भारत विरोधियों की शरणस्थली बनता जा रहा लंदन, गांधी जयंती से पहले खालिस्तानी उपद्रवियों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा तोड़ी, लिखा- ‘गांधी- मोदी आतंकवादी

भारतीय उच्चायोग ने जताया कड़ा विरोध, त्वरित एक्शन की मांग की

भारत विरोधियों की शरणस्थली बनता जा रहा लंदन, गांधी जयंती से पहले खालिस्तानी उपद्रवियों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा तोड़ी, लिखा- 'गांधी- मोदी आतंकवादी

लंदन कभी आधुनिकता और लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक माना जाता था, लेकिन आज यह शहर उन्मादी ताकतों और असामाजिक तत्वों के सामने घुटने टेक चुका है। कभी इस्लामी कट्टरपंथ की परछाई तो कभी खालिस्तानी आतंकवाद का जहर, ब्रिटेन की धरती अब भारत विरोधी शक्तियों की शरणस्थली बनती जा रही है। यही लंदन है जहां कुछ ही समय पहले भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की गाड़ी को खालिस्तानी समर्थकों ने घेरकर भारत का अपमान किया था और खुलेआम तिरंगा फाड़कर अपनी नफरत का प्रदर्शन किया था। अब गांधी जयंती से ठीक पहले एक और शर्मनाक घटना सामने आई है। टैविस्टॉक स्क्वायर में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा को खालिस्तानी उपद्रवियों ने तोड़ा और फिर चबूतरे पर भड़काऊ बातें भी लिखीं। यह केवल गांधीजी की स्मृति और उनकी अहिंसा की विरासत पर हमला नहीं है बल्कि भारतीय अस्मिता और विश्वभर में बसे करोड़ों भारतीयों की भावनाओं को गहरा आघात पहुँचाने वाली कायराना हरकत है।

भारत सरकार और भारतीय समुदाय ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। भारतीय उच्चायोग ने इसे न केवल गांधीजी की विरासत पर हमला बताया बल्कि ब्रिटिश व्यवस्था की नाकामी भी करार दिया जो ऐसे आतंकियों को खुलेआम सरंक्षण देती नजर आती है। यह पूरी घटना अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस से ठीक पहले घटित हुई जिससे इसकी गंभीरता और भी बढ़ जाती है। सवाल यह है कि क्या ब्रिटेन अब सचमुच खालिस्तानी आतंकवादियों और भारत विरोधी ताकतों की खुली शरणस्थली बन चुका है।

मूर्ति तोड़ी और लिखा:- गांधी- मोदी आतंकवादी

यह बेहद चौंकाने वाली बात है कि लंदन जैसे अंतरराष्ट्रीय शहर के इतने चर्चित चौक पर ऐसी घिनौनी वारदात हो गई और सुरक्षा एजेंसियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। यह हमला उस समय हुआ जब गांधी जयंती और अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस बस दो दिन दूर थे। खालिस्तानी उपद्रवियों ने बापू की ध्यानमग्न प्रतिमा को नुकसान पहुँचाया और उसके चबूतरे पर उकसाने वाले शब्द लिख डाले। स्मारक में उनकी प्रतिमा के नीचे भारतीय तिरंगे झंडे का भी अपमान किया गया है। ‘हिंदुस्तान, गांधी, मोदी आतंकवादी’ सरीखे नारे लिखे गए हैं।

भारतीय उच्चायोग ने इस पर अपना आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा – हम टैविस्टॉक स्क्वायर में महात्मा गांधी की मूर्ति के साथ हुई तोड़फोड़ की इस शर्मनाक घटना की कड़ी निंदा करते हैं। यह न केवल एक मूर्ति पर हमला है, बल्कि यह अहिंसा, शांति और सहिष्णुता के उन मूल्यों पर प्रहार है, जिन्हें गांधीजी ने पूरी दुनिया को सिखाया। उच्चायोग ने स्पष्ट किया कि इस मामले को स्थानीय प्रशासन के सामने मजबूती से उठाया गया है और मूर्ति को उसकी मूल गरिमा में बहाल करने के लिए तुरंत कदम उठाए जा रहे हैं।

रतीय उच्चायोग की टीम तत्काल घटनास्थल पर पहुँची और स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर कार्रवाई शुरू की। यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब पूरी दुनिया गांधी जयंती और अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाने की तैयारी कर रही है। महात्मा गांधी की मूर्ति के साथ की गई यह शर्मनाक हरकत न केवल भारतीय समुदाय बल्कि दुनिया भर में गांधीजी के अनुयायियों के लिए गहरी चोट है। 1968 में टैविस्टॉक स्क्वायर में स्थापित यह प्रतिमा भारतीय संस्कृति और गांधीजी के योगदान का प्रतीक रही है और अब इस पर हमला सीधे भारत की प्रतिष्ठा पर वार है।

भारतीय उच्चायोग ने स्थानीय पुलिस और प्रशासन से इस पूरी घटना की गहन जांच करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उच्चायोग ने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाएं भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच दोस्ताना संबंधों को कमजोर नहीं कर सकतीं। भारतीय समुदाय और गांधीजी के अनुयायियों ने इस घिनौने कृत्य पर गहरा रोष व्यक्त किया है और प्रतिमा की जल्द से जल्द बहाली के साथ दोषियों को कठोर सज़ा देने की मांग की है।

लंदन में घेरि थी विदेश मंत्री जयशंकर की कार

यह घटना किसी एक दिन की सनक नहीं है। लंदन में बैठे खालिस्तानी उपद्रवी पहले भी भारत का अपमान कर चुके हैं। मार्च 2025 की बात है, जब विदेश मंत्री एस. जयशंकर की गाड़ी को लंदन में खालिस्तानी समर्थकों ने घेर लिया था। उस समय स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि एक शख्स सीधे उनकी कार के सामने आकर खड़ा हो गया और हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को फाड़ने की शर्मनाक हरकत कर डाली। विदेश मंत्री लंदन में चैथम हाउस थिंक टैंक के एक विशेष कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे और जैसे ही वे कार्यक्रम से बाहर आए, वहां पहले से मौजूद खालिस्तानी समर्थक नारेबाजी करते हुए उनका रास्ता रोकने लगे।

सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत कार्रवाई कर उस उपद्रवी को पकड़कर गाड़ी से दूर किया, लेकिन यह पूरी घटना विदेश मंत्री की सुरक्षा में गंभीर चूक साबित हुई। भारतीयों में इस कृत्य को लेकर गहरी नाराजगी देखी गई थी और सवाल यह उठा था कि आखिर ब्रिटेन की धरती पर भारत के प्रतीकों और प्रतिनिधियों की गरिमा बार-बार क्यों अपमानित की जा रही है। गांधी प्रतिमा पर हमला और विदेश मंत्री के खिलाफ इस तरह की घिनौनी हरकतें बताती हैं कि लंदन खालिस्तानी उपद्रवियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बन चुका है। ब्रिटिश प्रशासन की नाकामी साफ झलक रही है और यही कारण है कि भारत विरोधी ताकतें और अधिक दुस्साहसी हो रही हैं।

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