पाकिस्तान एक आतंकी मुल्क है और इसमें शायद ही किसी को कोई संशय हो, ख़ुद पाकिस्तान के मित्र भी न सिर्फ इसे अच्छी तरह जानते हैं बल्कि मानते भी हैं, लेकिन अब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी अनवरुल हक़ ने जिस तरह खुलेआम इस बात को स्वीकार किया है कि दिल्ली में लालकिले के पास हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ था, वो न सिर्फ गंभीर है बल्कि ये भी बताता है कि ऑपरेशन सिंदूर क्यों आज वक्त की ज़रूरत है।
PoK विधानसभा में दिए गए इस बयान में हक़ ने न सिर्फ 10 नवंबर को दिल्ली में हुए आतंकी हमले का जिक्र किया, जिसमें 15 लोग मारे गए थे, बल्कि पहलगाम नरसंहार का भी ज़िक्र किया, जहां पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 पर्यटकों की धर्म पूछकर बेरहमी से हत्या कर दी थी। हक़ ने शेखी बघारते हुए इन आतंकी घटनाओं को कुछ ऐसे पेश किया जैसे उन्हें और उनके पूरे देश को इन बेगुनाहों की जान लेने पर गर्व हो।
उन्होंने PoK विधानसभा में कहा कि
“अगर आप बलूचिस्तान को ख़ून में नहलाते रहेंगे, तो हम आपको लाल किले से कश्मीर के जंगलों तक मारेंगे। अल्लाह के फ़ज़ल से ये हमने किया है… हमारे बहादुर लड़कों ने किया है।”
जरा सोचिए ये कोई कट्टरपंथी मौलाना नहीं बल्कि जनता का चुना राजनेता है, PoK प्रशासन का पूर्व प्रमुख है — जो खुलेआम भारत में नागरिकों पर हमले का जश्न मना रहा है। हैरानी की बात ये है कि पाकिस्तान सरकार ने इस बयान से इनकार नहीं किया, न ही इसका खंडन किया, इसके उलट रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान वॉर के लिए तैयार है।
अब अगर भारत सुरक्षा के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए इन आतंकी ठिकानों पर और इसके साजिशकर्ताओं पर हमला करे तो पाकिस्तान और उसके यही आतंकप्रेमी लोग पीड़ित बनते हुए विक्टिम कार्ड खेलना शुरू कर देंगे।
लाल किला ब्लास्ट: ISI-समर्थित जैश का हाथ, भारतीय एजेंसियों ने की पुष्टि
भारत की जांच एजेंसियों ने साफ़ कहा है कि लाल किला धमाका जैश–ए–मोहम्मद (JeM) द्वारा किया गया था। जैश का सरगना मसूद अज़हर है, जिसे संयुक्त राष्ट्र की तरफ़ से ग्लोबल टेररिस्ट नामित किया जा चुका है। लेकिन ये आतंकी पाकिस्तान खातिरदारी के बीच बड़े आराम से न सिर्फ खुलेआम घूम रहा है, बल्कि भारत के ख़िलाफ़ साजिशें भी रच रहा है।
लाल किले में हुए धमाके में जो विस्फोटक इस्तेमाल हुआ था वो अमोनियम नाइट्रेट था जिसमें फ्यूल ऑयल मिलाया गया था। इस धमाके को “व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल” के आतंकी डॉ. उमर ने प्लांट किया था और उसी ने सुसाइड बॉम्बर के रूप में ख़ुद को उड़ा लिया था।
यह मॉड्यूल कश्मीर के शोपियां के मौलवी इरफान अहमद ने बनाया था, जिसके JeM से सीधे संबंध पाए गए।
इरफान अहमद ही पाकिस्तान में मौजूद हैंडलर्स के संदर्भ में था। जैश से संबंध रखने वाले इस मौलवी ने ही वाइट टेरर मॉड्यूल के डॉक्टरों को कट्टर बनाया।
जांच में यह भी सामने आया कि JeM पाकिस्तान की डिजिटल ऐप SadaPay के जरिये फंड जुटा रहा था और महिलाओं की मदद से आत्मघाती हमलों की साजिश पर काम कर रहा था — जिसका नेतृत्व मसूद अजहर की बहन सादिया कर रही है।
