कट्टरपंथियों के दबाव में झुकी बांग्लादेश की यूनुस सरकार: प्राइमरी स्कूलों में म्यूजिक और पीटी टीचर भर्ती रद्द, शिक्षा प्रणाली और लोकतंत्र पर खतरा

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के गिरने और नई अंतरिम सरकार के गठन के बाद से देश में कट्टरपंथी इस्लामी समूहों का प्रभाव बढ़ गया है। अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा, धर्म आधारित भेदभाव और चरमपंथी बयानबाजी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

कट्टरपंथियों के दबाव में झुकी बांग्लादेश की यूनुस सरकार: प्राइमरी स्कूलों में म्यूजिक और पीटी टीचर भर्ती रद्द, शिक्षा प्रणाली और लोकतंत्र पर खतरा

बांग्लादेश की यूनुस सरकार का यह निर्णय कट्टरपंथियों के दबाव में झुकने का स्पष्ट उदाहरण है।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार, जिसका नेतृत्व नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस कर रहे हैं, कट्टरपंथी इस्लामी समूहों के दबाव में एक बार फिर झुक गई है। सरकार ने हाल ही में सरकारी प्राइमरी स्कूलों में म्यूजिक और फिजिकल एजुकेशन (पीटी) टीचर्स की नियुक्ति रद्द कर दी। यह कदम शिक्षा, युवाओं के सर्वांगीण विकास और लोकतांत्रिक संरचना के लिए गंभीर संकेत देता है।

यूनुस सरकार के इस फैसले का सबसे बड़ा कारण कट्टरपंथी समूहों का लगातार विरोध और धमकियां रही हैं। इन समूहों का कहना था कि सरकारी स्कूलों में केवल धार्मिक शिक्षक ही नियुक्त किए जाएं और अन्य विषयों को पढ़ाने वाले टीचरों की नियुक्ति इस्लाम विरोधी एजेंडा का हिस्सा है। उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि सरकार ने उनकी बात नहीं मानी, तो वे सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे और सरकार को दबाव में ला देंगे।

यूनुस सरकार और बांग्लादेश का राजनीतिक परिदृश्य

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के गिरने और नई अंतरिम सरकार के गठन के बाद से देश में कट्टरपंथी इस्लामी समूहों का प्रभाव बढ़ गया है। अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा, धर्म आधारित भेदभाव और चरमपंथी बयानबाजी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

यूनुस सरकार की अंतरिम स्थिति और राजनीतिक अस्थिरता ने कट्टरपंथियों को खुलकर अपने एजेंडा को लागू करने का अवसर दिया। ऐसे में सरकारी निर्णयों पर चरमपंथियों का दबाव सामान्य हो गया है, और शिक्षा नीति जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में भी उनका प्रभाव दिख रहा है।

म्यूजिक और पीटी टीचर नियुक्ति का महत्व

शिक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि म्यूजिक और फिजिकल एजुकेशन टीचर्स का होना बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है। म्यूजिक शिक्षा बच्चों की रचनात्मक क्षमता, सांस्कृतिक समझ और मानसिक विकास को बढ़ावा देती है। वहीं, पीटी या शारीरिक शिक्षा बच्चों में स्वास्थ्य, अनुशासन और टीम वर्क की भावना विकसित करती है।

इन शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करना न केवल शिक्षा के स्तर को प्रभावित करेगा, बल्कि बच्चों के मानसिक, शारीरिक और सामाजिक विकास पर भी दीर्घकालिक प्रभाव डालेगा। यह कदम बांग्लादेश के भविष्य के लिए चिंताजनक संकेत है।

कट्टरपंथियों का दबाव और उनकी रणनीति

बांग्लादेश में कट्टरपंथी समूहों ने शिक्षा नीति, महिला सुधार और सामाजिक सुधार के कई फैसलों पर लगातार विरोध किया है। म्यूजिक और पीटी टीचर नियुक्ति रद्द करना इसका नवीनतम उदाहरण है।

इन समूहों का तर्क है कि धार्मिक शिक्षकों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और अन्य विषयों का शिक्षा में स्थान बच्चों को चरित्रहीन बना सकता है। इस तरह की मानसिकता शिक्षा की स्वतंत्रता और ज्ञान के विविध दृष्टिकोण के लिए खतरा बनती है।

