अमेरिकी ओलंपिक और पैरालंपिक समिति (USOPC) ने हाल ही में एक नया बदलाव किया है। अब अमेरिकी ट्रांसजेंडर एथलीट ओलंपिक या पैरालंपिक महिला स्पर्धाओं में हिस्सा नहीं ले सकेंगी। यह परिवर्तन तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के “पुरुषों को महिला खेलों से दूर रखने” वाले कार्यकारी आदेश (Executive Order 14201) के बाद लाया गया है। इसे USOPC की Athlete Safety Policy में “additional requirements” नाम से एक नए सेक्शन में शामिल किया गया है। USOPC का उद्देश्य अभी भी महिला एथलीटों के लिए सुरक्षित और निष्पक्ष खेल सुनिश्चित करना है।
किस आधार पर ये कदम उठाया गया?
USOPC ने बताया है कि उनका यह कदम ट्रंप के कार्यकारी आदेश और 1988 में बने टेड स्टीवंस ओलंपिक और एमेच्योर खेल अधिनियम के अनुसार है। यह कानून ओलंपिक और अन्य खेलों में होने वाले पात्रता विवादों को सुलझाने के लिए नियम बनाता है।
USOPC की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सारा हिर्शलैंड और अध्यक्ष जीन साइक्स ने टीम यूएसए को भेजे गए एक पत्र में कहा कि चूंकि वे एक संघीय चार्टर वाले संगठन हैं, इसलिए उन्हें संघीय नियमों का पालन करना जरूरी है। उन्होंने यह भी बताया कि इस नई नीति को सभी राष्ट्रीय खेल संघों को लागू करना होगा और इसके लिए उन्हें निर्देश भी दिए गए हैं। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सभी खिलाड़ियों के लिए खेल निष्पक्ष और सुरक्षित बने रहें।
ट्रंप का आदेश और NCAA की प्रतिक्रिया
ट्रम्प के आदेश में यह कहा गया कि अगर कोई स्कूल या संस्था ट्रांसजेंडर एथलीटों को लड़कियों की टीमों में खेलने देती है, तो उन्हें संघीय फंड मिलना कम किया जाएगा। आदेश यह भी करता है कि एकल-लिंगी टीम और लॉकर रूम की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
इसके बाद NCAA ने भी अपनी नीति बदली और ट्रांसजेंडर खेलने वालों को सिर्फ “जन्म से महिला” के रूप में वर्गीकृत किया।
बड़े खेल आयोजनों से पहले अचानक बदलाव
यह नया USOPC बदलाव ऐसे समय में आया है जब लॉस एंजेल्स 2028 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की तैयारी में जुटा है और ट्रांसजेंडर एथलीटों की भागीदारी को लेकर बहस जारी है।
USOPC ने कहा है कि ट्रम्प का आदेश कुछ संघीय एजेंसियों के साथ सम्मानजनक और रचनात्मक बातचीत के बाद लागू किया गया नीति परिवर्तन का हिस्सा है।
अमेरिकी खेल संस्थानों ने ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों को महिला स्पर्धाओं से अलग करने के लिए नियम बदले हैं, जिसमें USOPC, NCAA और संघीय आदेशों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।