दिल्ली धमाका: जम्मू कश्मीर में जमात ए इस्लामी से जुड़े 200 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी, वाइट कॉलर आतंकी मॉड्यूल से जुड़े हो सकते हैं तारू

जमात ए इस्लामी के ठिकानों पर छापेमारी

दिल्ली धमाके के तार कश्मीर और पाकिस्तान से जुड़ने के बाद एजेंसियों ने अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।  जम्मूकश्मीर पुलिस ने आज एक बड़ा अभियान चलाकर कश्मीर में 200 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की है। ये छापे प्रतिबंधित संगठन जमातइस्लामी (JeI) से जुड़े लोगों और ठिकानों पर मारे गए हैं। जानकारी के मुताबिक़ सोपोर, कुलगाम और श्रीनगर समेत कई इलाकों में जम्मू-कश्मीर पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।कार्रवाई का मकसद संगठन की गतिविधियों और फंडिंग चैनलों की जांच करना है।

पुलिस ने बताया कि छापे यूएपीए (Unlawful Activities Prevention Act) के तहत दर्ज मामलों के सिलसिले में मारे गए। इस दौरान पुलिस ने बैंक रिकॉर्ड, संपत्ति के दस्तावेज, नोट्स और कई डिजिटल डिवाइस जब्त किए हैं, जिनमें जमात से जुड़े लेनदेन और कट्टरपंथी सामग्री के सबूत मिले हैं। पुलिस के मुताबिक, यह कार्रवाई अलगाववादीआतंकी नेटवर्क को तोड़ने, उनकी फंडिंग रोकने और कट्टरपंथी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के प्रयास का हिस्सा है।

इससे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इसी साल तीन जमातइस्लामी सदस्यों और एक ट्रस्ट पर आतंकी फंडिंग के आरोप तय किए थे। जमातइस्लामी को पहले ही अवैध संगठन घोषित किया जा चुका है। संगठन पर लंबे समय से आतंकी समूहों के फ्रंट संगठन के रूप में काम करने, भर्ती कराने, कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार करने, ब्रेनवॉश करने और टेरर फंडिंग के आरोप हैं।

ये छापे भी ख़ास तौर पर जमात की वित्तीय गतिविधियों और ग्राउंड नेटवर्क का पता लगाने के लिए मारे गए हैं,—जिसमें बैंक खाते, संपत्ति निवेश, दान की रकम और फॉरेन फंडिंग के स्रोत शामिल हैं।

वाइट कॉलर आतंकवाद और टेरर फंडिंग के कनेक्शन की जांच
ये छापे ऐसे समय मारे गए हैं, जबकि देश की राजधानी दिल्ली में हुए ब्लास्ट और हरियाणा के फरीदाबाद में क़रीब 3 टन विस्फोटक और गोला बारूद के पकड़े जाने के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं।
जाँच अधिकारियों का मानना है कि तीनों घटनाएंकश्मीर, फरीदाबाद और दिल्लीकिसी न किसी रूप में आपस में जुड़ी हो सकती हैं।

फरीदाबाद में डॉक्टर मुजम्मिल शकील और उनकी सहयोगी डॉक्टर शाहीन शाहिद की गिरफ्तारी के बाद भारी मात्रा में विस्फोटक, हथियार और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद हुए थे। पुलिस का कहना है कि इन वाइट कॉलर्स पेशेवरों का उपयोग आतंकी नेटवर्क अपने कवर के रूप में कर रहे थे ताकि संदेह न हो। कुछ दिन बाद दिल्ली में एक कार ब्लास्ट में कई लोगों की मौत हुई, जिसका संबंध इन्हीं मॉड्यूल से जोड़ा जा रहा है।

सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि अब एक बड़ी आतंकी पारिस्थितिकी (ecosystem) सामने आ रही हैजहां कश्मीर से लेकर दिल्लीएनसीआर तक फैला नेटवर्क, पेशेवर लोगों के कवर में, किराए के घरों और वाहनों का उपयोग कर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश कर रहा है।

इसी वजह से जम्मू कश्मीर में हुई कार्रवाई को अहम माना जा रहा है, ताकि टेरर फंडिंग या ऐसे चैनल्स की जड़ें काटी जा सकें।
जांच एजेंसियां अब इस नेटवर्क के वित्तीय प्रवाह, फंडिंग चैनलों और कनेक्शन की कड़ियों को जोड़ने में जुटी हैं ताकि देशभर में सक्रिय इस मॉड्यूल को पूरी तरह ध्वस्त किया जा सके।

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