केंद्रीय मंत्री की फिल्म में रेप पीड़िता के नाम को लेकर HC पहुंचा मामला

रेप पीड़िता का नाम जानकी होने पर CBFC की आपत्ति पर HC ने क्या कहा, पढ़ें

केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी की आगामी फिल्म का पोस्टर

केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी की आगामी फिल्म का पोस्टर

केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी की आने वाली मलयालम फिल्म को लेकर विवाद केरल हाईकोर्ट तक जा पहुंचा है। केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को गोपी की आगामी फिल्म JSK: जानकी वर्सेस स्टेट ऑफ केरल के शीर्षक और मुख्य पात्र के नाम को लेकर सेंसर बोर्ड (CBFC) द्वारा उठाई गई आपत्ति पर हैरानी जताई है। भारत सरकार की डिप्टी सॉलिसिटर जनरल (DSGI) ओएम शालिना ने कोर्ट को बताया कि ‘जानकी’ नाम हिंदू देवी सीता का है और फिल्म में इस नाम के उपयोग से धर्म की अवमानना संबंधी नियमों का उल्लंघन हो सकता है।

हालांकि, जस्टिस एन नागरेश ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि जब यह पात्र एक बलात्कार पीड़िता है, जो न्याय के लिए लड़ रही है, तो उसका नाम ‘जानकी’ क्यों नहीं हो सकता। जस्टिस नागरेश ने अपनी टिप्पणी में कहा, “वह पीड़िता है? अगर बलात्कारी का नाम राम, कृष्ण या जानकी होता तो बात समझ में आती। यहां तो वह नायिका है, जो न्याय के लिए लड़ रही है।” उन्होंने CBFC की इस आपत्ति को कलाकारों और निर्देशकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करार दिया है।

जस्टिस  नागरेश ने CBFC से सख्‍त लहजे में पूछा, “अब आप तय करेंगे कि निर्देशक और कलाकार किस पात्र को क्या नाम दें और कैसी कहानी कहें? नाम क्यों बदला जाए? जानकी में क्या गलत है? यह धर्म का अपमान कैसे है? यह तो कलाकार की स्वतंत्रता है। यह स्वतंत्रता पूर्ण नहीं हो सकती, लेकिन आपके पास इसका कोई ठोस कारण नहीं है।”कोर्ट में यह याचिका फिल्म निर्माण कंपनी M/s Cosmos Entertainments ने दायर की है, जिसमें सेंसर सर्टिफिकेट जारी करने में हो रही देरी को चुनौती दी गई है। याचिका के अनुसार, फिल्म सर्टिफिकेशन के लिए आवेदन 12 जून को CBFC की ई-सिनेप्रमाण पोर्टल पर किया गया था लेकिन अब तक न तो सर्टिफिकेट जारी किया गया है और न ही कोई औपचारिक आपत्ति दर्ज की गई है।

याचिका में यह भी बताया गया कि CBFC ने पहले फिल्म के टीज़र को सर्टिफिकेट दे दिया था, जिसमें ‘जानकी’ नाम पर कोई आपत्ति नहीं थी। याचिकाकर्ता का कहना है कि कोई औपचारिक सूचना या कारण बताओ नोटिस नहीं मिला है लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के ज़रिए कंपनी को पता चला कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म के टाइटल और मुख्य पात्र ‘जानकी’ के नाम पर आपत्ति जताई है। याचिकाकर्ता के मुताबिक, इस घटनाक्रम से पता चलता है कि CBFC की स्थिति असंगत और मनमानी है

कंपनी ने कोर्ट को यह भी बताया कि फिल्म की रिलीज़ 27 जून को दुनियाभर में तय की गई थी और इस देरी से न केवल कंपनी के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार (अनुच्छेद 19(1)(a) और 19(1)(g)) का उल्लंघन हुआ है, बल्कि इसे अपूरणीय आर्थिक नुकसान भी हो सकता है। इसलिए, कोर्ट से आग्रह किया गया कि वह CBFC को शीघ्रता से सर्टिफिकेट जारी करने का आदेश दे। कोर्ट ने अब डिप्टी सॉलिसिटर जनरल से मामले में CBFC की स्थिति स्पष्ट करने के लिए विवरण या प्रतिवेदन दाखिल करने को कहा है।

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