन बताया और इसे समाज के लिए एक खतरनाक प्रवृत्ति करार दिया। एफआईआर में करीब 25 फिल्मी हस्तियों और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के नाम थे, जिन पर आरोप था कि वे सोशल मीडिया के ज़रिए अवैध सट्टेबाजी ऐप्स को बढ़ावा दे रहे थे। उनकी शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की फिलहाल, ईडी इस मामले में सभी आरोपियों से पूछताछ के लिए तैयारियां कर रही है ताकि पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके।