राहुल गांधी की खुली धमकी: ‘चुनाव चुराने वालों को हम ढूंढ निकालेंगे’

मतदाता धोखाधड़ी के दावों से देशद्रोह के आरोपों तक, हार के बाद राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर हर बार निशाना साधना सोचा—समझा पैटर्न लगता है। इससे संदेह पैदा होता है कि ये जवाबदेही है या टालमटोल।

राहुल गांधी की खुली धमकी: 'चुनाव चुराने वालों को हम ढूंढ निकालेंगे'

राहुल गांधी हर हार के बाद चुनाव आयोग पर लगाते रहे हैं आरोप।

कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर भारतीय चुनाव आयोग (ECI) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान ‘वोट चोरी’ में सक्रिय संलिप्तता का आरोप लगाया है। कथित अनियमितताओं को ‘देशद्रोह’ बताते हुए, राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के सेवानिवृत्त या कार्यरत अधिकारियों को चेतावनी दी कि उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा।

पुराना है आरोप लगाने का सिलसिला

यह टिप्पणी कांग्रेस पार्टी और चुनाव आयोग के बीच बढ़ते तनाव के बीच आई है, जो उन टकरावों की श्रृंखला में सबसे नई है। राहुल गांधी अब तक सार्वजनिक रूप से और बार-बार आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि वह चुनावी ईमानदारी को लेकर जायज़ चिंताएं उठा रही है, लेकिन आलोचक एक जानी-पहचानी प्रवृत्ति पर ध्यान दे रहे हैं: पार्टी के खिलाफ जाने वाले चुनावी नतीजों के बाद आरोपों में तेज़ी आ जाती है।

चुनाव के बाद की जानी-पहचानी पटकथा

2024-25 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद, जिसमें भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने भारी जीत हासिल की थी। राहुल गांधी ने नतीजों को ‘फिक्स्ड’ बताया था। उन्होंने मतदाता सूचियों में बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ का आरोप भी लगाया था। उन्होंने मतदान केंद्रों से डिजिटल मतदाता सूची और सीसीटीवी फुटेज तक पहुंच की मांग भी की थी। चुनाव आयोग ने प्रक्रियात्मक मानदंडों का हवाला देते हुए इन अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद गांधी ने संस्था पर ‘सबूत मिटाने’ और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में ‘ज़हर’ की तरह काम करने का आरोप लगाया था।

कर्नाटक में भी हेराफेरी का आरोप

कर्नाटक (जुलाई 2025) में, राहुल गांधी ने चुनावी हेराफेरी के ‘100% सबूत’ होने का दावा किया था। इसमें उन्होंने असामान्य संख्या में नए मतदाताओं, खासकर 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के नाम और युवा वैध मतदाताओं के नाम हटाए जाने की ओर इशारा किया। एक बार फिर, उन्होंने चुनाव आयोग के स्पष्टीकरण को ‘पूरी तरह बकवास’ बताकर खारिज कर दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्य में विफल साबित हो रहा है।

बिहार पर उनकी हालिया टिप्पणियों ने विशेष रूप से ध्यान आकर्षित किया है। राहुल गांधी ने प्रेस से कहा, ‘हमारे पास इस बात के साफ़ सबूत हैं कि चुनाव आयोग वोट चोरी में शामिल है।’ ‘आप कहीं भी हों, चाहे आप रिटायर्ड ही क्यों न हों, हम आपको ढूंढ निकालेंगे।’ कथित कार्रवाई को ‘देशद्रोह’ बताने वाली कठोर भाषा ने पर्यवेक्षकों के बीच ऐसे बयानों के लहजे और समय को लेकर चिंता पैदा कर दी है।

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