यह वह मानसिकता है, जो टीएमसी के शासन में पनपती है, जानें क्यों दिया बीजेपी नेता अमित मालवीय ने यह बयान

कलकत्ता लॉ कॉलेज, कस्बा गैंगरेप मामले में टीएमसी विधायक चिरंजीत चक्रवर्ती पर पलटवार

यह वह मानसिकता है, जो टीएमसी के शासन में पनपती है, जानें क्यों दिया बीजेपी नेता अमित मालवीय ने यह बयान

कोलकाता लॉ कॉलेज

कलकत्ता लॉ कॉलेज कस्बा में 25 जून को हुए गैंगरेप मामले पर टीएमसी विधायक चिरंजीत चक्रवर्ती के एक्स पोस्ट जिसमें कहा गया था कि “केवल उसके साथ ही बलात्कार क्यों हुआ? अन्य के साथ क्यों नहीं?”, पर बीजेपी नेता अमित मालवीय ने पलटवार किया है। अमित मालवीय ने कहा कि यह सिर्फ असंवेदनशीलता नहीं, यह एक अपमान है। अमित मालवीय ने अपने एक्स पोस्ट पर लिखा है कि 0पीड़िता के साथ सहानुभूति दिखाने या उसके साथ खड़े होने के बजाय, एक जनप्रतिनिधि उसके आघात का मज़ाक उड़ाता है और उसकी पीड़ा पर सवाल उठाता है।

टीएमसी ने नहीं की निंदा भी

अमित मालवीय ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा है कि यह वह मानसिकता है, जो टीएमसी के शासन में पनपती है, जो पीड़ितों को अपमानित करती है और शक्तिशाली लोगों को बचाती है। उन्होंने लिखा है कि इस मामले में अब तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से भी अब तक किसी प्रकार की नाराजगी जाहिर नहीं की गई है। सत्ताधारी दल टीएमसी की ओर से भी अब तक किसी प्रकार की निंदा तक नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि बंगाल देख रहा है। 2026 में इसके परिणाम सबके सामने होंगे।

पुलिस ने रीक्रिएट किया क्राइम सीन

कोलकाता पुलिस ने शुक्रवार को लॉ कॉलेज स्टूडेंट से गैंगरेप की जांच के सिलसिले में क्राइम सीन रीक्रिएट किया। इसके लिए पुलिस गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों के साथ साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज पहुंची थी। तीनों मुख्य आरोपियों मोनोजीत मिश्रा, मौजूदा स्टूडेंट प्रमित मुखर्जी और जैब अहमद और सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी को सुबह करीब 4.30 बजे कॉलेज ले जाया गया। इस प्रक्रिया को पूरा करने में करीब चार घंटे लगे। इसके बाद सभी को पुलिस स्टेशन वापस लाया गया। पुलिस के अफसर ने बताया कि जो नतीजे मिले हैं, उनसे अब महिला के आरोपों से जांच की जाएगी और बाकी सबूतों से पुष्टि की जाएगी।

पुलिस के अनुसार, सुरक्षा गार्ड पिनाकी को दोपहर बाद अदालत में पेश किया जाएगा, क्योंकि उसकी पुलिस रिमांड 4 जुलाई तक ही है। मामले की जांच फिलहाल कोलकाता पुलिस का डिटेक्टिव डिपार्टमेंट कर रहा है।जानकारी हो कि यह घटना 25 जून को पश्चिम बंगाल की राजधानी के कस्बा क्षेत्र में साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में हुई। इसके पांच दिन बाद, 30 जून को कोलकाता पुलिस ने तीन मुख्य आरोपियों को 12 घंटे से भी कम समय में गिरफ्तार कर लिया।

इलेक्शन तक बंद रहे छात्र संघ ऑफिस

कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को बंगाल के सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटी में छात्र संघ कार्यालयों को बंद करने का आदेश दिया है। जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस स्मिता दास डे की बेंच ने कहा कि छात्र चुनाव होने तक ये कमरे बंद रहेंगे। कोर्ट ने कहा कि ऐसे कमरों का इस्तेमाल किसी भी काम के लिए नहीं किया जा सकता है। जरूरत होने पर वैध कारणों के साथ यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार को आवेदन देना होगा, तभी इन कमरों का उपयोग किया जा सकेगा।

CCTV और मेडिकल रिपोर्ट में गैंगरेप की पुष्टि हुई

कॉलेज के CCTV में 25 जून की दोपहर 3:30 बजे से रात 10:50 बजे तक करीब 7 घंटे की फुटेज हैं। एक जांच अधिकारी ने बताया कि CCTV में पीड़ित छात्रा को गार्ड के कमरे में जबर्दस्ती ले जाने की घटना कैद हुई है। इससे छात्रा की लिखित शिकायत में लगाए गए आरोपों की पुष्टि होती है। 28 जून को पीड़ित छात्रा की मेडिकल रिपोर्ट में भी रेप की पुष्टि हुई। पुलिस के मुताबिक पीड़ित के साथ जबरदस्ती करने, शरीर पर काटने और नाखून से खरोंचने के निशान मिले हैं। उससे मारपीट की भी पुष्टि हुई है। पुलिस ने बताया कि आरोपी के शरीर पर खरोंच के निशान पाये गए हैं।

….तो नहीं होते लव बाइट्स

इधर, कोलकाता गैंगरेप के मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा के वकील राजू गांगुली पूरे मामले को लेकर एक नई बहस ही छेड़ दी है। वकील का कहना है कि क्या पुलिस ने कभी यह बताया कि मनोजीत मिश्रा के शरीर पर लव बाइट्स भी पाए गए? अगर ये रेप का मामला होता, तो लव बाइट्स नहीं होते।’ वकील ने पीड़ित छात्रा को इनहेलर देने की मंशा पर भी सवाल उठाए। हालांकि, पूरे मामले को लेकर दोनों पक्षों के अलग-अलग तर्क हैं।

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