उत्तर प्रदेश में विकास बनाम झूठ: योगी सरकार में विपक्ष के साजिशों की निकली हवा

बरेली, कानपुर, वाराणसी और अन्य जगहों पर इन पोस्टरों के बहाने पत्थरबाजी की गई, दूसरे धर्मों के पोस्टर फाड़े गए और त्योहारी मौसम में जानबूझकर सामुदायिक तनाव पैदा किया गया।

उत्तर प्रदेश में विकास बनाम झूठ: योगी सरकार में विपक्ष के दावों की निकली हवा

उत्तर प्रदेश में विपक्ष और उसका मीडिया पैटर्न साफ दिखता है।

योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया कि विकास और कानून की राह में किसी भी तरह का बहाना टिक नहीं सकता। चुनावी जंग अभी दूर है, लेकिन विपक्ष और उसका मीडिया-इकोसिस्टम पहले ही झूठ और भ्रम फैलाने में जुट गया है। हाल ही में “I Love…” पोस्टर्स का तूफान पूरे राज्य में फैला। पहली नजर में ये पोस्टर भक्ति का प्रतीक लग सकते हैं, लेकिन यह केवल राजनीतिक हथियार हैं।

ये पोस्टर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ झूठी पीड़ित की राजनीति पैदा करने के लिए लगाए गए। उनका संदेश था कि राज्य में मुस्लिमों के साथ अत्याचार हो रहा है और वे खुलकर अपने धर्म का पालन नहीं कर सकते। हालांकि, असलियत इससे पूरी तरह उलट है। बरेली, कानपुर, वाराणसी और अन्य जगहों पर इन पोस्टरों के बहाने पत्थरबाजी की गई, अन्य धर्मों के पोस्टर फाड़े गए और त्योहारी मौसम में जानबूझकर सामुदायिक तनाव पैदा किया गया। साफ शब्दों में कहें तो यह भक्ति नहीं थी, यह सरकार और विकास को रोकने की साजिश थी।

मोहम्मद शाहिद का घर और झूठी पीड़ित की कहानी

पद्मश्री हॉकी खिलाड़ी मोहम्मद शाहिद का नाम भी इस खेल में घसीटा गया। शाहिद ने 1980 मॉस्को ओलंपिक्स में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था और उनका योगदान भारतीय गौरव का प्रतीक है। शाहरुख खान के “चक दे इंडिया” का किरदार उनके जीवन से प्रेरित माना जाता है। लेकिन, वोट बैंक की राजनीति ने उनके नाम और विरासत का भी दुरुपयोग किया।

सोशल मीडिया और विपक्षी प्रचार ने दावा किया कि योगी सरकार ने शाहिद परिवार का घर बेरहमी से बुलडोज़र से गिरा दिया। लेकिन वास्तविकता यह है कि यह सड़क चौड़ीकरण का हिस्सा था। वाराणसी में सिंधोरा से गोलघर कोर्ट तक सड़क चौड़ीकरण के लिए कई घर और दुकानें हटाई गईं। इसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों को उचित मुआवजा और पर्याप्त समय दिया गया। पीडब्ल्यूडी ने ₹3.52 करोड़ का मुआवजा 71 लोगों को वितरित किया।

शाहिद परिवार ने मुआवजा स्वीकार किया और लिखित सहमति दी। इसके बाद भी कुछ रिश्तेदारों ने भावनात्मक प्रदर्शन किया और इसे सोशल मीडिया पर फैलाया, यह दिखाने के लिए कि सरकार निर्दयी है। लेकिन, सच्चाई यह है कि संपत्ति की स्वीकृति और मुआवजा पूरी तरह कानूनी और वैधानिक था।

विपक्ष का खेल: झूठ और भड़काऊ प्रचार

उत्तर प्रदेश में विपक्ष और उसका मीडिया पैटर्न साफ दिखता है। पहले “I Love Prophet” जैसे पोस्टरों का उपयोग कर सामुदायिक तनाव भड़काया जाता है। फिर किसी व्यक्तिगत घटना, जैसे शाहिद परिवार के घर को चुनकर उसे अत्याचार की कहानी में बदल दिया जाता है। यह केवल योगी सरकार, बीजेपी और हिंदू पहचान को निशाना बनाने की कोशिश है। बुलडोज़र क्रूरता का नहीं, न्याय और कानून का प्रतीक है। यह अवैध अतिक्रमण, भ्रष्टाचार और राजनीतिक दुरुपयोग के खिलाफ सख्ती का संदेश भी है।

विकास बनाम झूठी संवेदनशीलता

सड़कों का चौड़ीकरण, नगर विकास और कानून-व्यवस्था लाखों नागरिकों के लिए लाभकारी है। क्या किसी परिवार के बहाने राष्ट्रीय विकास और कानून-व्यवस्था को रोका जाना चाहिए? शाहिद परिवार ने खुद स्वीकार किया कि संपत्ति सड़क चौड़ीकरण परियोजना का हिस्सा थी और मुआवजा लिया गया। बावजूद इसके, कुछ रिश्तेदारों ने इसका राजनीतिक लाभ उठाने के लिए प्रदर्शन किया।

योगी सरकार का संदेश स्पष्ट है कि विकास और कानून की कार्रवाई के मार्ग में कोई झूठी राजनीति या संवेदनशीलता नहीं आ सकती। हिंदू और मुस्लिम दोनों के घर हटाए गए। मुआवजा दिया गया। इसके बाद भी झूठ और मीडिया के सहयोग से केवल मुस्लिम पक्ष को हाईलाइट करके झूठी पीड़ित की कहानी बनाई गई।

सच्चाई की जीत

उत्तर प्रदेश में “I Love…” पोस्टर और शाहिद परिवार के मामले ने यह साफ कर दिया कि कुछ राजनीतिक और मीडिया तत्व केवल झूठ फैलाकर सरकार को निशाना बना रहे हैं। सड़क चौड़ीकरण, कानून-व्यवस्था और विकास परियोजनाओं को रोकने के लिए झूठी संवेदनशीलता का निर्माण किया जा रहा है। जबकि, सच्चाई यही है कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी आगे बढ़ रहा है। सड़कें चौड़ी हो रही हैं, शहर आधुनिक बन रहे हैं और कानून-व्यवस्था कायम है। बुलडोज़र न्याय का प्रतीक है, क्रूरता का नहीं।

कोई पोस्टर, झूठी कहानी या झूठा प्रचार इस प्रगति की गति को नहीं रोक सकता। उत्तर प्रदेश की जनता को यह समझना होगा कि झूठ और राजनीतिक खेल का कोई स्थान नहीं। तथ्य, न्याय और विकास ही अंततः विजयी होंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि विकास, कानून और हिंदू पहचान की रक्षा के लिए कोई भी झूठा प्रचार या राजनीतिक चाल टिक नहीं सकती। इस सरकार का मार्ग निर्णायक, सख्त और प्रगतिशील है।

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