बरेली हिंसा मामले में पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस लगातार नए तरीके इजाद कर रही है। इस मामले में पुलिस सीसीटीवी और ड्रोन के फुटेज तो निकाल ही रही है। इसके साथ सोशल मीडिया वीडियो का विश्लेषण भी कर रही है। अब पुलिस ने एक नया सॉफ्टवेयर खरीदा है, जिसका नाम ईगल आई है। यह सॉफ्टवेयर वीडियो से उपद्रवियों की पहचान करने में पुलिस की मदद करेगा। पुलिस ने भ्रामक सूचना फैलाने वाले तीन यूट्यूबरों को भी चिह्नित किया है। अब पुलिस उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने की तैयारी में है।
बरेली हिंसा मामले में वीडियो से उपद्रवियों को का पता लगाने के लिए पुलिस ने ईगल आई नाम जो सॉफ्टवेयर खरीदा है, इसकी मदद से पुलिस को उपद्रवियों की पहचान करने में आसानी होगी। पुलिस के पास अब तक सीसीटीवी, ड्रोन से लेकर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने वाली सभी वीडियो का रिकॉर्ड सुरक्षित हो गया है। इन्हीं वीडियो के आधार पर उपद्रवियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
कैसे काम करता है सॉफ्टवेयर
बरेली हिंसा के दौरान जब उपद्रवियों को चिह्नित करने में समय लगा तो पुलिस ने ईगल आई नाम का साफ्टवेयर खरीद लिया। इस साफ्टवेयर की खासियत है कि इसमें अगर 10 वीडियो एक साथ अपलोड कर दिये गये तो वह सभी वीडियो में शामिल व्यक्ति की तस्वीरें अच्छी क्वालिटी में निकालकर अलग कर देगी। इससे पुलिस को यह सहूलियत हो रही है कि उपद्रव की तमाम वीडियो में से उपद्रवियों को आसानी से चिह्नित किया जा रहा है।
इस सॉफ्टवेयर से अभी आई ट्रिपल सी की वीडियो में से उपद्रवियों की फुटेज निकाली जा रही हैं। इसके बाद ड्रोन और फिर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित वीडियो से फुटेज निकाली जाएगी।बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से जल्द ही सभी उपद्रवियों को चिह्नित कर लिया जाएगा और कार्रवाई की जाएगी।
तीन यूट्यूबर भी किये गए चिह्नित
बरेली हिंसा के दौरान और उसके बाद इंटरनेट मीडिया पर भ्रामक सूचनाएं प्रसारित करने वाले तीन यूट्यूबरों को पुलिस ने चिह्नित कर लिया है। यह यूट्यूबर बारादरी थाना क्षेत्र में हजियापुर और इज्जतनगर थाना क्षेत्र में परतापुर के रहने वाले हैं। अभी तक की जांच में सामने आया है कि इन यूट्यूबरों ने उपद्रव के दौरान इंटरनेट मीडिया पर भ्रामक पोस्ट की थीं।
तौकीर रजा और नफीस के खिलाफ ये है तैयारी
लोकल इंटेलीजेंस यूनिट (एलआईयू) बरेली हिंसा के दौरान उपद्रव में शामिल उपद्रवियों के निगरानी कार्ड खोलने की तैयारी में जुटी है। एक-एक कर ऐसे उपद्रवियों को चिह्नित किया जा रहा है, जिनका निगरानी कार्ड खुलना जरूरी है। इसके बाद वह एलआईयू के रिकार्ड में हमेशा के लिए दर्ज हो जाएंगे।
बरेली हिंसा में पुलिस तौकीर रजा और उसके सहयोगी नफीस के खिलाफ भी तेजी से कार्रवाई चल रही है। अभी तक एलआईयू के रिकॉर्ड में मौलाना तौकीर रजा और नफीस अहमद का निगरानी कार्ड खुलने के बाद उनकी फाइल भी खुल चुकी है। इसके माध्यम से दोनों हमेशा पुलिस प्रशासन की निगरानी में रहते हैं। पुलिस का कहना है कि निगरानी कार्ड उनका खोला जाता है जो लोग खुराफाती होते हैं। पुलिस-प्रशासन को लगता है कि उस व्यक्ति को निगरानी में रखना अनिवार्य है। इसके बाद उनका निगरानी कार्ड एलआईयू बनाकर अपने रिकॉर्ड में दर्ज कर लेती है। एक बार कार्ड खुलने के बाद भी यदि संबंधित व्यक्ति में सुधरने की कोई गुंजाइश नहीं दिखाई देती तो एलआईयू उसकी फाइल भी खोल देती है।