सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत- नई दिल्ली में बन रहा है, दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय ‘युगे युगेन भारत’

भारत की संस्कृति और इतिहास को दिखाने वाला भव्य संग्रहालय

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत- नई दिल्ली में बन रहा है, दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय 'युगे युगेन भारत'

भारत की सत्ता के केंद्र में दशकों बाद सबसे बड़ा बदलाव हो रहा है, जिसे सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है। इस बदलाव का सबसे खास हिस्सा होगा दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय- युगे युगेन भारत। यह संग्रहालय 1,17,000 वर्ग मीटर में फैला होगा और इसमें 950 कमरे होंगे। यह नया संग्रहालय, राष्ट्रीय संग्रहालय की जगह लेगा और भारत की संस्कृति को दिखाने वाला प्रमुख केंद्र बनेगा। इसे रायसीना हिल पर बने नॉर्थ और साउथ ब्लॉक्स में बनाया जाएगा, जहां आज़ादी के बाद से भारत के बड़े मंत्रालयों के दफ्तर रहे हैं।

इस बदलाव की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में कर्तव्य भवन के उद्घाटन से हुई है। यह इमारत उन 10 नई इमारतों में से पहली है, जहां अब गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास, एमएसएमई और पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस जैसे मंत्रालयों के कार्यालय काम करेंगे।

भारत की विरासत की पुनर्प्राप्ति

आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के तहत काम करने वाला केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) इन ऐतिहासिक इमारतों (ग्रेड-1 हेरिटेज) की मरम्मत और सुधार का काम धीरे-धीरे कर रहा है। हाल ही में हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी (HCC) ने पहले चरण की मंजूरी दी है, जिसमें नॉर्थ ब्लॉक को उसके पुराने लुटियंस काल के डिज़ाइन, रंग और रूप के अनुसार दोबारा तैयार किया जाएगा।

बीते वर्षों में ऑफिस की ज़रूरतों के चलते इन इमारतों में अंदर से कई दीवारें बना दी गई थीं। अब इन दीवारों को हटाकर इमारत की पुरानी भव्यता वापस लाई जाएगी। जहां CPWD इमारत की मजबूती और ढांचे पर काम करेगा, वहीं संस्कृति मंत्रालय संग्रहालय की योजना और उसकी गैलरियों का डिज़ाइन बनाएगा।

राष्ट्रीय संग्रहालय की एक समिति ये तय कर रही है कि कौन-कौन सी कलाकृतियां और चीज़ें नए संग्रहालय में दिखाई जाएंगी, ताकि भारत की प्राचीन परंपराएं, मध्यकालीन इतिहास और आधुनिक उपलब्धियां एक साथ दिख सकें। इस तरह, यह संग्रहालय न केवल एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का सांस्कृतिक केंद्र बनेगा, बल्कि यह भारत की सभ्यता की पूरी यात्रा को दर्शाने वाला एक उत्सव स्थल भी होगा।

एक व्यापक राष्ट्रीय दृष्टिकोण: सेंट्रल विस्टा परियोजना

नॉर्थ और साउथ ब्लॉक्स का नवीनीकरण सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का सिर्फ एक हिस्सा है। इस योजना का मकसद है भारत की प्रशासनिक व्यवस्था को आधुनिक बनाना, और साथ ही पुरानी ऐतिहासिक इमारतों को संभालकर रखना भी।

इस परियोजना में शामिल हैं:

प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में कर्तव्य भवन का उद्घाटन किया, जो इस नए दौर की शुरुआत को दिखाता है। अगले दो सालों में सभी 10 सचिवालय भवन पूरे हो जाएंगे, जिससे नॉर्थ और साउथ ब्लॉक्स जैसी ऐतिहासिक इमारतों को सांस्कृतिक कामों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।

सांस्कृतिक और प्रशासनिक एकता का प्रतीक

इस बड़े प्लान में युगे युगेन भारत संग्रहालय सिर्फ एक आम संग्रहालय नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट किस तरह शासन, संस्कृति और विरासत को एक साथ जोड़ रहा है। इस योजना का मकसद एक ऐसा केन्द्रीय इलाका बनाना है, जहां भारत की राजनीतिक, प्रशासनिक और सांस्कृतिक संस्थाएं एक साथ, आधुनिक लेकिन ऐतिहासिक सम्मान को बनाए रखते हुए, मौजूद हों।

जब यह पूरी परियोजना बनकर तैयार हो जाएगी, तब नया सेंट्रल विस्टा न सिर्फ देश का प्रशासनिक केंद्र बनेगा, बल्कि यह पर्यटकों के लिए एक बड़ा सांस्कृतिक स्थल भी होगा — और युगे युगेन भारत संग्रहालय इसकी मुख्य पहचान के रूप में सामने आएगा।

 

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