बिहार में विराट जीत के बाद नीतीश कुमार की अगुवाई में एक बार फिर सरकार गठन की तैयारी है। लेकिन इसी बीच भाजपा की तरफ़ से मणिपुर में भी सरकार गठन की तैयारियां तेज़ कर दी गई हैं।
गौरतलब है कि भाजपा नेता एन. बीरेन सिंह ने इसी साल 9 फरवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से ही मणिपुर में 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन (Manipur president rule) लागू है। मई, 2023 में मैतेई और कुकी–जो के बीच शुरू हुए जातीय संघर्ष से निपटने के उनके सरकार के तरीके को लेकर आलोचनाओं के बीच यह फैसला लिया गया था।
संगठन महामंत्री बीएल.संतोष ने टटोली संभावनाएं
लेकिन अब 8 महीने से ज्यादा का समय बीतने के बाद बीजेपी ने एक बार फिर प्रदेश में सरकार गठन की संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दी हैं। जानकारी के मुताबिक़ भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल संतोष खुद इसके लिए इसी हफ्ते मणिपुर पहुंचे और जनता का मूड भाँपने की कोशिश की।
जानकारी के अनुसार बी.एल. संतोष इस सप्ताह बुधवार–बृहस्पतिवार मणिपुर के दौरे पर थे, जहां भाजपा सांसद संबित पात्रा भी उनके साथ थे। संबित पात्रा पूर्वोत्तर में भाजपा के समन्वयक भी हैं।
जनता के बीच जाकर भांपा मूड
दोनों नेताओं ने मणिपुर में अलग–अलग वर्ग, नेताओं और जन संगठनों के साथ कई बैठकें की और सरकार गठन को लेकर उनके विचार समझे।
इस दौरान कुकी, मैतेई और नगा समूह के प्रबुद्ध लोगों से अलग-अलग बैठकें की गईं।दोनों नेता मैतेई और कुकी के कैम्प में भी गए और वहां जनता से सीधा संवाद भी किया।
इसके अलावा राजनीतिक स्तर पर भी कई बैठकें की गईं, जिसमें पार्टी के प्रदेश स्तर के नेताओं से लेकर ज़िला और मंडल स्तर के नेताओं–पदाधिकारियों के साथ भी सरकार गठन को लेकर चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त पार्टी के विधायकों के साथ अलग बैठकें की गईं।
सूत्रों की मानें तो मणिपुर में पार्टी के अधिकांश नेता, पदाधिकारी और विधायक जल्द से जल्द सरकार गठन के पक्ष में हैं। यही नहीं जनता और विभिन्न समुदायों के प्रभावशाली व्यक्ति भी चाहते हैं कि जल्द से जल्द चुनी हुई सरकार प्रदेश की कमान संभाले, ऐसे में अगर सब कुछ सही रहा तो इसी महीने के अंत या दिसंबर के प्रथम सप्ताह में मणिपुर को नई सरकार मिल सकती है।
हालांकि मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा? इसे लेकर अभी भी मंथन जारी है और सर्वसहमति बनाने का प्रयास चल रहा है, लेकिन जानकारी के मुताबिक़ पूर्व मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह इस बार रेस से बाहर बताए जा रहे हैं।
फ़िलहाल 60 सदस्यों वाली मणिपुर विधानसभा में 59 विधायक हैं, एक सीट एक विधायक की मृत्यु के कारण रिक्त है। इसके अलावा भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में 32 मैतेई विधायक, तीन मणिपुरी मुस्लिम विधायक और नौ नागा विधायक – कुल मिलाकर 44 विधायक हैं। वहीं कांग्रेस के पास पांच विधायक हैं, ये सभी मैतेई समुदाय से आते हैं। जबकि शेष 10 विधायक कुकी समुदाय से संबंध रखते हैं और उनमें भी सात ने पिछला चुनाव भाजपा के टिकट पर जीता था।