सरकारी प्रतिक्रिया और नए नियम

ढाका स्थित मीडिया हाउसों के अनुसार, शिक्षा मंत्रालय ने 3 नवंबर 2025 को घोषणा की कि प्राइमरी स्कूलों में म्यूजिक और पीटी टीचर के नए पद रद्द कर दिए गए हैं। पहले नियम में चार कैटेगिरी थीं, लेकिन अब केवल दो कैटेगिरी बची हैं।

सरकारी अधिकारी मसूद अख्तर खान ने कहा कि नए नियमों के तहत म्यूजिक और शारीरिक शिक्षा के टीचरों की नियुक्ति अब नहीं होगी। यह निर्णय स्पष्ट रूप से कट्टरपंथियों के दबाव का परिणाम है।

शैक्षणिक और सामाजिक प्रभाव

इस निर्णय का सबसे बड़ा प्रभाव बच्चों के सर्वांगीण विकास पर पड़ेगा। शिक्षा सिर्फ पाठ्यपुस्तकों तक सीमित नहीं होती; म्यूजिक और शारीरिक शिक्षा जैसे विषय बच्चों की सोच, रचनात्मक क्षमता और सामाजिक समझ को विकसित करते हैं।

इसके अलावा, कट्टरपंथियों का दबाव शिक्षा नीति पर हावी होना समाज में असहिष्णुता और धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देगा। यह केवल शैक्षणिक समस्या नहीं है, बल्कि लोकतांत्रिक और सामाजिक ढांचे के लिए गंभीर खतरा है।

अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर प्रभाव

बांग्लादेश में कट्टरपंथियों के बढ़ते प्रभाव का असर सीधे तौर पर अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर पड़ता है। पिछले साल महिला सुधार पैनल पर विरोध के कारण सरकार को फैसले से पीछे हटना पड़ा था। ऐसे उदाहरण दिखाते हैं कि कट्टरपंथी समूह सामाजिक सुधार और समानता के प्रयासों में बाधक बन सकते हैं।

इस निर्णय से यह भी संकेत मिलता है कि भविष्य में शिक्षा और सामाजिक सुधार के क्षेत्र में कट्टरपंथियों का प्रभाव और बढ़ सकता है।

अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण और आलोचना

बांग्लादेश में कट्टरपंथियों के दबाव में झुकने के फैसले ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता बढ़ा दी है। शिक्षा स्वतंत्रता, मानवाधिकार और समाज में विविधता बनाए रखना किसी भी लोकतंत्र की आधारशिला होती है। यदि सरकार शिक्षा नीतियों में कट्टरपंथियों के दबाव के आगे झुकती रही, तो यह केवल बांग्लादेश में ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नकारात्मक संदेश जाएगा।

भविष्य की चुनौतियां

शिक्षा में स्वतंत्रता की हानि: म्यूजिक और पीटी टीचर की नियुक्ति रद्द होने से शिक्षा प्रणाली की स्वतंत्रता प्रभावित होगी।

सामाजिक और सांस्कृतिक विकास पर असर: बच्चों की रचनात्मकता और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होगा।

कट्टरपंथी प्रभाव में वृद्धि: सरकार के फैसलों पर चरमपंथियों का दबाव बढ़ेगा।

अल्पसंख्यकों और महिलाओं के अधिकारों पर खतरा: सामाजिक सुधार और समानता के प्रयासों को बाधा पहुँचेगी।

बांग्लादेश की यूनुस सरकार का यह निर्णय कट्टरपंथियों के दबाव में झुकने का स्पष्ट उदाहरण है। म्यूजिक और पीटी टीचरों की नियुक्ति रद्द करना केवल शिक्षा नीति का मसला नहीं है, बल्कि यह बच्चों के विकास, समाज की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए गंभीर खतरा है।

बांग्लादेश प्रशासन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सुनिश्चित करना होगा कि शिक्षा और सामाजिक सुधार पर किसी प्रकार का धार्मिक या राजनीतिक दबाव हावी न हो। बच्चों के सर्वांगीण विकास, शिक्षा की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की मजबूती के लिए यह आवश्यक है कि कट्टरपंथियों के दबाव में झुकने की प्रवृत्ति को रोका जाए।

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