भारत में हिंदुओं के पवित्र त्योहारों और पूजा-पाठ पर लगातार हमले होने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। गणेश चतुर्थी, नवरात्रि, दुर्गा पूजा जैसी पवित्र अवसरों पर कभी पत्थरबाजी, कभी तोड़फोड़, और कभी धमकी के मामले सामने आते हैं। अब उत्तर प्रदेश के वाराणसी में यह सिलसिला हनुमान चालीसा तक पहुँच गया है। लोग हैरानी में हैं कि अब सिर्फ त्योहारों पर ही नहीं, बल्कि रोजाना की पूजा-पाठ से भी कुछ कट्टरपंथी मुस्लिम लोगों को परेशानी होने लगी है।
वाराणसी के मदनपुरा में हुआ हैरान करने वाला मामला
मदनपुरा के एक प्राचीन हनुमान मंदिर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें मंदिर के पुजारी को कुछ मुस्लिम लोगों द्वारा धमकाया गया। पुजारी ने बताया कि जब पूजा के समय हनुमान चालीसा का जाप किया जाताा था तो वहां रह रहे मुस्लिम लोगों को इससे परेशानी होती थी।
उन्होंने बताया कि शुरुआत में तो इन लोगों ने कहा कि हनुमान चालीसा की आवाज धीमी करों और यह भी कहा की आवाज इतनी धीमी हो कि हमारे कानों तक सुनाई नही देनी चाहिए। जब पुजारी ने विरोध किया, तो उन्होंने धमकी देना शुरू कर दिया।
वायरल वीडियो में दिखी धमकियाँ और मारपीट
सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हुआ उसमें देखा गया कि दो मुस्लिम लोग पुजारी से पहले बहस करते हैं और फिर उनकी स्कूटी को धक्का भी देते हैं। इसके बाद जब पुजारी हनुमान चालीसा बंद करने के लिए नही माने तब कई लोगों की भीड़ मंदिर में घुस कर उन्हे धमकाने लगी। ये सब देखकर आसपास के लोगों ने आकर बीच-बचाव किया जिससे स्थिति और बिगड़ने से बची।
मंदिर के पुजारी की शिकायत के बाद पुलिस ने अब्दुल नासिर और उसके बेटे को गिरफ्तार कर लिया। दोनों पर धार्मिक आस्था को ठेस पहुँचाने का आरोप लगाया गया है।
हिंदू संगठनों ने किया सामूहिक पाठ
घटना के बाद दर्जनों हिंदू संगठन के लोग मंदिर पहुंचे और सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ किया। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। यह पाठ न केवल पुजारी के हौसले को बढ़ाने के लिए किया गया, बल्कि यह संदेश भी है कि हिंदुओं की आस्था और पूजा-पाठ पर किसी को भी रोकने का हक नहीं है।
पहला मामला नही, पहले भी हो चुके कई मामले
यह कोई पहला मामला नही है जब हिंदू धर्म में पूजा- पाठ का और भगवान का अपमान कर, हिंदुओं को ठेस पहुचाई हो। ऐसे पहले भी कई मामले सामने आ चुके हो-
- सितंबर 2025 में गांधीनगर के बहियाल गांव में कुछ मुस्लिम लोगों ने गरबा उत्सव पर हमला किया और हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुँचाया। यह घटना एक हिंदू व्यक्ति के सोशल मीडिया पर ‘I Love Mahadev’ पोस्ट करने के बाद हुई।
- 1 अक्टूबर 2025 को, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक मुस्लिम व्यक्ति ने दुर्गा मंदिर में शिवलिंग के पास अश्लील हरकत की। इसके बाद, मुस्लिम समुदाय के घरों पर पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएँ हुईं।
- 17 मार्च 2025 को महाराष्ट्र के नागपुर में राम नवमी के जुलूस पर कुछ मुस्लिम समूहों ने हमला किया। उन्होंने दुकानों में आग लगाई और पथराव किया। इस हिंसा में 30 से ज्यादा लोग घायल हुए और एक व्यक्ति की मौत हो गई।
- नवंबर 2024 में, बांग्लादेश के चटगाँव में तीन हिंदू मंदिरों पर मुस्लिम भीड़ ने हमला किया और तोड़फोड़ की। यह घटना एक इस्कॉन सदस्य के खिलाफ राजद्रोह के आरोपों के बाद हुई।
- 17 अप्रैल 2024 बेंगलुरु में तीन हिंदू युवकों पर कुछ मुस्लिम लोगों ने हमला किया क्योंकि वे राम नवमी पर ‘जय श्री राम’ का नारा लगा रहे थे। हमलावरों ने उन्हें ‘अल्लाह हू अकबर’ का नारा लगाने के लिए मजबूर किया।
पूजा-पाठ पर हमलों का बढ़ता सिलसिला
वाराणसी की यह घटना एक बार फिर सवाल खड़ा करती है कि हिंदुओं की धार्मिक आस्था और पूजा-पाठ पर लगातार हमले क्यों होते हैं। गणेश चतुर्थी, नवरात्रि, दीपावली जैसे बड़े त्योहारों पर भी कभी पत्थरबाजी होती है, कभी धमकी दी जाती है। अब यह सिलसिला रोज़मर्रा की पूजा और हनुमान चालीसा तक पहुँच गया है। स्थानीय लोग और धार्मिक संगठन लगातार यह आवाज़ उठाते हैं कि किसी भी धर्म की आस्था और पूजा-पाठ पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वाराणसी में मदनपुरा के हनुमान मंदिर का यह मामला दिखाता है कि हिंदुओं की पूजा और धार्मिक आस्था पर लगातार खतरे मंडरा रहे हैं। पुलिस की कार्रवाई और हिंदू संगठनों का सामूहिक पाठ यह संदेश देता है कि आस्था और पूजा-पाठ के खिलाफ किसी को भी रुकावट डालने का हक नहीं है।
यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि लोग हिंदुओं की आस्था और पूजा-पाठ पर लगातार हमला क्यों कर रहे हैं और समाज को इसके खिलाफ जागरूक और मजबूत होना चाहिए।