‘एथीस्ट कृष्णा’ के निधन पर ‘जश्न’ मना रहे लोगों की शर्म मर चुकी है

कृष्णा के निधन पर जहां एक ओर हजारों लोग श्रद्धांजलि और दुख व्यक्त कर रहे थे, वहीं कुछ ऐसे भी थे जो इस मौके पर भी जहर उगलने और राजनीतिक एजेंडा चलाने से नहीं चूके

'एथीस्ट कृष्णा' के निधन पर शर्मनाक टिप्पणियां की गई हैं

'एथीस्ट कृष्णा' के निधन पर शर्मनाक टिप्पणियां की गई हैं

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ‘एथीस्ट कृष्णा’ का 23 जुलाई की सुबह निधन हो गया और इसकी वजह निमोनिया बताया गया है। अपनी कमाल की फोटोशॉप स्किल्स के लिए मशहूर कृष्णा के निधन पर लोगों ने उसने जुड़ी अपनी यादें साझा की हैं और दुख जताया है। ट्विटर (अब X) पर उनके करीब 4.3 लाख फॉलोअर्स थे और उनको जानने वाले बताते हैं कि लाखों फॉलोअर्स होने के बाद भी उनमें विनम्रता थी। मलाल नाम के एक X यूज़र ने उन्हें याद करते हुए लिखा, “प्रो मोदी होने के बावजूद मुझे याद नहीं कभी किसी से उनके कोई लड़ाई TL (टाइमलाइन) पर हुई हो। आज इसी वजह से हर कोई जो उनसे जुड़ा था, शोक प्रकट कर रहा है।”

सोशल मीडिया का बड़ा तबका जहां ‘एथीस्ट कृष्णा’ के जाने से दुखी हैं तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी है जिनकी शर्म मर चुकी है और वो लोग इस निधन पर भी खुशी और जश्न मना रहे हैं। कृष्णा के निधन पर जहां एक ओर हजारों लोग श्रद्धांजलि और दुख व्यक्त कर रहे थे, वहीं कुछ ऐसे भी थे जो इस मौके पर भी जहर उगलने और राजनीतिक एजेंडा चलाने से नहीं चूके। कुछ यूज़र्स ने उनकी राजनीतिक पसंद जैसे कि उनकाप्रो-मोदी रुख को निशाना बनाते हुए ट्रोलिंग, ताने और भद्दे कमेंट्स किए।

एक ‘X’ यूज़र ने तो उनके निधन पर नीचता की सारी सीमाएं पार करते हुए गाली ही लिख दी। अमोक नामक इस यूज़र ने लिखा, “मा***** का सुबह निमोनिया के कारण निधन हो गया।” इस टिप्पणी के लिए यूज़र ने कृष्णा के पुराने राहुल गांधी से जुड़े एक पोस्ट को  चुना और उसे कोट करते हुए यह टिप्पणी की है।

राजनीतिक प्रतिद्वंदी में एक तबके की नीचता किस कदर हावी होती जा रही है इसका अंदाज़ा Rofl Democrazy नाम वाले यूज़र के एक ट्वीट से आप लगा सकते हैं। इसने कृष्णा के पुराने X पोस्ट जिसमें उन्होंने लिखा था, “कल 400 पार होने के बाद मुझे उठा देना” पर ज़हरीली टिप्पणी करते हुए लिखा, “400 पार तो नहीं हुआ लेकिन ये हमेसा के लिए उठ गया।” ज़िया अहमद खान नामक एक X यूज़र ने भी इससे जुड़े एक पोस्ट पर लिखा, “हमेशा के लिए सो गया क्योंकि 400 का आंकड़ा पार नहीं हो पाया।”

 

 

अबरार नाम के एक यूज़र ने निकृष्टता का नया स्तर पार कर दिया। उसने एक मीम शेयर कर अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए लिखा, “सीधे 1000 अप्सराओं के पास चला गया मा****।” सिर्फ इतना ही नहीं उसने जो मीम शेयर किया था उस पर भी अभद्र भाषा लिखी हुई थी। इसमें लिखा था, “एक दिन मर जाएगा कु** की मौत, जग में सब बोलेंगे मर गया मा****।”

Neo Indian नामक एक यूज़र ने लिखा, “वे सारे दक्षिणपंथी भारतीय कुत्ते जिन्होंने बुराई का साथ दिया नरक में सड़ें।” Nimo Yadav 2.0 नामक एक यूज़र ने कृष्णा के निधन पर भद्दा या कहें क्रूर मज़ाक करते हुए लिखा, “‘एथीस्ट कृष्णा’ को मरणोपरांत भारत रत्न मिलना चाहिए क्योंकि उन्होंने वो कर दिखाया जो कोई नहीं कर पाया कि उन्होंने मोदी जी के चेहरे पर भारत में मुस्कान ला दी। वरना हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री तो आमतौर पर सिर्फ विदेशों में ही मुस्कुराते हैं।” यह पोस्ट उन्होंने कृष्णा के निधन से जुड़ी NDTV की एक खबर को कोट करते हुए लिखा था।

एथीस्ट कृष्णा की मौत पर जश्न मना रहे इन लोगों की संख्या हज़ारों में है। हालांकि, इनमें से ज़्यादातर लोगों ने जो अपना पहचान सोशल मीडिया पर दी है वो असली नहीं है लेकिन इन जहरीले हैंडल्स को चला रहे लोगों की मानसिकता में जो ज़हर भरा है वो इन पोस्ट से साफ-साफ नज़र आता है। किसी के निधन को सोशल मीडिया पर राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के लिए इस्तेमाल करना वाकई नैतिक पतन का भयावह रूप है। अगर विरोध भी है तो सोशल मीडिया पर एक-दूसरे का वैचारिक विरोध हो, वैचारिक टिप्पणियां हों जमकर सवाल पूछे जाएं और कड़े सवाल पूछे जाएं लेकिन इस तरह की वैचारिक शून्यता भविष्य के लिए डराने वाली भी है।

क्या ऑनलाइन मतभेद इतने विषैले हो गए हैं कि हम मृत्यु जैसी घटना पर भी इंसानियत नहीं दिखा सकते? क्या अब राजनीतिक विचारधारा ही मानवीय मूल्य तय करेगी? क्या डिजिटल स्पेस में संवेदना की जगह सिर्फ ट्रोल्स ने ले ली है? यह कौनसी राजनीतिक विचारधारा है जो दर्द पर भी मज़ाक उड़ाती है, शोक पर भी सियासत करती है…क्या हम इंसान रहना भूल गए हैं? ‘एथीस्ट कृष्णा’ की मौत पर जो हुआ वह सिर्फ किसी व्यक्ति का विचार मात्र नहीं है बल्कि सोशल मीडिया पर विरोधी विचार के लोगों के लिए पनप रही सोच है। और हमें यह सोच बदलने की ज़रूरत है, अगर यह सोच नहीं बदली गई तो इस जहर भरे इंटरनेट पर मानवता भी खत्म हो जाएगी।

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