हरियाणा में हिन्दुओं के मुकाबले तेजी से बढ़ रहे मुसलमान, जानें सीएम ने की क्या अपील

सीएम नायाब सिंह सैनी ने जनसांख्यिकी असंतुलन पर जताई चिंता, कहा, लोगों में तेजी से बढ़ रही है कम बच्चे पैदा करने की प्रवृत्ति।

हरियाणा में हिन्दुओं के मुकाबले तेजी से बढ़ रहे मुसलमान, जानें सीएम ने की क्या अपील

हिन्दुओं में तेजी से कम हो रही बच्चे पैदा करने की प्रवृत्ति।

हरियाणा में जनसांख्यिकी असंतुलन को सीएम नायाब सिंह सैनी ने सामाजिक विकास के लिए बड़ा खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि कम बच्चे पैदा करने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है। इस कारण गांव के गांव वीरान होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे राज्य का सामाजिक विकास बाधित हो जाएगा। हमें इस पर गंभीरता से काम करने की जरूरत है, तभी जाकर राज्य में सामाजिक संतुलन बना रह सकेगा।

राष्ट्रीय स्तर से अधिक है मुसलमानों का TFR

हरियाणा में हिन्दुओं के मुकाबले मुसलमानों की आबादी तेजी से बढ़ रही है। यहां पर मुसलमानों की आबादी की वृद्धि दर राष्ट्रीय स्तर से भी अधिक है। साल 2011 की जनगनणा के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दुओं की आबादी की वृद्धि दर 1.94 और मुसलमानों 2.36 है। लेकिन, अगर हरियाणा की बात करें तो हिन्दुओं की आबादी की वृद्धि दर तो राष्ट्रीय औसत के बराबर ही है। लेकिन, मुसलमानों की आबादी की वृद्धि दर 3.87 है। अब आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि स्थिति क्या है।

पूर्व विधायक ने हिन्दुओं के पलायन पर जताई थी चिंता

अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले भाजपा नेता और पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग साल 2015 से ही कर रहे हैं। राजस्थान के दौसा में जनसंख्या समाधान फाउंडेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम के दौरान फाउंडेशन के संरक्षक ज्ञानदेव आहूजा ने जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग उठाते हुए हिंदुओं के पलायन पर चिंता जताई और कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने के लिए पूरे देश में जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है।

हिन्दू विहीन हो चुके हैं मेवात 103 गांव

हरियाणा के मेवात की बात करते हुए पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि मुसलमानों की जनसंख्या बढ़ने से सनातन संस्कृति का विनाश हो रहा है। उन्होंने कहा, जनसंख्या का ‘जो संतुलन बिगड़ रहा है, भारत में सनातन धर्म का विनाश हो रहा है और हरियाणा के मेवात में तो 103 गांव हिंदू विहीन हो गए और 76 गांवों में दो चार हिंदू घर बचे हैं, जो बेचारे गरीब हैं खाती या कुम्हार।

राज्य में दूसरी बड़ी आबादी मुसलमानों की

हरियाणा में हिंदुओं के बाद दूसरी बड़ी आबादी मुसलमानों की है, जबकि सिख तीसरे स्थान पर हैं। वहीं ईसाईयों की संख्या जैन आबादी से भी कम है। प्रदेश में बौद्ध धर्म को मानने वालों की संख्या कुछ हजार में ही सिमटी हुई है। यह खुलासा केंद्र सरकार द्वारा देश में धर्म के आधार पर कराई गई जनगणना से प्राप्त आंकड़ों से हुआ है। जनगणना से हरियाणा के लिए एक विशेष बात भी सामने आई है कि प्रदेश आज भी गांव में ही बसता है। हिंदू, मुसलिम और सिखों की ज्यादा आबादी गांवों में है, जबकि ईसाई, बौद्ध और जैन समुदाय के लोगों की संख्या शहरों में अधिक है। प्रदेश में 42212 लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने खुद को किसी धर्म से नहीं जोड़ा है।

हरियाणा में तीसरे नंबर पर हैं सिख

वर्ष 2011 में कराई गई धर्म आधारित जनगणना के अनुसार, हरियाणा की कुल जनसंख्या 25351462 लोगों में हिंदुओं की संख्या 22171128 है, जो 87.45 फीसदी है। दूसरे स्थान पर 1781342 मुसलमानों की संख्या कुल आबादी का 7.02 फीसदी है जबकि सिख 1243752 की आबादी के साथ 4.90 फीसदी ही हैं। अन्य धर्मों में जैन समुदाय 0.20 फीसदी है और उसकी कुल संख्या 52613 लोग है। ईसाईयों की 50353 आबादी कुल जनसंख्या की 0.19 फीसदी है जबकि बौद्ध (7514) कुल आबादी में मात्र 0.02 फीसदी हैं। गांव और शहरों में बसे लोगों की संख्या में 14128537 हिंदू, 1424576 मुसलिम और 912937 सिख गांवों में बसे हैं। ईसाईयों की (32986) ज्यादा आबादी शहरों में है जबकि बौद्ध (4670) और जैन (49098) भी ज्यादातर शहरों में बसे हैं।

