ओवैसी के बयान पर स्वामी जितेंद्रानंद का पलटवार, कहा-जहां स्वतंत्रता मिले वहां जाओ

औवैसी ने केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू को बताया अल्पसंख्यकों के खिलाफ मंत्री, राजा की तरह काम करने का लगाया आरोप

ओवैसी बयान पर स्वामी जितेंद्रानंद का पलटवार, कहा-जहां स्वतंत्रता मिले वहां जाओ, जाने क्या कहा था ओवैसी ने

स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती

एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू के बीच सोमवार को वाकयुद्ध छिड़ गया। किरेन रिजिजू ने कहा था कि भारत में अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यक समुदाय की तुलना में अधिक लाभ और सुरक्षा प्राप्त है। इस पर तंज कसते हुए ओवैसी ने भी कहा कि इसे “अधिकार, दान नहीं” कहते हैं। ओवैसी ने राजा की तरह काम करने का आरोप लगाया और उन्हें “अल्पसंख्यकों के खिलाफ मंत्री” करार दिया। ओवैसी ने कहा कि भारतीय मुसलमान देश के नागरिक नहीं बल्कि बंधक हैं।

मुस्लिम देशों में ही सबसे अधिक शरणार्थी क्यों

ओवैसी के इस बयान पर भगवान शिव की नगरी वाराणसी के संतों में काफी गुस्सा है। वाराणसी के संतों ने इस पर नाराजगी भी जतायी है। इस पर जवाब देते हुए वाराणसी के संत और अखिल भारतीय सं​त समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने भी तंज कस दिया है। उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम चीफ का कहना है कि भारत में मुसलमान बंधक हैं तो जहां उन्हें स्वतंत्रता मिल रही है, वहां चले जाएं। यहां उन्हें किसने रोक रखा है। इसके साथ ही उन्होंने मुस्लिम देशों की समस्याओं पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस्लामिक देशों में ही सबसे अधिक शरणार्थी क्यों है, इस पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।

क्या कहा था किरेन रिजिजू ने

जानकारी हो कि रिजिजू ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए अपने साक्षात्कार का एक अंश साझा किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि, “भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यक समुदाय की तुलना में अधिक लाभ और सुरक्षा मिलती है।” उन्होंने दावा किया था कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के सिद्धांत को आगे बढ़ाया है, जिससे अल्पसंख्यक समुदायों को भारत की विकास गाथा में समान भागीदार बनने में मदद मिली है। उन्होंने कहा था कि “हमें जो मुख्य बात समझनी है वह यह है कि अल्पसंख्यक समुदायों को सरकार से बहुसंख्यक समुदाय यानी हिंदुओं की तुलना में अधिक धन और सहायता मिल रही है।”

“आप भारतीय गणराज्य के मंत्री हैं, राजा नहीं”

केंद्रीय मंत्री के पोस्ट का जवाब देते हुए ओवैसे ने कहा, “आप भारतीय गणराज्य के मंत्री हैं, कोई राजा नहीं। आप एक संवैधानिक पद पर हैं, सिंहासन पर नहीं। अल्पसंख्यकों के अधिकार मौलिक अधिकार हैं, दान नहीं।” उन्होंने कहा कि हर दिन पाकिस्तानी, बांग्लादेशी, जिहादी या रोहिंग्या जैसे नामों से पुकारा जाना कोई “लाभ” नहीं है, न ही लिंच किया जाना या घरों और धार्मिक स्थलों को अवैध रूप से बुलडोजर से गिराया जाना। उन्होंने पूछा, “क्या भारत के प्रधानमंत्री से कम किसी और के नफरत भरे भाषणों का निशाना बनना कोई “सम्मान” है?”

“भारतीय मुसलमान पलायन नहीं करते”

रिजिजू ने पलटवार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्याणकारी योजनाओं के तहत मिलने वाले लाभों के कारण भारतीय मुसलमान दूसरे देशों में पलायन नहीं करते हैं। उन्होंने ट्वीट किया, “ऐसा क्यों है कि हमारे पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक भारत आना पसंद करते हैं और हमारे अल्पसंख्यक पलायन नहीं करते?”

“और इंसाअल्लाह हम लड़ेंगे”

इस पर ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “माननीय अल्पसंख्यक विरोधी मंत्री के अनुसार, अगर हम पलायन नहीं करते हैं तो इसका मतलब है कि हम खुश हैं। दरअसल, हमें भागने की आदत नहीं है। हम अंग्रेजों से नहीं भागे, हम विभाजन के दौरान नहीं भागे, और हम जम्मू, नेल्ली, गुजरात, मुरादाबाद, दिल्ली आदि नरसंहारों के कारण नहीं भागे।” उन्होंने कहा, “हमारा इतिहास इस बात का सबूत है कि हम न तो अपने उत्पीड़कों के साथ सहयोग करते हैं और न ही उनसे छिपते हैं। हम जानते हैं कि अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए कैसे लड़ना है और हम इंशाअल्लाह लड़ेंगे।”

वक्फ बिल पर भी निकाली भड़ास

इस दौरान ओवैसी ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम में सरकार के बदलावों पर भी निशाना साधा, जो वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने की अनुमति देता है। उन्होंने कहा, “क्या मुसलमान हिंदू बंदोबस्ती बोर्ड के सदस्य हो सकते हैं? नहीं। लेकिन आपका वक्फ संशोधन अधिनियम गैर-मुसलमानों को वक्फ बोर्ड में शामिल होने के लिए बाध्य करता है और उन्हें बहुमत बनाने की अनुमति देता है।” ओवैसी ने मोदी सरकार पर मुस्लिम छात्रों के लिए छात्रवृत्ति में कटौती करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि भारतीय मुसलमानों के साथ अब दोयम दर्जे के नागरिक जैसा व्यवहार नहीं किया जाता, बल्कि उन्हें बंधकों की तरह माना जाता है।

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