15 नींद की गोलियों से नहीं मरा पति तो महिला ने दिया करंट; प्रेमी देवर से इंस्टा पर लगातार करती रही चैट, पूछा- ‘शॉक के लिए कैसे बांधें?’

महिला ने कहा कि करवाचौथ से एक दिन पहले पति ने उसे थप्पड़ मारा और गालियां दी थीं

महिला का दावा है कि पति उसे पीटता था जिसके बाद उसकी देवर से नजदीकियां बढ़ीं

महिला का दावा है कि पति उसे पीटता था जिसके बाद उसकी देवर से नजदीकियां बढ़ीं

दिल्ली के द्वारका से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसने रिश्तों की गरिमा और भरोसे की बुनियाद को हिलाकर रख दिया है। यहां एक महिला ने अपने ही चचेरे देवर राहुल देव के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी और यह कोई गुस्से में उठाया गया कदम नहीं था, बल्कि एक सोची-समझी, बेरहमी से रची गई साजिश थी। हत्या के इस भयानक कांड का खुलासा इंस्टाग्राम चैट्स से हुआ, जिसमें पूरी साजिश की पटकथा लिखी गई थी।

शुरुआत: एक सामान्य मौत या कोई रहस्य?

13 जुलाई को उत्तम नगर स्थित माता रूपरानी मग्गो अस्पताल से एक पीसीआर कॉल दिल्ली पुलिस को मिली जिसमें एक युवक की करंट लगने से मौत की सूचना दी गई थी। युवक की पहचान करण देव के रूप में हुई। वह बेहोशी की हालत में अस्पताल लाया गया था और डॉक्टरी जांच में मौत का कारण ‘इलेक्ट्रिक शॉक’ यानी बिजली का झटका बताया गया था। सब कुछ सामान्य लग रहा था, लेकिन करण के छोटे भाई कुणाल देव को शक हुआ और इसी शक ने हत्या की परतों को खोल दिया।

इंस्‍टाग्राम चैट्स से खुली हत्या की परतें

कुणाल को अपने चचेरे भाई यानी करण की पत्नी के देवर के मोबाइल में कुछ इंस्टाग्राम चैट्स मिले। यह कोई सामान्य बातचीत नहीं थी, बल्कि इन चैट्स में एक निर्मम हत्या की योजना बनाई गई थी। जब पुलिस को यह सबूत सौंपे गए, तो उन्होंने तत्काल जांच तेज की और करण की पत्नी और उसके चचेरे भाई को हिरासत में ले लिया। पुलिस के अनुसार, इन दोनों के बीच प्रेम संबंध थे। करण की पत्नी ने पहले उसे रात के खाने में 15 नींद की गोलियां दीं, ताकि वह बेहोश हो जाए। फिर, जब मौत नहीं हुई तो देवर के साथ मिलकर उसे बिजली का झटका देकर मार डाला।

इंस्टा चैट का थ्रिलर फिल्म जैसा विवरण

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हत्या से कुछ घंटे पहले महिला और देवर के बीच इंस्टाग्राम पर देर रात बातचीत हो रही थी। देवर राहुल ने लिखा, “तीन बजे तक आ जाऊंगा, घर की गली में हूं, बोलो तो आऊं…”। इसके जवाब में महिला ने लिखा, “कुछ समझ नहीं आ रहा, मुझे तो… शॉक के लिए बोल रहे हो?” चैट में नींद की गोलियों का जिक्र भी मिलता है। राहुल ने सलाह दी, “एक साथ सारी की सारी ट्राय कर लो।” इसके बाद महिला ने बताया कि करण बहुत धीरे-धीरे सांस ले रहा है। परेशान होकर उसने लिखा, “बहुत स्लो सांसें ले रहा है, चिकोटी काटी तो हिला थोड़ा।” इसके बाद राहुल ने जो जवाब दिया, वह खौफनाक था: “तो फिर शॉक का फाइनल करते हैं, टाइम भी निकल रहा है सारा।”

सुष्मिता ने राहुल को लिखा, “एक बार चेक कर लो दवा खाने के बाद मरने में कितना टाइम लगता है। उसे खाना खाए तीन घंटे हो गए हैं। ना उल्टी, ना पॉटी, कुछ नहीं। और अब तक मरा भी नहीं है। अब क्या करें, कुछ सजेस्ट करो।” इस पर राहुल ने जवाब दिया, “अगर कुछ समझ नहीं आ रहा तो उसे शॉक दे दो।” बातचीत आगे बढ़ी तो सुष्मिता ने पूछा, “शॉक देने के लिए कैसे बांधें उसे?” राहुल ने जवाब दिया, “टेप से।” सुष्मिता ने फिर लिखा, “वो बहुत धीरे-धीरे सांस ले रहा है।” इस पर राहुल ने कहा, “जितनी भी दवा है सब दे दो।” सुष्मिता ने आखिरी में लिखा, “उसका मुंह नहीं खुल रहा। मैं पानी डाल सकती हूं लेकिन दवा नहीं दे पा रही। तुम आ जाओ, शायद मिलकर खिलाने में कामयाबी मिल जाए।” यही वो पल था जब दोनों ने मिलकर करण को मौत की नींद सुला दिया

साजिश से हत्या तक: गूगल सर्च बना गवाह

हत्या से पहले दोनों आरोपियों ने गूगल पर यह तक सर्च किया कि नींद की गोलियों से मौत में कितना समय लगता है। यह तथ्य इस हत्या को और भी डरावना बना देता है कि यह क्षणिक गुस्से की नहीं, बल्कि एक रची-बसी योजना की परिणति थी। पुलिस पूछताछ में पत्नी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि करवाचौथ से एक दिन पहले करण ने उसे थप्पड़ मारा और गालियां दी थीं। वह अक्सर उससे पैसे मांगता था, जिससे उसे मानसिक और शारीरिक कष्ट होता था। इसी से परेशान होकर उसने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति को रास्ते से हटाने का मन बना लिया।

पुलिस कार्रवाई और कानूनी स्थिति

पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103 (हत्या की सज़ा) के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। द्वारका के डीसीपी अंकित सिंह ने कहा, “प्रारंभिक जांच के आधार पर उचित धाराओं में केस दर्ज किया गया है और आरोपियों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया चल रही है। हम विस्तृत पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।” हत्या के तुरंत बाद पत्नी ने अपने ससुराल वालों को बुलाकर कहा, “करण नहीं रहा।” उसकी मासूमियत पर किसी को शक नहीं हुआ। लेकिन करण के भाई कुणाल की सतर्कता और इंस्टाग्राम चैट्स ने हत्या की इस खौफनाक साजिश का पर्दाफाश कर दिया।

दिल्ली की यह वारदात केवल एक हत्या नहीं, बल्कि एक भयावह मानसिक खेल है, जिसमें प्यार, धोखा, प्रतिशोध और हैवानियत की परतें जुड़ी हुई हैं। इंसान जहां सबसे ज्यादा सुरक्षित महसूस करता है वहीं अगर भरोसा टूटे, तो उसका अंजाम कितना खतरनाक हो सकता है, यह मामला उसकी भयावह मिसाल बनकर सामने आया है। जांच जारी है, लेकिन करण देव की मौत अब केवल एक आंकड़ा नहीं बल्कि एक सामाजिक चेतावनी है कि डिजिटल युग में अपराध कैसे मोबाइल स्क्रीन पर लिखे जा रहे हैं और मौत अब बस कुछ चैट्स की दूरी पर खड़ी है।

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