पंजाब में 16 बम धमाके, ISI से फंडिंग: जानें कौन है अमेरिका से भारत लाया जा रहा खालिस्तानी आतंकी ‘हैप्पी पासिया’?

एनआईए की जांच में हुआ खुलासा, आतंकी गतिविधियों की साजिश रचने का आरोप

अमेरिका से भारत लाया जा रहा पंजाब हमलों का खालिस्तानी मास्टरमाइंड

भारत की आतंकवाद विरोधी कोशिशों को एक बड़ी कामयाबी मिली है। अमेरिका से वांछित खालिस्तानी आतंकी हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया को भारत प्रत्यर्पित किया जा रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने पुष्टि की है कि यह कुख्यात आतंकी, जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से गहरे संबंध रखता है, अब जल्द ही भारतीय अदालत में अपने अपराधों के लिए मुकदमे का सामना करेगा।

कौन है हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया?

हरप्रीत सिंह, जिसे ‘हैप्पी पासिया’ के नाम से जाना जाता है, कई सालों से भारतीय खुफिया एजेंसियों की निगरानी में था। उस पर पंजाब में हुए कम से कम 16 बम धमाकों में संलिप्त होने का आरोप है, जिनमें से कई पुलिस प्रतिष्ठानों और सार्वजनिक ढांचों को निशाना बनाकर किए गए थे। इन हमलों का उद्देश्य क्षेत्र में डर और अस्थिरता फैलाना था।

जांच एजेंसियों के अनुसार, सिंह केवल एक फंडिंग करने वाला व्यक्ति नहीं था, बल्कि एक प्रमुख ऑपरेशनल प्लानर भी था। वह एन्क्रिप्टेड डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और विदेशों में मौजूद नेटवर्क्स के जरिए जमीनी आतंकियों को निर्देश देता था। साथ ही, उसने स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर भर्ती किया और पाकिस्तान से हथियार और विस्फोटक भेजवाए।

ISI और बब्बर खालसा से गहरे रिश्ते

जांच में सामने आया है कि हरप्रीत सिंह के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से सीधे संपर्क थे। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, वह ISI की मदद से फंडिंग और रणनीतिक योजनाओं को अंजाम देता था।

कभी कमजोर पड़ चुका बब्बर खालसा संगठन, डिजिटल प्रचार और विदेशी फंडिंग की मदद से दोबारा सक्रिय हो गया है, और हरप्रीत सिंह जैसे ऑपरेटिव इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं, खासकर उत्तरी अमेरिका और यूरोप में बसे प्रवासी समुदायों में खालिस्तानी विचारधारा को फैलाने में।

अमेरिका में गिरफ्तारी: एक समन्वित अभियान

17 अप्रैल 2025 को सिंह की गिरफ्तारी अमेरिका के FBI और US Immigration and Customs Enforcement (ICE) के एक संयुक्त ऑपरेशन के तहत की गई। महीनों की निगरानी और भारतीय एजेंसियों के साथ खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान के बाद उसे पकड़ा गया और ICE की हिरासत में रखा गया।

सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार ने सिंह के खिलाफ एक विस्तृत डोज़ियर अमेरिका को सौंपा था, जिसमें उसका डिजिटल रिकॉर्ड, फाइनेंशियल लेन-देन और कॉल रिकॉर्डिंग शामिल थीं। उसकी प्रत्यर्पण प्रक्रिया को भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग की एक दुर्लभ और सफल मिसाल माना जा रहा है।

30 से अधिक आपराधिक मामले और ₹5 लाख का इनाम

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इस पूरे मामले की जांच का नेतृत्व कर रही है। एजेंसी ने सिंह के खिलाफ 30 से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज किए हैं, जिनमें आतंकी साजिश, हत्या का प्रयास, हथियारों की तस्करी, देशद्रोह और UAPA के तहत धाराएं शामिल हैं।

NIA ने पहले ही उसकी गिरफ्तारी पर ₹5 लाख का इनाम घोषित किया हुआ था। अधिकारियों का मानना है कि हरप्रीत सिंह की पूछताछ से देश और विदेश में फैले खालिस्तानी नेटवर्क के और भी लिंक सामने आ सकते हैं, जिससे इस नेटवर्क के और सदस्य गिरफ्तार किए जा सकते हैं।

Exit mobile version