मुस्लिम TFR अधिक होने के ये हैं मुख्य कारण

कारण विवरण
शिक्षा की कमी विशेषकर मुस्लिम महिलाओं में साक्षरता दर कम
विवाह की आयु जल्दी विवाह से प्रजनन काल लंबा
बच्चों के बीच कम अंतर High birth frequency
धार्मिक-सांस्कृतिक सोच बड़ी संतान संख्या को वरदान मानना
स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच परिवार नियोजन जानकारी और साधनों की कमी

10 साल में मुसलमानों की आबादी 45.5 प्रतिशत बढ़ी

साल 2001 से 2011 के बीच के 10 साल की बात करें तो 10 साल में राज्य में हिन्दुओं की आबादी में तो केवल 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई, वहीं मुसलमानों की आबादी में 45.5 प्रतिशत की। मतबल हिन्दुओं की तूलना में मुसलमानों की आबादी में 27 प्रतिशत से अधिक बढ़ रही है। अगर यही हाल रहा तो आनेवाले कुछ सालों में ही मुसलमान पूरे राज्य में जनसंख्या के मामले में सबसे अधिक हो जाएंगे। वर्ष 2011 की धर्म आधारित जनगणना के मुताबिक हरियाणा में हिंदुओं की आबादी 22171128 हो गई है जबकि 2001 में इनकी जनसंख्या 18655925 थी। यानी दस वर्षों में राज्य में हिंदुओं की आबादी में 3515203 की वृद्धि दर्ज की गई, जो 18 फीसदी से ज्यादा है। इसकी तुलना में मुस्लिमों की आबादी में 45.5 फीसदी की वृद्धि हुई है।

घट रही जैन समुदाय की आबादी

इन सबके इतर राज्य में जैन आबादी में करीब आठ फीसदी की कमी दर्ज की गई। वर्ष 2011 की धर्म आधारित जनगणना में मुस्लिमों की आबादी 1781342 हो गई है, जबकि 2001 में 1222916 थी। इन दस वर्षों में मुस्लिमों की आबादी में 558426 की वृद्धि यानी तकरीबन 45.5 फीसदी बढ़ी। इसी प्रकार राज्य में सिखों की आबादी में 73090 की वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2001 में इनकी आबादी 57167 थी जो 2011 में घटकर 52613 हो गई। आंकड़ों के मुताबिक दस वर्षों में उनकी आबादी में 4554 की कमी आई है।

देश की आबादी में भी हिन्दुओं की हिस्सेदारी घटी

भारत सरकार की जनगणना 2011 के आंकडों के अुनसार, भारत की आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी घटी और मुस्लिमों की बढ़ी। राजधानी के नजदीक स्थित हरियाणा भी इस परिवर्तन से अछूता नहीं र्है। हरियाणा में भी हिंदुओं की जनसख्यां प्रतिशत में घटोतरी औऱ मुस्लिमों की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी दर्ज की गई। साल 2001 में हिंदु कुल आबादी के 88.23 प्रतिशत थे जो कि साल 2011 में घटकर 87.47 प्रतिशत रह गए। निःसंदेह हरियाणा की आबादी बढ़ी है लेकिन हिंदुओं की प्रतिशतता घट गई। वहीं हरियाणा साल 2001 में दूसरे नबंर के हिस्सेदार मुस्लिमों की आबादी 5.78 प्रतिशत थी जो कि साल 2011 में बढ़कर 7.02 प्रतिशत हो गई. हरियाणा की आबादी में तीसरे नंबर के हिस्सेदार सिखों की जनसंख्या साल 2001 में 5.53 प्रतिशत थी जो कि 2011 में घटकर 4.90 प्रतिशत रह गई.

नूंह, पलवल और फरीदाबाद में खतरनाक स्थिति

हरियाणा के नूंह, पलवल और फरीदाबाद में मुसलमानों की जनसंख्या काफी तेज सी बढ़ रही है। आंकड़ों की बात करें तो यह खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। बात अगर नूंह की करें तो यहां की स्थिति बिल्कुल उलट है। यहां हिन्दुओं के मुकाबले मुसलमानों की आबादी तेजी से बढ़ रही है। यहां 103 से अधिक गांव हिन्दुओं से खाली हो चुके हैं। कई अन्य गांव भी अब हिन्दुओं से खाली होने की हालत में हैं।

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