कनाडा में एक बार फिर हिंदू आस्था पर सुनियोजित हमला हुआ है। आए दिन कनाडा में मंदिरों पर हमलों की खबरें आती रहती हैं और अब टोरंटो में भगवान जगन्नाथ की 53वीं रथ यात्रा के दौरान कुछ लोगों ने श्रद्धालुओं पर अंडे फेंककर न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई बल्कि यह भी दिखा दिया कि कनाडा में हिंदुओं की आस्था और त्योहार अब सुरक्षित नहीं हैं। यह शर्मनाक घटना 11 जुलाई को हुई, जब इस्कॉन द्वारा आयोजित रथ यात्रा में हजारों श्रद्धालु भजन-कीर्तन करते हुए भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा के रथ को खींच रहे थे। तभी अचानक एक इमारत की छत से अराजक तत्वों ने श्रद्धालुओं पर अंडे फेंकने शुरू कर दिए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसमें सड़क और फुटपाथ पर टूटे अंडे साफ देखे जा सकते हैं।
ISKCON Yatra Pelted by Eggs in Canada 🇨🇦
Devotees celebrating Rath Yatra had eggs thrown at them in Alberta during the International Society for Krishna Consciousness’ annual event.
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— RT_India (@RT_India_news) July 14, 2025
नवीन पटनायक ने जताई चिंता
ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और BJD प्रमुख नवीन पटनायक ने भी इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने X पर एक पोस्ट में लिखा, “टोरंटो, कनाडा में रथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं पर अंडे फेंके जाने की खबर से बेहद व्यथित हूं। ऐसी घटनाएं न सिर्फ भगवान जगन्नाथ के श्रद्धालुओं की आस्था को गहरी ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि ओडिशा के लोगों को भी अत्यंत पीड़ा देती हैं, जिनके लिए यह पर्व गहरा सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्व रखता है।” साथ ही, उन्होंने ओडिशा सरकार को इस मामले का संज्ञान लेने और विदेश मंत्रालय ने कनाडाई अधिकारियों के सामने विरोध दर्ज कराने की भी मांग की थी।
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
भारत सरकार ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय’ करार देते हुए कहा, “हमें टोरंटो में रथ यात्रा के दौरान कुछ शरारती तत्वों द्वारा माहौल खराब करने की खबरें मिली हैं।ऐसे निंदनीय काम बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं और इस त्योहार की भावना के खिलाफ हैं, जो एकता, समावेशिता और सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देने का संदेश देता है।” उन्होंने कहा, “हमने इस मामले को कनाडाई अधिकारियों के सामने मजबूती से उठाया है और उम्मीद करते हैं कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हम यह भी आशा करते हैं कि कनाडा सरकार वहां लोगों के धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए ज़रूरी कदम उठाएगी।”
यह वही कनाडा है जहां खालिस्तानी आतंकियों को खुला मंच दिया जाता है और अब हिंदू पर्वों पर हमले तक होने लगे हैं। क्या कनाडा अब हिंदू विरोध का गढ़ बनता जा रहा है? भारत को चाहिए कि इस बार सिर्फ ‘निंदा’ से बात खत्म न करे बल्कि कनाडा की सरकार पर राजनयिक दबाव बनाकर इस मामले में दोषियों को कड़ी सज़ा दिलवाए। श्रद्धा और संस्कृति पर हमले को माफ नहीं किया जा सकता।