विदेश दौरे और राहुल गांधी की राजनीति, जारी है भारत विरोधी बयानबाजी, जानें कोलंबिया में क्या बोले

राहुल गांधी कोलंबिया की यात्रा पर हैं। यहां एक संवाद कार्यक्रम में उन्होंने भारत के लोकतंत्र पर तो सवाल उठाया ही, भाजपा-आरएसएस की विचारधारा को भी कायरतापूर्ण बता दिया।

विदेश दौरे और राहुल गांधी की राजनीति, जारी है भारत विरोधी बयानबाजी, जानें कोलंबिया में क्या बोले

आखिर कब परिपक्व होंगे राहुल गांधी।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का भारत के खिलाफ विदेशों में चलाया जाने वाला एजेंडा अब भी जारी है। ये देश को शर्मशार करने वाला है। इससे पहले भी वे अमेरिका, यूके, बहरीन और मलेशिया तक जाकर भारत विरोधी बातें कह चुके हैं। भारत के बाहर जहां भी वे गए देश विरोधी बयान दिया। जहां तक बात है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करने की, तो ये तो उनका अधिकार है। वैसे भी लोकतंत्र में विरोध करने का अधिकार हर किसी को है। लेकिन, पीएम मोदी का विरोध करते करते बात जब देश का विरोध करने की हो तो ये कहीं से भी सही नहीं है।

दरअसल, राहुल गांधी कोलंबिया की यात्रा पर हैं। यहां उन्होंने मेडेलिन स्थित ईआईए विश्वविद्यालय में आयोजित एक संवाद कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने भारत के लोकतंत्र पर तो सवाल उठाया ही, भाजपा-आरएसएस की विचारधारा को भी कायरतापूर्ण बताया। राहुल गांधी ने ये भी आरोप लगाया कि भारत में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है।

अब यहां पर गौर करने वाली बात ये है कि लैटिन अमेरिकी देश कोलंबिया में आज तक लोकतंत्र अपनी जड़ें नहीं जमा पाया। वहां कभी स्थिर सरकार रही ही नहीं। ये देश पूरी दुनिया में ड्रग्स की सप्लाई के लिए बदनाम है। ऐसे देश में लोकतंत्र की दुहाई देना और भारत पर कटाक्ष करना कहां तक उचित है। सीधे शब्दों में कहें तो राहुल गांधी क्या बोलते हैं और उसका क्या संदेश जाता है, इसका शायद उन्हें भी ज्ञान नहीं रहता।

खास बात ये कि राहुल गांधी खुद देश में परिवारवाद का पर्याय हैं। ऐसा व्यक्ति जब लोकतंत्र की बात करता है तो देश को पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पीछे से सत्ता चलाने वाली सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी का चेहरा भी याद आता है। लोगों को आपातकाल का वो दौर भी याद आता है, जब देश में लोकतंत्र को कुचल कर रख दिया गया था।

एक नजर राहुल गांधी के विदेश दौरों और बयानों पर

राहुल गांधी का ये दौरा मई 2023 में हुआ था। वे अमेरिका गए थे। उसी समय कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कामयाबी से पार्टी का मनोबल बढ़ा हुआ था। राहुल गांधी ने इस दौरे में भी हर मंच पर पीएम मोदी और उनकी सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने अल्पसंख्यकों,दलितों और अन्य लोगों पर कथित हमलों का भी जिक्र भी किया।

इससे पहले राहुल गांधी मई 2022 में ब्रिटेन के दौरे पर गए थे। यूके में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में आइडियाज फॉर इंडिया सम्मेलन के दौरान राहुल गांधी ने बीजेपी और पीएम मोदी के खिलाफ कई हमले किए और देश में निजी क्षेत्र के एकाधिकार को बढ़ावा देने के लिए सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने CBI और ED का हवाला देते हुए भारत सरकार की तुलना पाकिस्तान सरकार से कर दी थी, जिस पर भारत में काफी बवाल हुआ था।

इससे पहले राहुुल गांधी 2018 में जर्मनी और मलेशिया गए थे। राहुल गांधी ने जर्मनी के हैम्बर्ग में अपने भाषण के दौरान भारत में महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा और देश में बढ़ रही लिंचिंग का मुद्दा उठाया था। राहुल गांधी ने देश में लिंचिंग की घटनाओं को ‘बेरोजगारी की वजह से लोगों में पैदा हुए गुस्से’ से जोड़ा था। इसी साल राहुल मलेशिया के दौरे पर भी पहुंचे थे, जहां उन्होंने कहा कि अगर मैं पीएम होता तो नोटबंदी की फाइल फेंक देता। नोटबंदी नहीं होनी चाहिए।

अगस्त 2018 में सिंगापुर के दौरे के बाद लंदन गए थे, जहां उन्होंने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि आरएसएस भारत की संस्थाओं पर कब्जा करना चाहता है और आरएसएस की सोच अरब देशों की मुस्लिम ब्रदरहुड जैसी है। वहीं कांग्रेस लोगों को जोड़ने का काम करती है।

साल 2017 में राहुल गांधी अमेरिका के 2 हफ्ते के दौरे पर गए थे। अमेरिका में राहुल गांधी ने भारत में बढ़ती हिंसक घटनाओं को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा था। राहुल ने विदेश में जाकर यह बात इसलिए कही, क्योंकि 2017 में सितंबर में बेंगलुरु में एक पत्रकार गौरी लंकेश कि उनके घर में ही हत्या कर दी गई थी। इसका परिणाम यह हुआ कि कुछ ही महीने बाद गुजरात, हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने थे। दोनों राज्यों में कांग्रेस पार्टी चुनाव हार गई थी।

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