देश को अस्थिर करने की रच रहा था साजिश, एनआईए ने आईएसआईएस आतंकी को किया गिरफ्तार

आईएसआईएस पुणे मॉड्यूल मामले में 11वां आरोपित था रिजवान, घोषित था तीन लाख रुपये का इनाम

देश को अस्थिर करने की रच रहा था साजिश, एनआईए ने आईएसआईएस के सदस्य को किया गिरफ्तार

एनआईए को और भी गिरफ्तारियों की है उम्मीद

भारत में सक्रिय आईएसआईएस से जुड़े स्लीपर सेल पर चल रही कार्रवाई में एनआईए को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। एनआईए ने रिज़वान अली नामक आईएसआईएस के सदस्य को गिरफ्तार किया है। उसे अबू सलमा और मोला जैसे उपनामों से भी जाना जाता है। जानकारी हो कि वह आईएसआईएस पुणे मॉड्यूल मामले में गिरफ्तार किया गया 11वां व्यक्ति है। जांचकर्ताओं का मानना है कि वह देश को अस्थिर करने के इरादे से आतंकवादी हमलों की सक्रिय रूप से साजिश रच रहा था।

आईईडी बनाने की देता था जानकारी

जानकारी हो कि रिजवान महीनों से फरार चल रहा था। उसके खिलाफ एनआईए की विशेष अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था। उसकी गिरफ्तारी में मददगार पर 3 लाख रुपये का इनाम रखा गया था। एनआईए के अनुसार, वह चरमपंथी कार्रवाइयों को सुविधाजनक बनाने में एक केंद्रीय व्यक्ति था। वह कथित तौर पर संभावित सुरक्षित ठिकानों की टोह लेने, हथियारों और विस्फोटकों के प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन करने और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बनाने की विधियां सिखाने का काम करता था।

रिजवान की गिरफ्तारी RC-05/2023/NIA/MUM नाम से दर्ज एक व्यापक जांच के दौरान की गई है। यह मामला उन व्यक्तियों के एक व्यापक नेटवर्क को निशाना बनाता है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे भारत में इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) की विचारधारा का प्रचार करने के लिए समन्वय बनाकर काम कर रहे हैं। अधिकारियों का दावा है कि इस मॉड्यूल का उद्देश्य लक्षित हमले करना, सांप्रदायिक अशांति फैलाना और हिंसक तोड़फोड़ के माध्यम से कट्टरपंथी इस्लामी शासन स्थापित करना था।

पहले ही हो चुकी हैं 10 गिरफ्तारियां

इस मामले में दस लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें मोहम्मद इमरान खान, मोहम्मद यूनुस साकी, अब्दुल कादिर पठान, सिमाब काज़ी, जुल्फिकार बड़ौदावाला, शमील नाचन, आकिफ नाचन, शाहनवाज़ आलम, अब्दुल्ला शेख और तल्हा खान व अन्य शामिल हैं। इन सभी पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है।

इनमें से प्रत्येक पर स्वतंत्र रूप से और संभवतः विदेश में स्थित आईएसआईएस संचालकों के व्यापक नियंत्रण में, आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने की सुनियोजित साजिश में शामिल होने का आरोप है। अब तक जुटाए गए साक्ष्य कमजोर युवाओं को व्यवस्थित रूप से कट्टरपंथी बनाने, एन्क्रिप्टेड ऐप्स के माध्यम से गुप्त संचार और शहरी केंद्रों में लक्षित हिंसा की तैयारी की ओर इशारा करते हैं।

जारी है जांच, हो सकती हैं और गिरफ्तारियां

एनआईए ने बताया कि मामले की जांच अब भी जारी है और आगे भी जारी रहेगी। इस मामले में और भी गिरफ्तारियां होने की संभावना है। अधिकारी वित्तपोषण के स्रोतों का पता लगाने, अतिरिक्त भर्तियों की पहचान करने और उन अंतरराष्ट्रीय संबंधों की जांच कर रहे हैं, जो इस मॉड्यूल की गतिविधियों को समर्थन दे रहे होंगे। एजेंसी ने ज़ोर देकर कहा कि ऐसे स्लीपर सेल को ध्वस्त करना भारत की आतंकवाद-रोधी रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। खासकर जब आतंकी संगठन ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म, एन्क्रिप्टेड संचार और अनौपचारिक नेटवर्क का फायदा उठाने के लिए रणनीतियां बना रहे हैं। रिज़वान अली की गिरफ्तारी को एक ऐसे संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल को ध्वस्त करने में एक महत्वपूर्ण सफलता माना जा रहा है, जिसके बारे में माना जा रहा था कि वह एक क्रियाशील रूप से परिपक्व और वैचारिक रूप से मज़बूत आतंकी मॉड्यूल है।

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