मध्य प्रदेश में धर्मान्तरण का मामला आया सामने

मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में कथित धर्मांतरण का गंभीर मामला सामने आया है। बड़वास तहसील के गुडल डांग गांव में ग्रामीणों को 25-25 हजार रुपये, बेहतर भविष्य और बच्चों की शिक्षा का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है

मध्य प्रदेश में धर्मान्तरण का मामला आया सामने.

मध्य प्रदेश में धर्मान्तरण का मामला आया सामने.

लालच, नौकरी और पैसे का जाल: 25-25 हजार देकर कराया जा रहा था धर्मांतरण, सरकारी शिक्षक-पटवारी-पादरी जेल में

बड़वास (शहडोल)।
मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में कथित धर्मांतरण का गंभीर मामला सामने आया है। बड़वास तहसील के गुडल डांग गांव में ग्रामीणों को 25-25 हजार रुपये, बेहतर भविष्य और बच्चों की शिक्षा का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन सरकारी शिक्षकों, एक पटवारी और एक पादरी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

पुलिस के मुताबिक रविवार को वन भूमि पर अवैध रूप से चर्च बनाकर प्रार्थना सभा आयोजित की जा रही थी। सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची और जांच के बाद धर्मांतरण से जुड़े साक्ष्य मिलने पर कार्रवाई की गई।

ये लोग हुए गिरफ्तार

भुजंग चंद (पटवारी) – गुडल डांग क्षेत्र में पदस्थ

वीरेंद्र कुमार टिंकी (शिक्षक) – प्राथमिक विद्यालय

अनिता भगत (शिक्षिका) – प्राथमिक विद्यालय

राजपति बाई टिंकी (शिक्षिका) – 24 वर्षों से पदस्थ

पादरी अम्बी – लंबे समय से क्षेत्र में सक्रिय

जांच में सामने आया है कि आरोपी पिछले 24 से 27 वर्षों से सरकारी सेवा में रहते हुए गांव-गांव जाकर लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित कर रहे थे। ग्रामीणों को आर्थिक सहायता, इलाज, शिक्षा और रोजगार का प्रलोभन दिया जा रहा था।

सरपंच की शिकायत पर दर्ज हुई FIR

ग्राम पंचायत के सरपंच ने पूरे मामले की शिकायत थाने में दर्ज कराई, जिसके बाद मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 के तहत केस दर्ज किया गया। सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

कानून क्या कहता है

धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत दोष सिद्ध होने पर 2 से 10 साल तक की सजा और 50 हजार रुपये तक जुर्माना हो सकता है।

पुलिस का साफ संदेश

पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि यदि जिले के अन्य इलाकों से भी ऐसे मामले सामने आते हैं, तो और गिरफ्तारियां होंगी और सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

नये साल के अवसर पर ही बढ़ते हैँ मामले
दरअसल नये साल के अवसर पर ही धर्मान्तरण के मामले बढ़ते हैँ.क्योंकि 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच खासतौर पर क्रिसमस से नये साल तक ईशाई समुदाय के कार्यक्रम होते हैँ और इसी दौरान वो नये नये लोगों को अलग अलग तरीके से ईसाई धर्म में शामिल करते हैँ..

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