मेरठ कृषि मेले में आए इस ‘विधायक’ को देखने के लिए जुट रही भारी भीड़, कीमत सुनकर चौंक जाएंगे आप

'विधायक' केवल नाम ही नहीं, बल्कि भारतीय पशुपालन का सुपरस्टार बन चुका है। हरियाणा के पद्मश्री नरेंद्र सिंह द्वारा लाए गए इस भैंसे ने अपने हर कदम से लोगों को चौंकाया है। नरेंद्र सिंह सालाना इस भैंसे के सीमन की बिक्री से 40 से 50 लाख रुपए कमाते हैं।

वैसे 'विधायक' की दिनचर्या भी किसी सुपरस्टार से कम नहीं है।

वैसे 'विधायक' की दिनचर्या भी किसी सुपरस्टार से कम नहीं है।

मेरठ के कृषि विश्वविद्यालय में लगे मेले की चमक-धमक के बीच एक ऐसा सितारा उभरा, जिसने हर किसी की निगाहें खींच ली। यह कोई आम भैंसा नहीं, बल्कि भारत का सबसे महंगा और मशहूर भैंसा है, विधायक। इसकी कीमत सुनकर लोग बस दांतों तले उंगली दबा लेते हैं। इसकी कीमत पूरे 8 करोड़ रुपए है।

विधायक केवल नाम ही नहीं, बल्कि भारतीय पशुपालन का सुपरस्टार बन चुका है। हरियाणा के पद्मश्री नरेंद्र सिंह द्वारा लाए गए इस भैंसे ने अपने हर कदम से लोगों को चौंकाया है। नरेंद्र सिंह सालाना इस भैंसे के सीमन की बिक्री से 40 से 50 लाख रुपए कमाते हैं। यह केवल एक भैंसा ही नहीं, बल्कि सफलता की कहानी और व्यवसाय का प्रतीक बन चुका है।

किसानों की सफलता का राजदूत

इसकी असली ताकत उसके सीमन और नस्ल सुधार में छिपी है। विधायक के सीमन से जन्म लेने वाली भैंस लगभग 21 किलो दूध प्रतिदिन देती है। किसान इसे खरीदकर अपनी खेती और दूध उत्पादन में सुधार कर सकते हैं। यही वजह है कि विधायक केवल एक मवेशी नहीं, बल्कि किसानों की सफलता का राजदूत बन गया है।

जानें कैसे रहता है ‘विधायक’

वैसे विधायक की दिनचर्या भी किसी सुपरस्टार से कम नहीं है। हरे चारे के अलावा उसे रोजाना काजू-बादाम और 10 लीटर दूध दिया जाता है। जहां वह बैठता है, वहां कूलर और एसी दोनों लगे रहते हैं। सोचिए, एक भैंसा जिसको ठंडा और गर्म दोनों का आराम मिलता हो और उसकी दिनचर्या इतनी शानदार हो कि देखने वाले लोग दांतों तले उंगली दबा लें।

देश भर में विधायक ने आज तक कई खिताब और पुरस्कार जीते हैं। उसका नाम अब केवल मेरठ तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश में पशुपालन और नस्ल सुधार के लिए एक मिशाल बन चुका है। उसकी उपलब्धियां यह दिखाती हैं कि केवल पैसा ही नहीं, बल्कि सही पोषण, देखभाल और मेहनत से किसी भी प्राणी को सुपरस्टार बनाया जा सकता है।

विधायक के बारे में सुनकर आम लोगों में कौतूहल पैदा होना स्वाभाविक है। लोग यह सोचते हैं कि आखिर कैसे एक भैंसा 8 करोड़ का मूल्य हासिल कर सकता है और उसकी दिनचर्या इतनी लक्ज़री से भरी हो सकती है। लेकिन, इस भैंसे की कहानी केवल शोभा या मनोरंजन का विषय नहीं है। यह किसानों को भी सिखाती है कि नस्ल सुधार, पोषण और प्रबंधन किस तरह से मवेशियों की क्षमता को चरम पर ले जा सकते हैं।

विधायक का प्रभाव केवल आर्थिक नहीं है, बल्कि सामाजिक और प्रेरक भी है। यह दिखाता है कि अगर मेहनत, ज्ञान और संसाधनों का सही उपयोग किया जाए, तो किसी भी प्राणी या प्रोजेक्ट को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है। उसका हर कदम और हर खुराक लोगों के लिए कौतूहल और प्रेरणा दोनों का स्रोत बन चुका है।

अब मेरठ के कृषि विश्वविद्यालय में लगे मेले में सिर्फ झूले, खेल या उत्पाद देखने के लिए जाना आम बात है। लेकिन वहां 8 करोड़ का सुपरस्टार भैंसा विधायक इंतजार करता है, जो न केवल लोगों की आंखों को चकित करता है, बल्कि दिल और दिमाग में हैरानी और प्रेरणा दोनों भर देता है।

विधायक की कहानी यह भी सिखाती है कि भारत में पशुपालन केवल व्यवसाय नहीं, बल्कि विज्ञान और लगन का मिश्रण है। सही देखभाल, पोषण और नस्ल सुधार के महत्व को यह भैंसा प्रतीक बनकर दिखा रहा है। उसकी कीमत, उसकी दिनचर्या और उसकी उपलब्धियां सभी को याद दिलाती हैं कि मेहनत और समझदारी से कुछ भी संभव है, भले ही वह कोई इंसान हो या 8 करोड़ का सुपरस्टार भैंसा।

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