महाराष्ट्र सरकार 15 अगस्त तक राज्य में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को जारी किए गए सभी फर्जी जन्म प्रमाणपत्र रद्द कर देगी, यह घोषणा राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बुधवार को की। बावनकुले ने पत्रकारों से कहा-“अब तक 42,000 ऐसे मामले पाए गए हैं, लेकिन वास्तविक संख्या अधिक है और उसे अधिकारी पता लगाएंगे,” बावनकुले ने पत्रकारों से कहा।
बीजेपी नेता ने कहा, “15 अगस्त तक बांग्लादेशियों को दिए गए फर्जी जन्म प्रमाणपत्र रद्द कर दिए जाएंगे,” उन्होंने यह भी जोड़ा कि ऐसे प्रमाणपत्रों की प्रतियां राजस्व विभाग और स्वास्थ्य विभाग को भेजी जाएंगी।
किरिट सोमैया के आरोपों के बाद कार्रवाई
यह घोषणा बीजेपी नेता और पूर्व सांसद किरिट सोमैया के आरोपों के बाद की गई है। उन्होंने कहा था कि 3,997 जन्म प्रमाणपत्र बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दिए गए हैं। इस मामले में कार्रवाई करते हुए नासिक जिले के मालेगांव में तैनात दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया।
राज्य स्तरीय बैठक में लिए गए अहम फैसले
मंगलवार को राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने राज्य के मुख्य सचिव के साथ एक बैठक की, जिसमें पूरे राज्य के ज़िला कलेक्टरों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हिस्सा लिया। इस बैठक का मकसद फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों की जांच और उन्हें रद्द करने की प्रक्रिया को तेज़ करना था। बैठक में संबंधित विभागों को ज़रूरी निर्देश दिए गए और अब तक की कार्रवाई की समीक्षा की गई। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में बीजेपी नेता और पूर्व सांसद किरिट सोमैया भी मौजूद थे, जिन्होंने यह मुद्दा सबसे पहले उठाया था और लगातार इस पर नजर रखे हुए हैं।
पिछले वर्षों में तेज़ हुई कार्रवाई: योगेश कदम
वहीं, मार्च महीने में गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने बताया था कि पिछले चार वर्षों में राज्य सरकार ने अवैध बांग्लादेशी निवासियों के खिलाफ कार्रवाई तेज़ कर दी है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2021 में 109, 2022 में 77 और 2023 में 127 व्यक्तियों को निर्वासित किया गया। 2024 में अब तक 716 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है और 202 को देश से बाहर किया गया है।