विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

विदेशी निवेश और नवाचार से भारत की वैश्विक शक्ति में वृद्धि

‘ग्लोबल ट्रेड में भारत का परचम’: मनु सेठ ने बताई मोदी सरकार की रणनीतिक सफलता

TFI ग्लोबल से विशेष बातचीत में विदेशी निवेश सलाहकार और वैश्विक व्यापार विशेषज्ञ मनु सेठ ने स्पष्ट किया कि भारत आज एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति है, जो दुनिया भर की भूराजनीतिक अस्थिरताओं के बावजूद एक स्थिर और प्रभावशाली व्यापारिक अर्थव्यवस्था के रूप में सामने आ रहा है।

जब उनसे रूस-यूक्रेन युद्ध, ईरान-इज़राइल तनाव, और भारत-पाकिस्तान के बीच के हालिया घटनाक्रम जैसे वैश्विक संघर्षों के संदर्भ में भारत की बाजार स्थिति और विदेशी निवेश पर प्रभाव के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इसे एक बड़े लेकिन सुसंगत परिवर्तन के रूप में रेखांकित किया।

उन्होंने कहा: “भारत एक राइजिंग ट्रेंड पर है। एक बिजनेस इकॉनमी के रूप में एक ऊपर की ओर प्रवाह है, जिसमें बहुत सारे मूविंग पार्ट्स शामिल हैं। यह एक बड़े पहिए जैसा है, जिसमें एक साथ कई गियर चल रहे हैं। वैश्विक अस्थिरता का असर व्यापार और निवेश पर जरूर पड़ता है, लेकिन इसके बावजूद भारत का माइंडसेट और एटीट्यूड आज काफी पॉजिटिव है। देश के अंदर और बाहर के लोग भारत के साथ जुड़ने को इच्छुक हैं।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि अब भारत सिर्फ एक उपभोक्ता अर्थव्यवस्था (Consumer Economy) नहीं रहा, बल्कि वह धीरे-धीरे मैन्युफैक्चरिंग और इनोवेशन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा: “भारत अब एक ऐसी कहानी है, जिसका हर देश एक चैप्टर लिखना चाहता है। विदेशी निवेश, एफडीआई, और विभिन्न क्षेत्रों में डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट भारत की स्थिरता और दीर्घकालिक सोच पर भरोसे की पुष्टि करते हैं।”

जब उनसे मोदी सरकार की नीतियों के प्रभाव के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो योजनाएं और सुधार लागू किए गए हैं, उन्होंने भारत के व्यापारिक वातावरण में गहरा विश्वास पैदा किया है।  “आज से कुछ दशक पहले, जब भारत टॉप 10 इकॉनमीज़ में शामिल होने की कोशिश कर रहा था, अब हम टॉप थ्री या फोर की पंक्ति में खड़े हैं। यह विश्वास और आत्मबल सरकार की योजनाओं और देश के नागरिकों के सकारात्मक दृष्टिकोण से आया है।”

मनु सेठ ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि आज एक आम भारतीय भी वैश्विक पहचान का हिस्सा बनना चाहता है , चाहे वह छोटा व्यवसाय कर रहा हो, सेवाएं दे रहा हो या कंटेंट बना रहा हो। “हर भारतीय में अब यह आत्मविश्वास है कि वह ग्लोबल रडार पर अपनी छाप छोड़ सकता है। यह बदलाव केवल योजनाओं का नहीं बल्कि सोच और मानसिकता का है।”

ट्रेड डील्स और वैश्विक साझेदारियाँ

मनु सेठ ने कहा कि भारत ने हाल के वर्षों में कई प्रभावशाली व्यापार समझौते  किए हैं और आगे भी लगातार प्रयासरत है। “हाल ही में यूके के साथ ट्रेड डील हुई, और भारत के पास करीब 12 से 13 अन्य प्रमुख ट्रेड एग्रीमेंट्स हैं। इनमें यूरोपीय यूनियन, यूएस, और अन्य देशों के साथ बातचीत चल रही है। रक्षा, तकनीक, फार्मा, इंफ्रास्ट्रक्चर, मेडिकल जैसे कई क्षेत्रों को सरकार ने निवेश के लिए खोला है।”

