बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर फिर से हमला बोला है। निशिकांत दूबे ने पूर्व पीएम राजीव गांधी के प्रधानमंत्री कार्यालय को विदेशी जासूसों का अड्डा बता दिया है। इसके बाद वे इतने पर ही नहीं रूके। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री पर कई अन्य गंभीर आरोप भी लगाए हैं। इसको लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग और तेज होने के आसार भी दिखने लगे हैं।
“पीएम के प्रधान सचिव को भी देना पड़ा इस्तीफा”
एक्स पर पोस्ट कर बीजेपी सांसद ने कहा कि 1985 का पूरा प्रधानमंत्री कार्यालय विदेशी जासूसों का अड्डा रहा है। उन्होंने लिखा है कि जब रक्षा सौदे का बिचौलिया कुमार नारायण पकड़ाया तो उसने सारे मामलों पर से परदा उठा दिया। श्री दूबे ने आरोप लगाया है कि कुमार नारायण के खुलासे के बाद प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव अलेक्जेंडर साहब को भी इस्तीफा देना पड़ा।
“प्रधानमंत्री कार्यालय के 17 को जेल”
श्री दूबे ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा है कि पूरा प्रधानमंत्री कार्यालय ही विदेशी जासूसों का अड्डा बना हुआ था। इस कारण जब जांच हुई तो प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों समेत 17 लोगों को जासूसी के आरोप में जेल जाना पड़ा। बाद में सुनवाई के दौरान अदालत ने सभी को जासूसी के मामले में दोषी ठहराया गया। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री कार्यालय का ही यह हाल रहा तो हम तो विदेशी ताकतों के ही गुलाम रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के हाथ कितने गंदे हैं, अब यह तो समय ही बताएगा।
पहले भी लगा चुके हैं गंभीर आरोप
बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे इससे पहले भी कांग्रेस पर कई गंभीर आरोप लगा चुके हैं। जानकारी हो कि लगभग एक सप्ताह पहले भी निशिकांत दूबे ने पूर्व प्रधानमंत्री को निशाना बनाते हुए कई गंभीर आरोप लगाए थे। वो इतने पर ही नहीं रूके, उन्होंने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को भी लपेटे में ले लिया था। उन्होंने दावा किया कि 1970 के दशक में एक फाइटर जेट सौदे में राजीव गांधी ने ‘बिचौलिये’ की भूमिका निभाई थी। यह सनसनीखेज खुलासा उन्होंने विकीलीक्स की एक पुरानी रिपोर्ट के हवाले से किया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने डिफेंस डील में ‘हद से ज़्यादा दखलंदाज़ी’ की थी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा कि 2013 में विकीलीक्स ने चौंकाने वाले खुलासे किए थे।