12 अगस्त 2025 को फोर्ट पीयर्स के पास फ्लोरिडा टर्नपाइक पर एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई। यह हादसा एक ट्रक और कार के टकराने से हुआ। हादसे में शामिल ट्रैक्टर-ट्रेलर को हरजिंदर सिंह चला रहा था, जो 28 साल का भारतीय नागरिक है। बताया गया है कि वह 2018 में बिना कानूनी अनुमति के अमेरिका आया था। इस घटना के बाद काफी विवाद हुआ, जिसमें प्रवासियों और सिख समुदाय को निशाना बनाया गया।
दिल दहला देने वाली घटना
यह हादसा मंगलवार, 12 अगस्त को दोपहर करीब 3 बजे हुआ। हरजिंदर सिंह नाम का व्यक्ति एक बड़ा ट्रक चला रहा था। उसने सड़क के उस हिस्से से यू-टर्न लेने की कोशिश की जो सिर्फ सरकारी वाहनों के लिए होता है। इस वजह से उसका ट्रेलर पूरी सड़क पर फैल गया और सामने से आ रही गाड़ियों के पास रुकने या बचने का कोई मौका नहीं बचा।
एक मिनीवैन ट्रेलर से टकरा गई, जिसमें तीन लोग थे। टक्कर इतनी तेज थी कि दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और तीसरे की अस्पताल में इलाज के दौरान जान चली गई। मरने वालों में एक पोम्पानो बीच की 37 वर्षीय महिला, फ्लोरिडा सिटी का 30 वर्षीय पुरुष और मियामी का 54 वर्षीय पुरुष शामिल हैं।
ट्रक के अंदर का एक वीडियो सामने आया है जो अब वायरल हो चुका है। उसमें हरजिंदर सिंह शांत दिख रहा है, न तो घबराया और न ही परेशान, बस ट्रक रोककर इंजन बंद करता है और बैठा रहता है। सिंह के पास कैलिफोर्निया का ट्रक चलाने का लाइसेंस था। उसे 16 अगस्त को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उस पर तीन लोगों की मौत के लिए गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज है, और हर केस में उसे 15 साल तक की जेल हो सकती है।
हरजिंदर सिंह की अवैध आप्रवासन पृष्ठभूमि
इस हादसे के बाद हरजिंदर सिंह की इमिग्रेशन से जुड़ी जानकारी ने मामले को और ज्यादा विवादित बना दिया। फ्लोरिडा हाईवे सेफ्टी और होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के अनुसार, सिंह सितंबर 2018 में कैलिफोर्निया के सैन यसीड्रो बॉर्डर से गैरकानूनी तरीके से अमेरिका में घुसा था।
उसे उस समय बॉर्डर पर पकड़ लिया गया और तुरंत देश से निकाले जाने की प्रक्रिया शुरू हुई। लेकिन सिंह ने कहा कि अगर वह भारत वापस गया तो उसकी जान को खतरा है, इसलिए उसने शरण की अपील की। इसके बाद उसे जनवरी 2019 में 5,000 डॉलर की जमानत पर छोड़ दिया गया और तब से वह अमेरिका में कानूनी प्रक्रिया का इंतजार कर रहा था।
जब लोगों को यह पता चला कि एक अवैध प्रवासी होते हुए भी सिंह को ट्रक चलाने का लाइसेंस कैसे मिल गया, तो इस पर काफी गुस्सा देखने को मिला, खासकर राजनीति और जनता के बीच।
सिख समुदाय के खिलाफ भड़कता गुस्सा और पूर्वाग्रह
इस हादसे का असर सिर्फ अमेरिका में ही नहीं, बल्कि कनाडा तक भी पहुंच गया है। खासकर सोशल मीडिया पर सिख समुदाय और भारतीय प्रवासियों को लेकर नफरत भरी बातें की जा रही हैं। कुछ लोगों ने बिना किसी सबूत के हरजिंदर सिंह को खालिस्तानी आंदोलन से जोड़ दिया है, जबकि उसका ऐसा कोई संबंध सामने नहीं आया है।
एक वायरल पोस्ट में कहा गया, “हरजिंदर सिंह अमेरिका में घुसा, झूठ बोलकर शरण ली, ट्रक लाइसेंस लिया और तीन लोगों को मार दिया। यह सब खालिस्तानी नेटवर्क की वजह से हुआ।” कुछ लोगों ने सिख पहचान पर हमला करते हुए लिखा, “पगड़ी = अवैध प्रवासी और अराजकता,” और “सभी भारतीयों को देश से निकालो।” कनाडा में भी कुछ लोग कह रहे हैं कि अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन ने अलगाववादियों और आतंकवादियों को शरण देकर गलती की है।
इन सब बातों से विदेशों में रह रहे सिख समुदाय के नेता चिंतित हैं। उन्हें डर है कि एक इंसान की गलती की वजह से पूरे समुदाय को गलत ठहराया जा रहा है। 2021 की जनगणना के अनुसार, कनाडा में 7.7 लाख से ज़्यादा सिख रहते हैं, जो भारत के बाहर सबसे बड़ी संख्या है।
इस घटना ने फिर से उन पुरानी बहसों को हवा दे दी है, जिनमें प्रवासी सिखों को खालिस्तानी सोच से जोड़ा जाता है। अब लोग सवाल कर रहे हैं कि हरजिंदर सिंह जैसे व्यक्ति को ट्रक चलाने का लाइसेंस कैसे मिला और कुछ लोग कैलिफोर्निया सरकार पर केस करने की मांग भी कर रहे हैं।
व्यापक आव्रजन नीति पर असर
इस मामले ने अमेरिका की इमिग्रेशन नीतियों पर, खासकर कैलिफोर्निया के AB 60 कानून पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह कानून 2015 से अवैध प्रवासियों को ड्राइविंग लाइसेंस लेने की इजाजत देता है। आलोचकों का कहना है कि इससे ऐसे ड्राइवर सड़कों पर आ जाते हैं जो सुरक्षित नहीं होते, जबकि कुछ लोग मानते हैं कि अगर उन्हें लाइसेंस दिया जाए तो वे ट्रेनिंग और बीमा लेकर ज्यादा सुरक्षित तरीके से गाड़ी चला सकते हैं।
यह केस अमेरिका की धीमी इमिग्रेशन कोर्ट व्यवस्था की कमज़ोरी भी दिखाता है। हरजिंदर सिंह छह साल तक देश से निकाले जाने से बचा रहा क्योंकि उसका शरण का मामला अब तक पूरा नहीं हुआ है। ऐसे हज़ारों केस लंबित पड़े हैं।
अब सिंह पर तीन गैर-इरादतन हत्या के केस हैं और इमिग्रेशन विभाग (ICE) ने उसे डिटेन करने का आदेश भी दिया है। अगर वह दोषी पाया गया, तो उसे 45 साल तक जेल हो सकती है और फिर उसे अमेरिका से निकाला जा सकता है।
सिख समुदाय की स्थिति और अपील
इस हादसे ने सिख समुदाय को मुश्किल हालात में डाल दिया है। समुदाय के नेताओं का कहना है कि एक व्यक्ति की गलती की सज़ा पूरे समुदाय को नहीं मिलनी चाहिए। वे लोगों से अपील कर रहे हैं कि ध्यान पीड़ितों और उनके परिवारों पर दिया जाए, न कि झूठी बातों और नफरत फैलाने पर।
उनका यह भी कहना है कि इस समय समझदारी से काम लेना, सही जानकारी फैलाना और बातचीत करना जरूरी है, ताकि किसी समुदाय के खिलाफ नफरत और भेदभाव को रोका जा सके।