लाल किला ब्लास्ट की संदिग्ध डॉ. शाहीन सईद, जिसे “मैडम सर्जन” कहा जाता है, इसी महिला विंग का हिस्सा बताई जा रही है।
पाकिस्तान की पुरानी रणनीति: जनता के सामने शेखी बघारो, अंतरराष्ट्रीय मंच पर ‘इंकार’ करो
यह पहली बार नहीं है। 2020 में भी पाकिस्तान के मंत्री फवाद चौधरी ने पुलवामा को पाकिस्तान की बड़ी कामयाबी बताया था।
उन्होने बकायदा संसद में कहा था:
“हमने हिंदुस्तान को घर में घुसकर मारा… पुलवामा हमारी कामयाबी थी।”
यानी
भारत में हमला करो, हिंदू और भारत विरोधी भावनाएं भड़का कर घरेलू राजनीति में उसका क्रेडिट लो और जब अंतर्राष्ट्रीय मंच पर इसकी जवाबदेही का समय आए तो ख़ुद ही पीड़ित बन कर विक्टिम कार्ड खेलना शुरू कर दो।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की घबराहट
पहलगाम हमले के बाद भारत ने जब ऑपरेशन सिंदूर चलाया और PoK–पाकिस्तान में कई आतंकी ढांचे ध्वस्त किए, तो पाकिस्तान में हड़कंप मच गया। यही नहीं जब पाकिस्तान की सेना ने इसे अपनी लड़ाई मानकर जवाब देने की कोशिश को तो उसके एयरबेस और एयर डिफेंस को हुए नुक़सान ने भी पूरी दुनिया ने देखा।
भारतीय सेनाओं का प्रहार कुछ ऐसा था कि कुछ दिनों के अंदर ही पाकिस्तान घुटनों पर आ गया और सीज़फायर की गुहार लगाई।
पाकिस्तान इस आतंकी हमले का क्रेडिट क्यों ले रहा है?
दरअसल पाकिस्तान मानकर चलता था, पहले भारत पर हमला करो, फिर उसे क़ुबूल भी कर लो, लेकिन भारत उस पर ख़ास प्रतिक्रिया नहीं देगा।
लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने साफ़ कर दिया था कि
“भारत भूमि पर किसी भी पाक समर्थित हमले को सीधा ऐक्ट ऑफ वॉर माना जाएगा” और इसी अनुपात में पाकिस्तान को जवाब भी दिया जा सकेगा।
यानी भारतीय सेना आतंक के ख़िलाफ़ कार्रवाई करते वक्त आतंकियों और उनकी आड़ लेने वाली पाकिस्तानी सेना में अंतर नहीं करेगी। वो पूरी शक्ति के साथ प्रहार करेगी और उसके रास्ते में जो भी आएगा उससे दुश्मन की ही तरह निपटा जाएगा। जबकि अभी तक भारत पाकिस्तान की फौज के साथ सशस्त्र संघर्ष से बचता रहा है और उसके सभी एक्शन आतंकियों के ख़िलाफ़ ही हुए हैं।
लेकिन अब तो PoK का पूर्व PM ही हमले की जिम्मेदारी ले रहा है, यही नहीं हमले में JeM का कनेक्शन भी साबित हो चुका है। पाकिस्तान के नेता खुलेआम भारत को धमकियां दे रहे हैं।
क्या ऑपरेशन सिंदूर 2.0 का समय आ गया है?
ज़ाहिर हैं भारत की नई डॉक्टरीन के हिसाब से ये सब ऐक्ट ऑफ वॉर है और भारत के पास इसका जवाब देने का पूरा अधिकार सुरक्षित है। ज़ाहिर है PoK के पूर्व प्रधानमंत्री का बयान – लक्ष्मण रेखा पार करने जैसा है।
वहीं भारत के प्रधानमंत्री से लेकर गृह मंत्री तक अलग–अलग मंचों के कह चुके हैं कि दिल्ली हमले के साजिशकर्ताओं को बख्शा नहीं जाएगा और जो भी इसके लिए ज़िम्मेदार है उसे उसकी सही जगह तक पहुंचाया जाएगा। यानी अगर इन सारी कड़ियों को जोड़ें तो ये साफ़ है कि भारत इस हमले के बाद चुप नहीं बैठेगा, वैसे भी अब सवाल यह नहीं है कि भारत जवाब देगा या नहीं?
सवाल यह है कि भारत को ऑपरेशन सिंदूर 2.0 कब शुरू करना चाहिए? और किसका स्वरूप कैसा होगा ?
