सीनियर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेता राम माधव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आरएसएस पूरी तरह से एकजुट हैं और उनके बीच कोई झगड़ा नहीं है। एक इंटरव्यू में माधव ने बताया कि भाजपा और आरएसएस अलग-अलग क्षेत्रों में काम करते हैं। भाजपा राजनीति में तो आरएसएस सामाजिक सेवा में, लेकिन दोनों की सोच और उद्देश्य एक ही है।
राम माधव ने कहा कि भाजपा और आरएसएस के बीच जो झगड़े की बातें हो रही हैं, वे गलत हैं। जब कोई बड़ा मुद्दा नहीं होता तो लोग आरएसएस को झगड़े का कारण बताते हैं। लेकिन सच यह है कि भाजपा और आरएसएस एक ही सोच और मकसद से काम करते हैं। भाजपा राजनीति करती है और आरएसएस देश की सेवा करता है। दोनों के बीच कभी कोई झगड़ा नहीं हुआ है।
आरएसएस की सामाजिक सेवा में भूमिका
माधव ने बताया कि आरएसएस देश बनाने के लिए मेहनत करता है और इसका मुख्य काम अच्छे और संस्कारी इंसान बनाना है। इसमें लोगों को अच्छे नैतिक और सामाजिक गुण सिखाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि आरएसएस में अलग-अलग राजनीतिक विचार वाले लोग हो सकते हैं, यहां तक कि कांग्रेस के लोग भी शामिल हो सकते हैं। माधव ने ये भी कहा कि आरएसएस के खिलाफ राजनीति करना सही नहीं है क्योंकि आरएसएस सिर्फ समाज और देश की भलाई के लिए काम करता है और राजनीति से दूर रहता है।
प्रधानमंत्री मोदी का सम्मान
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में आरएसएस को सबसे बड़ी एनजीओ बताया और उसके 100 साल के देश सेवा के काम की तारीफ की। उन्होंने कहा कि आरएसएस की स्थापना 100 साल पहले हुई थी और वह देश के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। “व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण” के सिद्धांत के साथ, आरएसएस के सदस्यों ने देश की भलाई के लिए अपना जीवन समर्पित किया है।
माधव ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह कहना सिर्फ आरएसएस के सदस्यों के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लोगों के लिए एक अच्छा संदेश है। इससे पता चलता है कि आरएसएस समाज और जनता की भलाई के लिए कितना काम करता है।
माधव ने अंत में कहा कि भाजपा और आरएसएस के बीच पूरी सहमति है और वे साथ मिलकर काम करते हैं। जो बातें उनके बीच लड़ाई-झगड़े की बताई जाती हैं, वे सिर्फ राजनीति के कारण फैलती हैं। असल में उनका रिश्ता मजबूत है और दोनों देश की सेवा में लगे हुए हैं।