असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को प्रमुख छात्रा छात्रवृत्ति योजना, ‘निजुत मोइना 2.0’ के दूसरे चरण का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से युवतियों को सशक्त बनाना और राज्य में बाल विवाह को समाप्त करना है। गुवाहाटी विश्वविद्यालय के बिरिंची कुमार बरुआ सभागार में राज्यव्यापी शुभारंभ समारोह में बोलते हुए मुख्यमंत्री सरमा ने 2026 तक बाल विवाह को समाप्त करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “निजुत मोइना 2.0” की शुरुआत से चार लाख छात्राएं अपने शैक्षणिक सपनों को पूरा करते हुए बाल विवाह के अभिशाप से खुद को बचा सकेंगी। उन्होंने कहा कि असम पुलिस ने अब तक बाल विवाह में शामिल 12,000 से ज़्यादा लोगों को गिरफ़्तार किया है। इनमें से कई को दोषी ठहराया गया है और आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी।
निजुत मोइना 2.0 के तहत मिलेगी ये राशि
उच्चतर माध्यमिक (एचएस) छात्राओं के लिए 1,000 रुपये
स्नातक (यूजी) छात्राओं के लिए 1,250 रुपये
स्नातकोत्तर (पीजी) और बी.एड छात्राओं के लिए 2,500 रुपये
इस योजना में अब एचएस, यूजी और पीजी के प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्र शामिल हैं। आने वाले वर्ष में अंतिम वर्ष की छात्राओं को भी शामिल करने की योजना है, जिससे 100 प्रतिशत कवरेज प्राप्त हो सके। लाभार्थियों की कुल संख्या बढ़कर 10 लाख छात्राओं तक पहुंचने की उम्मीद है।
सीएम ने योजना को बताया “आशा का स्रोत”
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां निजुत मोइना 1.0 में केवल राज्य विश्वविद्यालय और प्रांतीय कॉलेज शामिल थे। वहीं अब तेजपुर विश्वविद्यालय और असम विश्वविद्यालय जैसे केंद्रीय विश्वविद्यालय भी इसमें शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, स्व-वित्तपोषित पाठ्यक्रमों में पढ़ने वाली छात्राएं भी इस योजना से लाभान्वित होंगी। इस योजना को “आशा का स्रोत” बताते हुए, सरमा ने कहा कि “निजुत मोइना” उन अभिभावकों की सहायता के लिए बनाया गया है, जो अपनी बेटियों की शिक्षा में आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह पहल, ओरुनोदोई जैसी योजनाओं के साथ, समावेशी है और सभी जातियों, जनजातियों और धर्मों के छात्रों को लाभान्वित कर रही है।
विश्वविद्यालय की भी घोषणा
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हमारा उद्देश्य अवसरों के द्वार खोलना और आत्मनिर्भरता व आकांक्षाओं से भरा भविष्य बनाना है। उच्च शिक्षा में असम की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए, सरमा ने कहा कि राज्य में अब 25 मेडिकल कॉलेज, 25 से ज़्यादा विश्वविद्यालय और लगभग 400 कॉलेज हैं। आईआईटी, एम्स, आईआईआईटी, राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय, सैनिक स्कूल और आदर्श विद्यालय जैसे संस्थान शैक्षणिक पारिस्थितिकी तंत्र को नया रूप दे रहे हैं। उन्होंने राज्य के शैक्षिक बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण वृद्धि के रूप में आगामी स्वाहिद कनकलता बरुआ विश्वविद्यालय की भी घोषणा की।
“हमारी आबादी के अनुपात में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के एक मज़बूत नेटवर्क के साथ, असम आज शिक्षा तक पहुंच के मामले में देश के शीर्ष 10 राज्यों में शामिल है। अब समय आ गया है कि हमारे युवा विशेषकर हमारी लड़कियां आगे बढ़ें और एक नए, सशक्त असम का निर्माण करें।