उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कल (21 जुलाई) अप्रत्याशित रूप से अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे सियासी गलियारों में हलचल मच हुई है। धनखड़ का यह कदम अचानक ज़रूर दिखा लेकिन सूत्रों की मानें तो इस पटकथा की स्क्रिप्ट कल दिन में ही लिखी जा चुकी थी। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने धनखड़ के औपचारिक एलान से पहले ही कल शाम को बीजेपी के राज्यसभा सांसदों को छोटे-छोटे समूहों में बुलाकर इस बड़े घटनाक्रम की जानकारी दे दी थी। सांसदों के साथ यह बैठक केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घर हुई थी। इसके साथ ही रिजिजू ने बीजेपी के राज्यसभा सांसदों को अगले 14 दिनों तक दिल्ली में ही बने रहने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं।
नए उप-राष्ट्रपति के चुनाव की तैयारी
संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन ही धनखड़ ने इस्तीफा दिया है। उप-राष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति भी होते हैं और अब धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब नए उप-राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया जल्द शुरू होने की संभावना है। यही वजह है कि सभी भाजपा सांसदों को दिल्ली में ही रुकने का आदेश दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, राजनाथ सिंह के घर हुई बैठक में बीजेपी के राज्यसभा सांसदों से कोरे काग़ज़ पर हस्ताक्षर भी करवाए गए थे। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, अगले कुछ दिनों में उम्मीदवार का नाम तय कर लिया जाएगा और पार्टी पूरी ताकत के साथ इस चुनाव की तैयारी में जुट जाएगी।
उप-राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया
उपराष्ट्रपति भारत का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद होता है और उसका कार्यकाल 5 वर्षों का होता है, किंतु कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी वह तब तक पद पर बना रह सकता है जब तक कि उसका उत्तराधिकारी पद ग्रहण नहीं कर लेता। यदि उपराष्ट्रपति अपने पद से त्यागपत्र देना चाहे तो वह भारत के राष्ट्रपति को अपना इस्तीफ़ा सौंप सकता है। भारत का कोई भी नागरिक जिसकी आयु 35 वर्ष पूर्ण हो चुकी हो और जो राज्यसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित होने के योग्य हो, उपराष्ट्रपति पद के लिए पात्र होता है।
निर्वाचन मंडल और प्रक्रिया
भारत के संविधान के अनुच्छेद 66 के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव एक विशेष निर्वाचन मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें राज्यसभा और लोकसभा दोनों के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। राज्यसभा के मनोनीत सदस्य भी इस निर्वाचन में भाग लेते हैं। क्योंकि, यह निर्वाचन केवल संसद के सदस्यों तक सीमित होता है, इसलिए हर संसद सदस्य का मत समान मूल्य रखता है, अर्थात् प्रत्येक वोट का मूल्य ‘1′ होता है।
चुनाव प्रक्रिया और व्यवस्थापन
संविधान के अनुच्छेद 68 के अनुसार, जब उपराष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त हो रहा हो, तो उससे पहले ही नए उपराष्ट्रपति का चुनाव सम्पन्न किया जाना अनिवार्य है। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 और राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति चुनाव नियम, 1974 के साथ-साथ संविधान के अनुच्छेद 324 के अंतर्गत उपराष्ट्रपति चुनाव की सम्पूर्ण प्रक्रिया की देखरेख, संचालन और नियंत्रण भारत निर्वाचन आयोग करता है।
निर्वाचन आयोग, केंद्र सरकार के परामर्श से लोकसभा और राज्यसभा के महासचिवों में से किसी एक को बारी-बारी से निर्वाचन अधिकारी (रिटर्निंग ऑफिसर) के रूप में नियुक्त करता है। राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति चुनाव नियम, 1974 के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान संसद भवन परिसर में आयोजित किया जाता है।
आगे क्या?
संसद का मानसून सत्र अब एक नए राजनीतिक माहौल में प्रवेश कर चुका है। भाजपा नेतृत्व पूरी गंभीरता से उप-राष्ट्रपति चुनाव को जल्द से जल्द संपन्न करवाना चाहता है, ताकि राज्यसभा की कार्यवाही बिना किसी व्यवधान के चल सके। अब देखना यह होगा कि भाजपा अपने नए उम्मीदवार के तौर पर किसे सामने लाती है क्या यह कोई वरिष्ठ नेता होंगे, या फिर किसी राज्यपाल या पूर्व मुख्यमंत्री को इस पद के लिए नामित किया जाएगा? बहरहाल, धनखड़ के इस्तीफे ने देश की राजनीति में एक अप्रत्याशित मोड़ ला दिया है, और आने वाले हफ्तों में यह साफ़ हो जाएगा कि इसके पीछे असली मकसद क्या था।