उन्होंने बताया कि इन समझौतों के पीछे महीनों नहीं बल्कि सालों की रणनीतिक तैयारी होती है और भारत अब उन देशों की सूची में है जो ग्लोबल स्तर पर निवेश और विकास के मुख्य केंद्र बन चुके हैं।

G20 और ग्लोबल विलेज में भारत की भूमिका

G20 शिखर सम्मेलन के बाद भारत की भूमिका और वैश्विक स्थिति में आए बदलावों पर उन्होंने कहा: “हर गांव में एक पंचायत होती है, और भारत आज उस पंचायत का मंच बन चुका है। अब सवाल यह नहीं कि बाकी देश भारत से जुड़ेंगे या नहीं, बल्कि यह है कि किस तरीके और शर्तों के साथ जुड़ेंगे। यह भारत के प्रभाव और नेतृत्व की एक स्पष्ट गवाही है।”

उन्होंने यह भी कहा कि तकनीक, फार्मा, आर्ट एंड कल्चर, टूरिज्म, और सॉफ्ट टैलेंट के क्षेत्रों में भारत की प्रगति अब एक वैश्विक पहचान बन चुकी है। “भारत एक देश नहीं, बल्कि कई देशों का एक समूह है ,’Many countries within one country’ यही भारत की शक्ति है। हर क्षेत्र में एक साथ प्रगति नहीं होती, लेकिन सरकार ने सेगमेंट्स को प्राथमिकता के हिसाब से बांटकर योजनाबद्ध विकास की दिशा पकड़ी है।”

क्या भारत चीन का विकल्प बन रहा है?

इस सवाल पर कि क्या भारत विदेशी निवेश के लिए चीन का एक मजबूत विकल्प बन चुका है, मनु सेठ ने कहा: “आज भारत निश्चित रूप से सबसे प्रॉमिसिंग और हॉटेस्ट बेड है इन्वेस्टर्स के लिए। पूरे साउथ एशियन और साउथ ईस्ट एशियन बेल्ट में भारत से उम्मीदें बढ़ गई हैं, हमारी डिलीवरी क्षमता, टैलेंट, मैनपावर और कम्युनिटी के चलते।”

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अब भारत मल्टी-लेटरल ट्रेड की ओर बढ़ चुका है और एक व्यापक वैश्विक ट्रेड नेटवर्क तैयार कर रहा है। “हमारा माइंडसेट, एटीट्यूड और दृष्टिकोण पूरी तरह से बदल चुका है। आज हर व्यक्ति चाहे सर्विस दे रहा हो या उत्पाद बना रहा हो, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर खुद को स्थापित करना चाहता है। भारत अब न केवल एक विकल्प है, बल्कि कई अन्य अर्थव्यवस्थाओं के लिए अगला मुख्य निवेश गंतव्य बन चुका है।”

अंत में उन्होंने G20 आयोजन को भारत के लिए एक “बड़ी छलांग” बताया और कहा: “G20 एक ऐतिहासिक मोमेंट था जिसने भारत को ‘ग्लोबल साउथ’ की पहचान दी। अब यह केवल एक टर्म नहीं है, बल्कि एक प्रभावशाली आवाज बन चुकी है — जो भारत के नेतृत्व में सामने आई है। यह भारत की जनसंख्या, अवसर, और रणनीतिक नेतृत्व का प्रतीक है। और हां, हम रेस में भाग रहे हैं, लेकिन हमारा लक्ष्य स्पष्ट है — हम यह रेस जीतेंगे। और हम सब एक टीम, एक राष्ट्र के रूप में उस विजन की ओर बढ़ रहे हैं।”

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